इंदौर प्रेस क्लब में इंदौर के कुल पत्रकारों से दोगुना ज्यादा सदस्य हैं। इस मामले को लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है। जब भी प्रेस क्लब के चुनाव आते हैं, नए सदस्यों की भर्ती शुरू हो जाती है। ये सदस्य जरूरी नहीं कि पत्रकार हों। इंदौर के करीब सभी छुटभये नेता, जमीन के घोटालेबाज और दलाल टाइप के लोग भी प्रेस क्लब के सदस्य हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि इसकी आड़ में कुछ धंधेबाज पत्रकार भी पैदा हो गए हैं, जो सदस्य बनाने के नाम पर वसूली करने से बाज नहीं आते।
ताजा मामला जमीनों के एक घोटालेबाज प्रफुल्ल सकलेचा और उसके एक साथी पंकज शर्मा, जो मिठाई की दुकान चलाते हैं, को प्रेस क्लब की सदस्यता दिलवाने का। सकलेचा ने 23 फर्जी कम्पनी बनाकर जमीनों का फर्जीवाड़े किया और विभिन्न अदालतों में 38 मामले विचाराधीन हैं। सकलेचा ने कुछ दिन पहले एक शाम का अखबार निकाला, फिर बंद कर दिया। जब कुछ मामलों में सकलेचा के खिलाफ आवाज उठी, तो वो फरार हो गए। प्रशासन और पुलिस की कार्रवाई से बचने के लिए प्रफुल्ल सकलेचा ने प्रेस क्लब का सदस्य बनने की चाल चली है। इस काम में उनकी मदद ‘दबंग दुनिया’ का एक रिपोर्टर नुमा पत्रकार कर रहा है। आरोप है कि उसने प्रफुल्ल सकलेचा और पंकज शर्मा की सदस्यता के लिए रुपए भी लिए हैं। इस आश्वासन के बाद कि जब भी प्रेस क्लब की मीटिंग होगी, इन दोनों जमीन घोटालेबाजों को प्रेस क्लब की सदस्यता मिल जाएगी। लेकिन, बात खुल जाने के बाद मामला उलझ गया।