संपादक होने के नाम पर अपने परिवार के लोगों को परेशान करने वाले और ठगी की संस्था चलाने वाले जयप्रकाश मिश्र की काली कारतूत के बारे में जानकारी देना चाहता हूं… भड़ास पर मारपीट किए जाने की खबर जो छपी है, वह एकतरफा है. अब खबर की सच्चाई जान लीजिए.
वेब जनलिस्ट जय प्रकाश मिश्र दिल्ली में 5 वर्षों से रहकर पुराने किताब वसूल कर गरीब बच्चों के लिए पुस्तकालय खोलने की आड़ में दिल्ली से लेकर गोपालगंज तक के लोगों को ठगने का काम किया है.
इस काम में इसने अपने भाई, पत्नी, पिता और माँ के नाम से संस्था बनाकर लोगों को भ्रमित करता रहा. इतना ही नहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का मीडिया सलाहकार बताकर अधिकारियों को प्रभाव में लेता है और फिर अपने परिवार के लोगों को परेशान करता है.
जयप्रकाश मिश्र ने अपने पिता सुदामा नंद मिश्र और अपने भाई के साथ मिलकर अपने चाचा लोगों की जमीन पर कब्जा किये हुए है. खुद के पत्रकार होने के नाम पर परिवार के लोगों पर झूठे केस कर परेशान कर रहा है.
अपने को विभिन्न अखबार और वेब पोर्टल का संपादक, पत्रकार और नेताओं का मीडिया सलाहकार बताने वाले मेरे भतीजे जयप्रकाश मिश्र से भड़ास मीडिया के माननीय संपादक जी सतर्क रहें. वे भड़ास पोर्टल का दुरुपयोग कर अपना काम कर रहा है. पिटाई की खबर पूरी तरह गलत है.
अखिलानंद मिश्र
पत्रकार
गोपालगंज
बिहार
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पूरे प्रकरण को समझने के लिए ये मूल खबर पढ़ें-