Sanjay Saini : जयपुर के लेबर कोर्ट ने दैनिक भास्कर जयपुर प्रबंधन को करारा झटका दिया है। दैनिक भास्कर के 21 कर्मचारियों ने अपने निलंबन को भारतीय ट्रेड यूनियन केन्द्र (सीटू) के जरिए लेबर कोर्ट जयपुर में चुनौती दे रखी है। समझौता वार्ता खारिज होने के बाद सरकार ने रेफरेंस बना कर लेबर कोर्ट को भेजा था, जहां कर्मचारी अपना केस लड़ रहे हैं। लेबर कोर्ट ने दैनिक भास्कर प्रबंधन को नोटिस जारी किया था। कई महीनों तक भास्कर प्रबंधन ने जवाब ही नहीं दिया।
इस बीच भास्कर प्रबंधन के वकील रूबीन काला ने होशियारी दिखाते प्रारंभिक आपत्तियां पेश करते हुए कोर्ट से केस खारिज करने का अनुरोध किया। इन आपत्तियों में कहा गया था कि राज्य सरकार का रेफरेंस तथ्यों से परे है और कानूनी दशा को नजरअंदाज करते हुए अदालत को निर्णय के लिए भेजा है जो बैड रेफरेंस की श्रेणी में आता है जो पोषनीय नहीं है। प्रार्थी कर्मचारियों का वाद मय हर्जे खर्चे के खारिज किए जाने योज्य है।
इसके जवाब में सीटू और भास्कर कर्मचारियों के वकील जगदीश गुप्ता ने जवाब पेश किया कि सुप्रीमकोर्ट और हाईकोर्ट के विभिन्न निर्णयों के अनुसार अदालत को यह तय करने का अधिकार नहीं है कि रेफरेंस सही है या गलत। यह तो सरकार तय कर चुकी है। प्रारंभिक आपत्तियों के आधार पर रेफरेंस खारिज नहीं किया जा सकता। यह विवाद कर्मचारियों को काम पर जाने से रोकने का है।
लेबर कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला दिया कि अप्रार्थी (डीबी कॉर्प) को पहले स्टेटमेंट अॅाफ क्लेम के संबध में विस्तार से जवाब पेश करे। प्रारंभिक आपत्तियों के आधार पर रेफरेंस खारिज नहीं किया जा सकता। ऐसे में (अप्रार्थी डीबी कॉर्प) की रेफरेंस खारिज किए जाने की प्रार्थना खारिज की जाती है।
मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ रहे राजस्थान के पत्रकार संजय सैनी के एफबी वॉल से.