: कर्मचारियों को मिलेगी वार्षिक वेतन वृद्धि : मेरठ : ‘दैनिक जनवाणी’ की चौथी वर्षगांठ पर प्रबंधन ने कर्मचारियों को नायाब तोहफा दिया। गॉडविन ग्रुप के निदेशक जितेंद्र सिंह बाजवा ने मंच से कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि की घोषणा की। इससे कर्मचारियों में उल्लास का ऐसा रंग छा गया, मानो होली के रंग बिखर गए। कर्मचारियों ने तालियों की गडगडाहट से कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। ‘दैनिक जनवाणी’ की चौथी वर्षगांठ कार्यालय परिसर में रविवार को धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर निदेशक भूपेंद्र सिंह बाजवा, जितेंद्र सिंह बाजवा और समूह संपादक यशपाल सिंह ने केक काटा। इस दौरान उत्तराखंड के स्थानीय संपादक योगेश भट्ट भी मौजूद रहे।
निदेशक जितेंद्र सिंह बाजवा ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया और कहा कि आप सभी लोग परिवार के अंग हैं। वह कॉरपोरेट की तरह नहीं को-आपरेशन से अखबार प्रकाशित करना चाहते हैं। उन्होंने पत्रकारिता के उत्कृष्ट मापदंडों को आधार बनाकर चलने के लिए प्रेरित किया। निदेशक के कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि देने की घोषणा से कर्मचारियों ने भी उन्हें और बेहतर कार्य करने का भरोसा दिलाया।
‘दैनिक जनवाणी’ का 14 फरवरी 2011 को मेरठ से चार साल पूर्व धमाकेदार आगाज हुआ था। मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर में ‘दैनिक जनवाणी’ पाठकों के बीच छाया रहा। इसके बाद ‘दैनिक जनवाणी’ ने पीछे मु़डकर नहीं देखा और दिन प्रतिदिन पत्रकारिता के क्षेत्र में नए आयाम गढे। दो साल पूर्व उत्तराखंड में भी ‘दैनिक जनवाणी’ ने शानदार शुरुआत की, जो निरंतर जारी है। इसके अलावा ‘दैनिक जनवाणी’ वेस्ट यूपी के मुरादाबाद, अमरोहा, गजरौला, रामपुर, हापु़ड, बुलंदशहर और खुर्जा में अपने पाठकों के बीच रोजाना पहुंच रहा है। इस दौरान ‘दैनिक जनवाणी’ ने कई एडिशन लांच किए और सर्कुलेशन में विस्तार किया। आज ‘दैनिक जनवाणी’ वेस्ट यूपी और उत्तराखंड में पाठकों के बीच छाया हुआ है।
प्रेस विज्ञप्ति
Comments on “‘दैनिक जनवाणी’ की चौथी वर्षगांठ पर प्रबंधन ने कर्मचारियों को दिया तोहफा”
janwani ke maliko ne moradabad me kk chauhan se 4 saal kam kraya lekin mandey ke Rs. 40,000 mar liye ye hai janwani ki hakikt sardar ji ne mere seth beeemni ki hai 4 saal me pahlibar pase badaye honge
मेरठ से प्रकाशित दैनिक जनवाणी ने भले ही चौथी सालगिरह पर अपने कर्मचारियों के पैसे बढ़ा दिए हो, लेकिन मुरादाबाद में फरवरी 2011 से काम कर रहे केके चौहान के 40,000 रुपये मानदेय के आज तक नहीं दिए। दो साल तक समूह संपादक वादा करते रहे, लेकिन वह भी अपनी मजबूरी बता देते कि मालिक देना नहीं चाह रहे। फिर विज्ञापन से दिलाने का वादा किया, लेकिन विज्ञापन का पेमेंट भी ले लिया और मानदेय आज भी बकाया है। मेरी तरफ विज्ञापन के 10,000 बाकी हैं जो मैं भी नहीं देने वाला हूं। दैनिक जनवाणी में मोहित शर्मा सबसे बड़ा बेइमान है जिसने दस हजार रुपये के विज्ञापन के 30,000 रुपये वसूले जिससे मेरी एक पार्टी नाराज हो गई, ऐसे लोगों से मैने नाता तोड़ लिया है।