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सुख-दुख

खाने का सामान ऑनलाइन मंगाने से बचें

अशोक वर्मा-

चार वर्ष पहले मेरे पेरो के साथ एक समस्या पैदा हो गयी थी दोस्तो, जिसके कारण मैं थोडी ही दूर तक पैदल चल सकता हूं। इसलिए मैं आनलाईन सामान खरीद लेता हूं।मेरा ये अनुभव है कि आनलाईन खाने का सामान कभी भी न लें ।

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आनलाईन वैबसाइट से अच्छा सामान प्राप्त करना मुमकिन नहीं है। मैंने Flipkart से सूखे अंजीर मंगाए थे , वो बहुत घटिया निकले।

एक अजीब बात है कि आप महंगे दाम वाले देखो या थोड़ा कम दाम वाले देखो , तस्वीर दोनों कैटेगरी में बिल्कुल वही लगी होती है, जिसके कारण आप भर्मित हो जाते हैं,। इसलिए खाने का सामान कभी फ्लिपकार्ट से तो नहीं खरीदना।

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दो पैसे महंगी मिले तो भी लोकल दुकानदार से लें कम से कम खराब चीज को आप वापस तो दे सकते हैं।मैं कभी फ्लिपकार्ट से नहीं खरीदूंगा।

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1 Comment

1 Comment

  1. अशोक कुमार शर्मा

    February 12, 2023 at 5:18 pm

    यह एक बिल्कुल नया विषय है लेकिन बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है कि ऑनलाइन से सामान मंगाने के नाम पर क्या-क्या हो रहा है?
    ई-कॉमर्स की दुनिया में अत्यंत विख्यात अमेज़न उसे मैंने कुछ समय पहले रेडीमेड पराठे के 4 पैकेट आर्डर किए जिनमें से प्रत्येक में, विज्ञापन के अनुसार, पांच पांच पराठे होने चाहिए थे। लेकिन जब मैंने उस पैकेट को खोला तो प्रत्येक में गुटखे के पैकेट के आकार के, 5 पैकेट रखे हुए थे जिनके ऊपर लिखा था रेडीमेड मिक्स पराठा मसाला। इसके बाद में मैंने अमेजॉन से संपर्क किया और उन्हें विज्ञापन का फोटो भेजते हुए कहा कि यह तो धोखाधड़ी है दिखा कुछ रहे हैं भेज कुछ रहे हैं। इस पर अमेजन ने लाचारी दिखाई कि कंपनी ने मिक्स पराठा मसाले का विज्ञापन मिक्स पर पराठों के पैकेट की तरह से, किया है इस पर कार्यवाही करेंगे लेकिन उन्होंने विज्ञापन में साफ लिखा है कि एक बार मंगाया और सामान वापस नहीं होगा और बदला भी नहीं जाएगा। आपको यह पढ़ना चाहिए था क्योंकि अब कुछ नहीं हो सकता।
    ऑनलाइन खानेपीने के विज्ञापन की दुनिया में इतनी धोखाधड़ी है कि लखनऊ में सबसे प्रतिष्ठित मिष्ठान और खाने-पीने की सामग्री बनाने वाली कंपनी मधुरिमा गोमती नगर के नाम से जोमैटो पर एक फर्जी कंपनी भी बना ली गई है और उसे बाकायदा जोमैटो ने रजिस्टर भी कर लिया है। असली मधुरिमा का मिष्ठान तथा सारा खाना देसी घी में बनता और बहुत जायकेदार होता है। एक बार कुछ परिवार के लोगों के लिए मैंने जब ऑर्डर करना चाहा तो यह आप नहीं पाया कि नकली मधुरिमा कौन सा है और असली कौन सा है क्योंकि विज्ञापन दोनों के एक ही जैसे थे। खाना घर आ गया तो पता चला कि 1:30 ₹4 का चूना लग चुका था। वह खाना सिर्फ फेंका ही जा सकता था। जब जोमैटो को फोन किया गया, तो कंपनी ने यह कहते हो पल्ला झाड़ लिया कि मधुरिमा गोमती नगर और मधुरिमा इंदिरानगर दोनों अलग-अलग कंपनियां हैं। यह है कि जीएसटी डिपार्टमेंट में इंदिरा नगर वाली कंपनी रजिस्टर ही नहीं है। लेकिन वह ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रही है। जाहिर है कि इस धोखाधड़ी में केवल जोमैटो शामिल नहीं होगा।

    ऑनलाइन सामान मंगाना जोखिम का काम है क्योंकि भारत में धोखाधड़ी से लोगों को ठगना इस समय चरम शिखर पर है और कोई भी इन ठगों के खिलाफ कुछ भी नहीं कर रहा है। राजनीति और प्रशासन के बड़े लोगों के खिलाफ यदि कुछ भी लिखिए तो तुरंत ही कोई ना कोई कानूनी कार्रवाई हो जाएगी परंतु इन ठगों के खिलाफ आप लाख सोशल मीडिया पर भड़ास निकाल लें, उनका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है।

    कोरोना के प्रचंड तांडव के दौरान, मैंने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखकर इलेक्ट्रॉनिक मल्टी यूज़ शेवर मंगाया, उसे सोनीपत इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित हरियाणा की एक कंपनी से देल्हीवरी कोरियर कंपनी ने मेरे पास पहुंचाया। करीब ₹2500 के इस उत्पाद को जब मैंने खोला तो उसमें बच्चों के खिलौने जैसा एक रेजर रखा था जो किसी काम का नहीं था। मैंने इसके बाद हरियाणा पुलिस से लेकर जितने भी संपर्क सूत्र हो सकते थे सबको लपेटे में लेने की कोशिश की मगर उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की और वह कंपनी साफ बच निकली।

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