Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है, क्या मेरे हक में वो फैसला देगा?

मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है, क्या मेरे हक में वो फैसला देगा? मैं रवीश सर की इस बात से सहमत हूं कि प्रोपोगेंडा ही एजेंडा है और अरविन्द सर की इस बात से भी सहमत हूं कि सब मिले हुए है। आपको इन दोनों कथनों का अर्थ जानने के लिए पहले वकील फली एस नरीमन के बारे में जानने की जरुरत है। फली एस नरीमन देश के मशहूर कानूनविद और सुप्रीम कोर्ट के वकील है। वे एक बार पद्म भूषण और एक बार पद्म विभूषण से भी सम्मानित हो चुके है। यूं तो अलावा नरीमन साहब की कई उपलब्धियां हैं। पर आपको इतना जान लेने की जरुरत है कि वे राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और भोपाल गैस त्रासदी में यूनियन कार्बाइड के पक्ष की वकालत कर चुके हैं।

<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({ google_ad_client: "ca-pub-7095147807319647", enable_page_level_ads: true }); </script><p>मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है, क्या मेरे हक में वो फैसला देगा? मैं रवीश सर की इस बात से सहमत हूं कि प्रोपोगेंडा ही एजेंडा है और अरविन्द सर की इस बात से भी सहमत हूं कि सब मिले हुए है। आपको इन दोनों कथनों का अर्थ जानने के लिए पहले वकील फली एस नरीमन के बारे में जानने की जरुरत है। फली एस नरीमन देश के मशहूर कानूनविद और सुप्रीम कोर्ट के वकील है। वे एक बार पद्म भूषण और एक बार पद्म विभूषण से भी सम्मानित हो चुके है। यूं तो अलावा नरीमन साहब की कई उपलब्धियां हैं। पर आपको इतना जान लेने की जरुरत है कि वे राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और भोपाल गैस त्रासदी में यूनियन कार्बाइड के पक्ष की वकालत कर चुके हैं।</p>

मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है, क्या मेरे हक में वो फैसला देगा? मैं रवीश सर की इस बात से सहमत हूं कि प्रोपोगेंडा ही एजेंडा है और अरविन्द सर की इस बात से भी सहमत हूं कि सब मिले हुए है। आपको इन दोनों कथनों का अर्थ जानने के लिए पहले वकील फली एस नरीमन के बारे में जानने की जरुरत है। फली एस नरीमन देश के मशहूर कानूनविद और सुप्रीम कोर्ट के वकील है। वे एक बार पद्म भूषण और एक बार पद्म विभूषण से भी सम्मानित हो चुके है। यूं तो अलावा नरीमन साहब की कई उपलब्धियां हैं। पर आपको इतना जान लेने की जरुरत है कि वे राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और भोपाल गैस त्रासदी में यूनियन कार्बाइड के पक्ष की वकालत कर चुके हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

खैर। इन दिनों देश में अभिव्यक्ति की आजादी पर खतरे का शोर है और उसे बचाने की ndtv की पहल पर नरीमन साहब ने भी उस कार्यक्रम में अपना लेक्चर दिया है। अब आप सोच रहे होंगे कि नरीमन साहब ने अभिव्यक्ति की आजादी पर स्पीच दिया तो मेरे पेट में मरोड़ क्यों उठ रही है? तो आप इतना जान लीजिए कि मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है, क्या मेरे हक़ में वो फैसला देगा? कहने का अर्थ है भोपाल गैस त्रासदी में यूनियन कार्बाइड का पक्ष लेने वाले नरीमन साहब मीडिया मालिकान से चल रही पत्रकारों की मजीठिया की लड़ाई में मीडिया मालिको की ओर से है।

और पत्रकारों के हक़ की हर उस आवाज को दबा देने के लिए प्रयासरत हैं जो न सिर्फ अभिव्यक्ति की आजादी हत्या करती है बल्कि पत्रकारों के अधिकारों का गला घोंट देती है। हां, बात अभिव्यक्ति की आजादी का है तो उन्हें बोलने से रोका तो नही जा सकता। पर अभिव्यक्ति की आजादी की लड़ाई के नाम पर किये जा रहे प्रोपोगेंडा पर लहालोट हो रहे पत्रकारों द्वारा आर्थिक अपराधों के दोषी प्रणव रॉय को बचाने के षड़यंत्र को तो समझा ही जा सकता है। जो बंदा पत्रकारों का नहीं हो सका, वह कैसे किसी चैनल की आजादी का पक्षधर हो गया यह बड़ा सवाल है। रविश सर आजादी के पक्षधर हैं और नरीमन साहब मीडिया मालिको के सहचर। अब दोनों मिलकर मीडिया की आजादी की लड़ाई का कौन सा समीकरण बना रहे हैं। यह हम आपके ऊपर छोड़ देते हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दीपक पाण्डेय
[email protected]

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement