प्रेस क्लब आफ इंडिया में बीते दिनों वरिष्ठ, कनिष्ठ, नामचीन, गुमनाम, बूढ़े, जवान
पत्रकारों का जमावड़ा लगा था। अवसर था एनडीटीवी के मालिक प्रणव राय के
यहां मारे गए सीबीआई छापे के विरोध का। मंच पर विराजमान थे एक से बढ़ कर
एक पत्रकारिता के अपने जमाने के दिग्गज अरुण शौरी, एच.के.दुआ, फली एस
नॉरीमन, कुलदीप नैय्यर, राज चेनप्पा, शेखर गुप्ता, ओम थानवी और प्रणव राय।
इन सभी ने एक स्वर में एक बैंक घोटाले की जांच के सिलसिले में एनडीटीवी
के मालिक प्रणव के यहां मारे गए छापे को प्रेस की आजादी पर हमला करार दे
दिया। इन्होंने साफ साफ कहा कि मोदी राज ने एक बार फिर आपातकाल की याद
दिला दी है और अब वक्त आ गया है कि मीडिया को एकजुट होकर विरोध करना
चाहिए सरकार की मीडिया विरोधी नीति का।