कन्हैया शुक्ला-
छत्तीसगढ़ सरकार के आबकारी मंत्री कवासी लखमा उर्फ़ दादी अब प्रधानमंत्री के बाथरूम की भी गिनती करने लगे हैं ..अभी तो छत्तीसगढ़ सरकार गोबर खरीद – बेच रही है… लगता है कुछ और बिजनेस प्लान बनाया हो मल–मूत्र के लिए ..तभी तो लोकप्रिय कवासी लखमा मलमूत्र की सियासी भाषा में राजनीति शुरू कर दिए हैं ..
राजनीति में भाषा और सम्मान देने का चलन कितना नीचे गिर सकता है इसका एक उदाहरण देखिए ..बस्तर के लोकप्रिय आदिवासी नेता और बीजेपी सरकार में रहे पूर्व शिक्षा मंत्री केदार कश्यप का ये ट्वीट देखिए.. और सोचिए कि ये आने वाले दिनों में जिनको आप अपना जन प्रतिनिधि चुनते हैं वो क्या शिक्षा दे के जायेंगे ..?
प्रधानमंत्री पद पर बैठा व्यक्ति पूरे देश को रीप्रेज़ेंट करता है… जो प्रधानमंत्री हैं वो कोई एक पार्टी के या एक तबके के प्रधानमंत्री भी नही हैं, पूरे देश के हैं… वो भले सत्ता पक्ष हो या विपक्ष हो, सबके प्रधानमंत्री हैं ..
कवासी लखमा कांग्रेसी हैं और बीजेपी का विरोध करना उनका मौलिक अधिकार है पर जुबान पर कंट्रोल करना भी आना चाहिए ..कुछ भी अंड–बंड नहीं बकना चाहिए ..अब ज़रा सोचिए जो कवासी जी के मुंह से बाहर आया वैसा ही अगर कांग्रेस की मुखिया सोनिया गांधी , प्रियंका और राहुल के लिए कोई बीजेपी का नेता बोलता तो पूरे देश भर में कांग्रेसियों का क्या रिएक्शन होता ..?
इसलिए कवासी जी को समझना चाहिए की इज़्जत दो और इज़्जत पाओ… यही गांधी जी की सबसे बड़ी विचार धारा है ..
देखें वीडियो, क्लिक करें-
https://twitter.com/KedarKashyapBJP/status/1517363508685402112?t=Dubxw3GBhbPiY7ZJ3wBByg&s=08