Connect with us

Hi, what are you looking for?

सुख-दुख

क्या लता मंगेशकर और राजसिंह डूंगरपुर की प्रेमकथा अधूरी रही या पूर्ण हुई ?

कृष्ण कल्पित-

सारी दुनिया लता मंगेशकर को याद कर रही है लेकिन लता मंगेशकर जिस शख़्स को याद करती रहती थीं उस राजसिंह डूंगरपुर को कोई याद नहीं कर रहा !

Advertisement. Scroll to continue reading.

आज भारत सरकार ने लता मंगेशकर के निधन पर राष्ट्रीय शोक का जो आदेश निकाला उसमें कुमारी लता मंगेशकर लिखा गया है । लता मंगेशकर का प्यार परवान चढ़ता तो वे अकेली नहीं रहती । क्या लता मंगेशकर और राजसिंह डूंगरपुर की प्रेमकथा अधूरी रही या पूर्ण हुई?

क्या सच्चे प्रेम की कथाएँ शायद अधूरी रहने को अभिशप्त होती हैं ? लता और राजसिंह की प्रेमकहानी भी इसी तरह की रही ।

जयपुर में 80 के आसपास राजसिंह डूंगरपुर लता मंगेशकर को जयपुर लाये थे और बाढ़ पीड़ितों के लिए एसएमएस स्टेडियम में लताजी का यादगार कार्यक्रम हुआ था, जिसकी मुझे याद है ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

राजसिंह डूंगरपुर क्रिकेटर थे, क्रिकेट के आदमी थे, उन्होंने ही चयन समिति का अध्यक्ष रहते अजहरुद्दीन से कहा था – मियाँ कप्तान बनोगे ?

यह एक अद्भुत प्रेम कथा है जिसे किसी को लिखना चाहिए । वाणी प्रकाशन से प्रकाशित यतीन्द्र मिश्र की कथित और पुरस्कृत किताब ‘लता एक सुरगाथा’ को मैंने खिड़की के बाहर फेंक दिया था जिसमें राजसिंह डूंगरपुर का नाम तक नहीं है । और आश्चर्य यह कि इस किताब में खेमचंद्र प्रकाश का भी कोई ज़िक़्र नहीं है, जिसने लता को लता मंगेशकर बनाया ।

Advertisement. Scroll to continue reading.

कब तक छिपाया जाएगा, किसी को तो लिखनी पड़ेगी यह अद्भुत प्रेम कहानी, जिसमें दोनों प्रेमियों को अकेले जीवन बसर करना पड़ा । लता मंगेशकर भी आजीवन कुमारी रही और हमारे राजस्थान के राजसिंह डूंगरपुर कुमार । उन्होंने भी शादी नहीं की । लता मंगेशकर क्रिकेट की दीवानी ऐसे ही नहीं थी ।

दोनों प्रेमियों को स्मृति-नमन !

Advertisement. Scroll to continue reading.

जाएगा जाएगा जाएगा
जाएगा जाने वाला
जाएगा

दीपक बग़ैर कैसे परवाने जल रहे हैं
कोई नहीं चलाता और तीर चल रहे हैं

Advertisement. Scroll to continue reading.

जाएगा जाने वाला जाएगा
जा ए गा !


दिलीप मंडल-

Advertisement. Scroll to continue reading.

देवदासी परिवार की लता मंगेशकर ने जिस तरह हिंदी संगीत जगत पर दशकों तक राज किया, उस संघर्ष को नमन। लता जी की दादी यानी पिता दीनानाथ मंगेशकर की माँ येसुबाई गोवा के मंगेशी मंदिर में देवदासी थीं।

मंदिरों में रहने वाली देवदासियाँ की उस दौर में बुरी स्थिति थी। लेकिन दीनानाथ मंगेशकर के पिता ने उनमें से एक से शादी करने का साहस दिखाया। हालाँकि वे फिर गोवा छोड़कर चले गए।

Advertisement. Scroll to continue reading.

लता जी ने जब गाना शुरू किया तब “अच्छे परिवारों” की लड़कियाँ फ़िल्मों में नहीं गाती थीं। वह बहुत संघर्ष का दौर था। आज के लोग समझ नहीं पाएँगे कि देवदासी परिवार की एक लड़की ने मुंबई में कैसा संघर्ष किया होगा। क्या शानदार गाया लता जी ने।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement