Bimal Kumar Yadav-
MakeMyTrip ने खेल भावना के ख़िलाफ़ जाते हुए एक बेहद घटिया विज्ञापन The Times of India के मुख्य पृष्ठ पर प्रकाशित किया। अख़बार, विज्ञापन एजेंसियाँ, ट्रेवल कंपनियां सब झोंक दी गई हैं नफ़रत के व्यापार में। पता नहीं ये सब कैसा देश और कैसा मनुष्य बनाने पर आमदा हैं!
Dilip Khan-
अहमदाबाद में जो हुआ, वह शर्मनाक है. टॉस के समय बाबर आज़म को हूट करने से इसकी शुरुआत हुई और उसके बाद एक से एक उजड्ड, उसकावे भरे और गाली-गलौज से सने नारे दर्शकों ने लगाए. ‘हम तुम्हारे बाप है’, ‘पाकिस्तान हमारे लौ* पर’ जैसे नारे स्टैंड में समवेत स्वर में लग रहे थे. यह सब हो रहा था, हाथ में तिरंगा लेकर. रिज़वान जब आउट हुए, तो कॉरिडोर में दोनों तरफ़ से दर्शकों ने उसके मुंह पर ‘जय श्री राम, जय श्री राम’ के नारे उछाले.
दुश्मनी का यह जज़्बात खेल की प्रतिस्पर्धा से बाहर पनपा है. खेल तो पहले से ज़्यादा दोस्ताना हुआ है. खिलाड़ी ज़्यादा शालीन हुए हैं. क्रिकेट देखने वाले हर किसी ने यह ग़ौर किया होगा कि पिछले दस-बारह साल में भारत-पाकिस्तान मैच में जिंगोइज़म कम हुआ है. दोनों तरफ़ के खिलाड़ी बेहद संतुलित और दोस्ताना भरी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. 2 साल पहले जब T20 विश्वकप में पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से हराया था, तो रिज़वान आकर कोहली से चिपट गए थे.
कल जब भारत ने पाकिस्तान को हराया, तो बाबर को कोहली ने ऑटोग्राफ़ के साथ जर्सी भेंट की. बुमराह जब पिता बने, तो शाहीन अफ़रीदी आकर गिफ़्ट दे गए. मैच में अब पहले की तरह आंखें नहीं तरेरी जा रही है. न इधर गांगुली, सहवाग, और सिद्धू है, न उधर जावेद मियांदाद, शोएब अख़्तर, और शाहिद अफ़रीदी.
रोहित शर्मा से संजय मांजरेकर ने मैच से पहले भारत-पाक मुक़ाबले को लेकर काफ़ी कुरेदा था, लेकिन रोहित ने संतुलित जवाब देकर कहा कि हमारे लिए हर मुक़ाबला अहम है. पहले के कप्तान कुछ न कहते-कहते भी ‘आर्क राइवल, उम्मीदों का दबाव’ जैसे फ़्रेज मुंह से निकाल देते थे. अब यह नहीं हो रहा है. पाकिस्तानी तो भारत में खेलने को लेकर मरे जा रहे हैं. IPL खेलने का मौक़ा न मिलने को लेकर, कई बार अलग-अलग क्रिकेटर अफ़सोस जता चुके हैं.
दोनों देशों का मैच देखना सबको है, लेकिन गाली दे-देकर. हॉटस्टार पर कल तीन-साढ़े तीन करोड़ दर्शक मैच देख रहे थे. ऑनलाइन स्ट्रीमिंग में शायद यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा होगा. जो सुधीर चौधरी भारत-पाकिस्तान के मैच को दो साल पहले टीवी पर गरिया रहा था, कल वह स्टेडियम में जाकर सेल्फ़ी टांग रहा था.
वैसे, तो विश्वकप का यह शायद सबसे घटिया एडिशन है. न दूसरी टीमों के मैच में स्टेडियम भर रहे हैं और न ही विश्वकप जैसा चौतरफ़ा फैला रोमांच है. हां, दर्शकों ने कल नारे लगाकर बेहूदा ब्रैंड ऐम्बेसडर बनने की नज़ीर ज़रूर पेश कर दी.
Pratap Jaiswal
October 17, 2023 at 11:29 am
खबर में उस घटना का भी समावेश करते जब जीत के बाद नमाज पढ़ी गई थी। पाकिस्तानी खुल कर कहते है कि हमे दुनिया से हारना मंजूर है लेकिन भारत से नहीं। पाकिस्तान खेल को खेल की तरह नहीं बल्कि जंग की तरह खेलते हैं । इससे पहले पाकिस्तान में भारतीय खिलाड़ियों पर अभद्र टिप्पणियां की जा चुकी हैं लेकिन उसका कोई जिक्र खबर में नही है। हैदराबाद में पाकिस्तान जिन्दाबाद का नारा लगाने वालों का जिक्र भी खबर में होता तो ठीक था। भारतीय दर्शकों का अफ़ग़ानिस्तान को सपोर्ट करना यह दर्शाता है कि भारतीय मुस्लिमों से नहीं बल्कि पाकिस्तान की घटिया सोंच से नफरत करता है और यह क्रिया की प्रतिक्रिया थी।