चिटफंड घोटाले में फंसे पत्रकार कुणाल घोष की फोटो लेते वक्त मीडिया कर्मियों पर लाठी चार्ज

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शारदा चिटफंड घोटाले में फंसे सांसद कुणाल घोष की फोटो ले रहे मीडिया पर कोलकाता पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। पुलिस ने मीडिया कर्मियों पर उस समय पर लाठी चार्ज कर दिया जब वह कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के बाहर मीडियाकर्मियों पर लाठी चार्ज किया। दरअसल, पुलिस की ओऱ से अस्पताल में भर्ती कुणाल घोष की फोटो लेने से मना कर रही थी। सांसद कुणाल घोष ने गुरुवार को जेल में आत्महत्या का प्रयास किया था। सांसद घोष सारधा चिटफंड घोटाले के आरोपी हैं और आत्महत्या के समय वह जेल में थे।

आईसीयू से दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान बीमार हालत में कुणाल घोष ने मीडिया से कहा कि कहा कि सारदा चिटफंड घोटाले के मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इस दौरान जैसे ही घोष के साथ सिपाहियों का दल आया। पुलिस ने चारों ओर से कुणाल घोष को घेर रखा था। इस दौरान मीडिया कर्मियों ने फोटो लेने और कुणाल घोष से बात करने की कोशिश की। तभी पुलिस के जवानों की ओर से मीडिया कर्मियों पर लाठी चार्ज हो गया। कोलकाता पुलिस पहले से ही दबाव की स्थति में थी और वो नहीं चाहती थी कि घोष घोटाले के बारे में मीडिया के किसी भी सवालों का जवाब दें। इसी के चलते पुलिस ने मीडिया कर्मियों को धक्का दिया, जिससे बात बिगड़ गई और धक्का मुक्की ने मारपीट का मोड़ ले लिया।

सारधा घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार टीएमसी से निलंबित सासंद कुणाल घोष ने कहा है किघोटाले के कर्ताधर्ता खुलेआम घूम रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि कुणाल घोष ने एक दिन पहले ही जेल में काफी मात्रा में नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी। सारधा घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार टीएमसी से निलंबित सासंद कुणाल घोष ने कहा है कि घोटाले के कर्ताधर्ता खुलेआम घूम रहे हैं, उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि कुणाल घोष ने एक दिन पहले ही जेल में काफी मात्रा में नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की थी।

कुणाल घोष ने नींद की गोलियां खाकर आत्महत्या का प्रयास करने के पूर्व लिखे सुसाइड नोट में घोटाले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय के शामिल होने का आरोप लगाया है। यह पत्र सीबीआई प्रमुख के नाम लिखा गया था। सरधा चिटफंड घोटाले के मुख्य अभियुक्त कुणाल घोष का उक्त पत्र जेल अधिकारियों के हाथ लगा है, जो उन्होंने अलीपुर स्थित प्रेसीडेंसी जेल में आत्महत्या की कोशिश से पहले लिखा था। जेल में मिले इस पत्र की जांच की जा रही है। घोष ने शुक्रवार को 50 से ज्यादा नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की थी। घोष की हालत अब खतरे से बाहर है। इस घटना के बाद से पश्चिम बंगाल सरकार में हड़कंप मचा हुआ है।

मुख्यमंत्री ने ममता ने जेल अधीक्षक सहित 3 अफसरों को निलंबित करने के साथ ही जेल मंत्री हैदर अजीज सफवी को भी हटा दिया। ममता ने तीन अन्य मंत्रियों को भी किनारे लगाने का निर्णय किया है। इसमें खाद्य प्रसंस्करण मंत्री कृष्णेंदु नारायण चौधरी, अल्पसंख्यक राज्यमंत्री गयासुद्दीन मोल्ला व बिना विभाग की मंत्री सावित्री मित्रा शामिल हैं। जेल सूत्रों के अनुसार पत्र बंगाली में लिखा है। इसके पूर्व भी घोष ने राज्य के कुछ ताकतवर लोगों पर आरोप लगाए थे। घोष ने इस पत्र में भी वही सब बातें लिखी हैं, जो उन्होंने कुछ दिनों पहले सीबीआई को भेजे 91 पृष्ठ के पत्र में बताई थीं। हाल ही में घोष ने कोर्ट में कहा था कि घोटाले से जिन लोगों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ उनमें मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रमुख हैं। उन्होंने मांग की थी कि उन्हें और ममता को आमने-सामने बैठकर सवाल-जवाब किए जाएं।

घोष ने यह दावा भी किया था कि उनकी मौजूदगी में ममता और शारदा समूह के मालिक सुदीप्त सेन के बीच कलीमपोंग के डेलो हिल्स में मीटिंग हुई थी। इसके अलावा घोष ने ममता की उस पेंटिंग का भी जिक्र किया था, जो सेन और दूसरे उद्योगपतियों ने ऊंची कीमत पर खरीदा था। कई सुसाइड नोट मिलेघोष की बैरक से नींद की गोलियां और कई सुसाइड नोट मिले हैं। इसमें से एक सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के नाम भी है। घोष की तबीयत कई दिनों से खराब थी और जेल के डॉक्टर ने ही उन्हें नर्व, ब्लड प्रेशर व नींद की गोली लेने की सलाह दी थी। पेशे से पत्रकार घोष शारदा ग्रुप की कंपनी बंगाल मीडिया लिमिटेड में मुख्य कार्यकारी रह चुके हैं। कुणाल के खिलाफ भादंवि की धारा 406 (विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत केस दर्ज किए गए थे । 2013 में 22 अप्रैल को एक निवेशक ने यह मामला दर्ज कराया था।



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