शीतल पी सिंह-
कुछ तो गड़बड़ है ! हमारे प्रधानमंत्री जी ने आज का दिन अपनी माताजी के साथ उनका सौवाँ बरस मनाते हुए गुज़ारा, फोटोशूट करवाया, मीडिया सोशल मीडिया पर जारी किया । इसके पहले उनके माँ को लिखे पत्र और माँ के बारे में एक ब्लाग मीडिया में जारी हुए। नेहरू जी ने अपनी बेटी इंदिरा गांधी को पत्र लिखे थे जो दस्तावेज हैं और एक पुस्तकाकार रूप में उपलब्ध और चर्चित हैं । मोदीजी के माँ को लिखे पत्र /ब्लाग चर्चा में लाए जा रहे हैं!
इंडियन एक्सप्रेस समेत देश के सभी प्रमुख अंग्रेज़ी समाचार पत्रों में यह ब्लाग छपा है ।
नीचे संलग्नक में मैंने इंडियन एक्सप्रेस में छपे इस ब्लाग का वह हिस्सा लगाया है जिसमें मोदीजी ने कहा है कि उनकी नानी स्पैनिश फ़्लू का शिकार हो गईं थीं । स्पैनिश फ़्लू 1918 में फैला और 1920 में उसकी तीसरी और आख़िरी लहर समाप्त हो गई, विकिपीडिया समेत सारे उपलब्ध संदर्भों में इसके समय पर कोई मतभेद नहीं है ।
तो यह सवाल उठता है कि यदि हमारे प्रधानमंत्री जी की नानी जी 1920 या उससे पूर्व ही 1918-1920 के बीच स्पैनिश फ़्लू से गुजर चुकी थीं तो मोदीजी की माताजी 1922 में कैसे पैदा हो गईं ?
या माताजी को सौ बरस की उम्र का बताने के पीछे का सच कुछ और है जो हमें पता नहीं!
यह संवेदनशील विषय है इसलिए मर्यादा में रहते हुए ही टिप्पणी कीजिएगा ।पोस्ट का उद्देश्य शंका प्रस्तुत करने भर का है क्योंकि तथ्य इसकी माँग कर रहे हैं!
सौजन्य: विकास गौड़
सत्येंद्र पीएस-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने अपनी मां के पैर छुए। मां के कदमों में बैठ गए। उनसे ढेर सारा आशीर्वाद लिया।
देश के सामने नया टास्क यह है कि आधी जनता जय जय करे कि कितने महान हैं मोदी जी। वह विश्व के पहले व्यक्ति हैं जो प्रधानमंत्री होते हुए और 24 घण्टे देश की सेवा करते हुए मां के लिए वक्त निकाला।
और आधी जनता इसका विरोध करे कि मोदी दिखावा करते हैं। दुनिया में सभी लोग अपनी माँ से प्यार करते हैं। परशुरामजी भी अपनी माँ से प्यार करते थे। भले ही पिता के कहने पर मां का गला काट दिया, लेकिन उनको पिता इसे कहकर जिंदा भी कराया।
नई फ़ोटो आ चुकी है। काम पर लग जाएं। यह पूछना भी मना है कि मोबाइल पर फ्री इनकमिंग क्यों बन्द हो गई, जिससे गरीब लोग, विद्यार्थी कड़की में भी परिजनों के सम्पर्क में रह लेते थे।
अजय अवस्थी
June 19, 2022 at 9:53 am
मोबाइल की फ्री इनकमिंग क्यों बंद की गई यह पूछना एकदम सही है। मां सौ साल की कैसे हो गई जब नानी का देहांत स्पैनिश फ्लू से हो गया था। यह सवाल करने वाला या तो कम दिमाग है या पूरी तरह दुर्भावना से भरा धृतराष्ट्र की प्रवृत्ति रखने वाला। आज भी डायरिया, हैजा, कालरा नामक बीमारी से लोग मरते हैं। कोरोना की लहर समाप्त होने के बाद भी लोग मर रहे हैं। तो निश्चित रूप से स्पैनिश फ्लू से भी बाद में मौतें हुई होंगी। विरोध करते समय मूर्खतापूर्ण प्रयास या बयान समर्थन नहीं पा सकते।
Ravindra nath kaushik
June 19, 2022 at 11:22 pm
स्पेनिश फ्लू स्विच दबाने जैसे तरीके से खत्म हो गया था। जैसे 100 मीटर की दौड़ में सफेद लाइन खिंची रहती है? लाइन के बाहर नही गिना जायेगा। पोलियो तो खत्म हो गया ना कभी का? फिर भी पोलियो ड्रॉप पिलाए ही जा रहे हो? क्यों? वो तो खत्म हो चुका ना? कि खत्म नहीं हुआ? कहीं किसी झाड़ की ओट में छुपा है?
इसे कहते हैं,खीर में कीड़े ढूंढना। कुछ लोगाें की फितरत सूअर जैसी होती है। पकवान सामने हों तो भी अपना विशिष्ट खाद्य ही ढूंढते हैं।