Mukesh Kumar : अहंकारी कौन? केजरीवाल या प्रशांत-योगेंद्र?? मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि राष्ट्रीय स्तर पर चुनाव लड़ने का फ़ैसला अहंकार से प्रेरित था। फिर उन्होंने इस फ़ैसले को नकारते हुए इसके पैरोकारों को पीएसी से बाहर कर दिया। अब वे कह रहे हैं कि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर अपना विस्तार करेगी। सवाल उठता है कौन अहंकारी है? कहीं ये केजरीवाल का अहंकार तो नहीं बोल रहा था कि मेरे होते हुए फ़ैसला करने वाले तुम तुच्छ लोग कौन होते हो? फैसला करने का हक मेरा और मेरे चमचों का है, किसी और का नहीं इसलिए अब का फ़ैसला सही है और अहंकार रहित है। इस पाखंड पर बलिहारी जाने का मन करता है।
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कैसी अजीब पार्टी है। पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने का विरोध करते हुए पहले केजरीवाल कहते हैं हम कोई नेपोलियन थोड़े हीं हैं जो विक्टरी मार्च निकालेंगे। सरे आम उन नेताओं को अपमानित करते हैं जो दूसरे राज्यों में पार्टी के विस्तार की बात करते हैं और अब फ़ैसला करते हैं कि पार्टी को राष्ट्रीय बनाएंगे। कितना दिग्भ्रमित है नेतृत्व और कहाँ जाएगी ये पार्टी?
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आप कार्यकर्ताओं की क्लास क्यों, नेताओं की क्यों नहीं? कितना हास्यास्पद है कि आप अपने कार्यकर्ताओं को राजनीति के पाठ पढ़ाने के लिए क्लास लगाने जा रही है। सब देख रहे हैं कि कार्यकर्ताओं ने नहीं उसके नेताओं ने राजनीतिक अपरिपक्वता का प्रदर्शन किया और वास्तव में उन्हें सीखने की ज़रूरत है। कार्यकर्ताओं ने तो बल्कि संयम और समझदारी ही दिखाई। नेताओं के लिए कार्यकर्ता क्लास लगाएं तो पार्टी के लिए बेहतर होगा।
वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार के फेसबुक वॉल से.
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Comments on “चुनाव जीतने के बाद सामने आने लगी अहंकारी केजरीवाल की असलियत”
Sanghthan mazboot karne ki pehal karna aur chunao ladna do alag alag baat hai.. AAP ne aisa kaha kya ki Vo Bihar vidhansabha ya Bengal vidhansabha lad rahi hai.. Nahi!!
Bas itna kaha ki sanghthan mazboot karnege isko kahi se kahi tak turant chunao se jod kar dekhna.. Jldbaji hai.
Tarun Ji, ye baat in logo ko samajh mai nahi aati na. Inko sirf BHADAS nikalni hai bina kisi baat ko samjhe.
AK hai ek PAK wala hai jo kam padha kam samajhdar jo kahta hai khud ke samajh mein nahi aata hai isiliye palti mar jata hai koi kuch kahe iski samajh mein nahi aata hai isiliye usko hata deta hai ye na aap ka hai na hi kisi ke baap ka
Ye chanchal chitt wala former irs BHAAAAND kahani bahut sunata hai.Is harami baniya ne wo daku khadak Singh wali kahani nahi sunani chahiye jisme ….
..dhokhe se kodhee banker baba se ghoda chheen kar bhaagte daku ko baba kehte hai ki is baat ka kahin zikr mat karna
Logon ka bhalai se viswas uth jayega.
Ab sab kuch khatam ho chuka hai ek ahankari kezariwal ke karan. biswas jo janta ne kiya tha wah sab kho chuka hai .akl iski bhains charane chali gayee hai . ab janta koi bhala bhi karna chahe to us biswas nahi karegi.
BJP aur Congress ke rah par bhala gaya hai .
Iska Satya nash ho .