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सुख-दुख

शेखर नहीं, शंकर मिश्रा… सोचिए मूतने वाला कोई ‘खान’ होता तो क्या होता..

Mahendra Yadav-

एयर इंडिया फ्लाइट में सहयात्री महिला पर पेशाब करने के मिश्रा कांड के आरोपी का महीना भर तक नाम ही नहीं पता चला। फिर शेखर मिश्रा नाम आया, जो जल्द ही शंकर मिश्रा हो गया। अब महोदय एस मिश्रा हो चुके हैं, जो अमेरिकी मल्टीनेशनल कंपनी वेल्स फरगो का वाइस प्रेसिडेंट था पर अब कंपनी ने कह दिया है- “ऐसा मुता आदमी नहीं चाहिए। क्या पता कब ऑफिस में ही किसी पर मूत दे।” उधर, इस सब बवाल से मिश्रा का बाप श्याम मिश्रा ताव में आ गया है। बोला है- ‘मेरा लौंडा ऐसा काम कर ही नहीं सकता।’ क्यों नहीं कर सकता, इसके पक्ष में किसी तरह का डॉक्टरी सर्टिफिकेट नहीं दिया है!

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शंकर मिश्रा

Nirendra Nagar
शराब के नशे में धुत्त होकर सत्तर साल की महिला पर सूसू करने वाले ‘सज्जन’ अगर श्रीयुत शंकर मिश्रा की जगह कोई शकूर महमूद होते तो गोदी मीडिया और वॉट्सऐप यूनिवर्सिटी वालों ने अब तक गंद मचा दी होती कि ये मुसलमान तो होते ही ऐसे हैं। मामला मिसिर जी का है तो मुँह में दही जम गया है।

हर्ष वर्धन त्रिपाठी
शराबी, हुड़दंगी, घिनौनी हरकत करने वाले शंकर मिश्रा की नौकरी जा चुकी है। गिरफ्तारी भी हो गई। मिश्रा को बचाने के लिए किसी ने # नहीं चलाया, लेकिन कोई #Khan होता तो #MyNameIsKhan चलने लगता

Harsh Kumar
Air India की पेरिस से दिल्ली की फ्लाइट में महिला यात्री पर शराब पीकर पेशाब करने वाले शंकर मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। देखने में तो पढा लिखा लगता है? वैसे फ्लाइट में शराब सर्व ही क्यों की जाती है?

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Pankhuri Pathak
नाम में भगवान और काम इतना घटिया। ऐसा घटिया कृत्य करने वाला अमरीका में एक कंपनी का ‘ वाइस प्रेसिडेंट ‘ है। शिक्षा और पैसे के बावजूद भी लोगों का ऐसा असभ्य व्यवहार दर्शाता है कि हमारा समाज गलत दिशा में जा रहा है… शर्मनाक !

Umesh Joshi
विमान में यात्री मवालियों की तरह लड़ने लगे हैं; करीब 30 लाख साल पहले जैसे आदिमानवों की तरह कहीं भी पेशाब करने लगे हैं; वो आदिमानव निश्चय ही दूसरे आदिमानवों पर पेशाब नहीं करते होंगे। आज का कथित सभ्य इंसान उस वक़्त के आदिमानवों से भी गई-गुजरी स्थिति में पहुँच गया है। इन घटनाओं के बाद 100 फीसदी यकीन हो गया है कि शहरों के मुकाबले गाँवों में शिक्षा का स्तर अपेक्षाकृत कम होने के बावजूद सभ्यता कई गुणा अधिक है। रेखागणित की थ्योरम की तरह यह सिद्ध हो गया है कि सभ्यता और धन; सभ्यता और शिक्षा; सभ्यता और पद का कोई सीधा संबंध नहीं है। QED इति सिद्धम्

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