हर्ष देव-
नहीं मिली प्रेस कॉन्फ़्रेंस की मंज़ूरी… वाइट हाउस ने अफ़सोस जताया है कि अमेरिकी पत्रकार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बाइडेन यात्रा पर सवाल नहीं कर सकेंगे। अमेरिका की ओर से प्रेस वार्ताओं के लिए सभी स्तरों पर की गई कोशिशें की गईं लेकिन नतीजा नहीं निकला।
बाइडेन के साथ दिल्ली आए पत्रकारों ने अमेरिकी राष्ट्रपति की मोदी के साथ बातचीत और जी-20 सम्मेलन पर सवालात की इजाज़त नहीं दिए जाने के लिए बाइडेन प्रशासन की भी आलोचना की है। उन्होंने इसको लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के विरूद्ध और अपारदर्शी व्यवहार करार दिया है।
उधर वाइट हाउस ने स्पष्ट किया है कि उसकी ओर से विभिन्न स्तरों पर किए गए प्रयासों का कोई परिणाम नहीं निकल सका। इसलिए बाइडेन ने तय किया है कि वह प्रेस कॉन्फ़्रेंस वियतनाम में करेंगे जहां भारत से जाने के बाद उनका अगला पड़ाव है।
गिरिजेश वशिष्ठ-
न्यूज चैनलों पर गया. इतनी अनपढ़ियत और तैयारी की कमी कि भगवान ही मालिक है. मुंह उठाकर बैठ गए लाइव में
एक नंबर वन चैनल (आजकल कई हैं) में एंकर पहले एक राष्ट्रध्यक्ष का नाम पूछती है फिर बोलती है प्रेसिडेंट… और बगल वाले की तरफ देखती है आंखों में प्रश्न होता है – किस देश के. बगल वाला बताता है इंडोनेशिया.
इसके बाद जैसे ही मेहमान बात जारी रखे एंकर बीच में बात कटकर कहती है कि इंडोनेशिया में सबसे ज्यादा मुसलमान हैं. मेहमान कहता है कि वो धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में आदर्श है. एंकर अगले गेस्ट को देखती है फिर उसका नाम पूछने लगती है.
आपको नहीं लगता ये नेशनल टीवी पर मेहमानों का अपमान है
मेहमानों का चार चार लाइन का परिचय एक कागज़ पर लेकर नहीं बैठ सकते? कुछ तो बताने को रखो.
एनडीटीवी पर भी जानकारियों से ज्यादा चालीसा है. तथ्यों से दूर चमचई ही चमचई। सोचा था एनडीटीवी पर ज़रूर जानकारी होगी. वो लगातार साठ घंटे लाइव रहने की बात करता है और बार बार ब्रेक मुंह पर मार रहा है।