चोर जेवर, नगदी, सिलेण्डर एवं स्कूटी ले गए, पीड़ित परिवार से ही चोरों का पता लगाने को कह रही पुलिस, फेल साबित हुई डाग स्क्वायड, बीटीएस एवं फोरेंसिक टीम
लखनऊ। सूबे की राजधानी में इस समय चोर-उचक्कों के हौसलने इतने बुलन्द हो गये हैं कि भारी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती के बावजूद लखनऊ के मान्यताप्राप्त पत्रकार राजीव जायसवाल के घर को पूरी तरह से खंगाल दिया। हल्का पुलिस केवल हवा में तीर चलाती नजर आ रही है। पुलिस अब पीड़ित से ही कह रही है कि आप लोग अगल—बगल सीसीटीवी फुटेज देखिये, मोटरसाइकिल स्टैण्ड पर देखिये, कोई संदिग्ध दिखे तो बताइये।
फिलहाल एक जगह टीवी फुटेज देखने पर पुलिस को बताया गया तो वह सूचना देने के 3 दिन बाद टीवी फुटेज देखने आयी। कोतवाली पुलिस को दूरभाष के माध्यम से यह भी बताया गया कि क्षेत्र में एकाध ऐसे चोर हैं जो पूर्व में इस क्षेत्र में हुई चोरियों में पकड़े गये हैं लेकिन उसको भी ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में पीड़ित परिवार अब क्या करे? कहने का मतलब यह है कि वह सब कुछ भूल जाय या स्वयं चोरों की तलाश में जुट जाय।
बता दें कि लखनऊ के जानकीपुरम विस्तार थाना क्षेत्र के अब्दुल कलाम आजाद टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय के पीछे मिर्जापुर की न्यू विहार कालोनी में रहने वाले मान्यता प्राप्त पत्रकार राजीव जायसवाल के घर चोरी हुई। चोरी तब हुई जब 30 अगस्त की शाम परिवार के सभी लोग रक्षाबंधन के मनाने अपने रिश्तेदारों के यहां चले गये। 1 सितम्बर की शाम पड़ोसी ने बताया कि आपके घर के मुख्य प्रवेश द्वार का ताला टूटा हुआ है।
आने पर पता चला कि चोर ताला तोड़कर घर में घुसकर आलमारी में रखे लगभग 10 लाख रुपये के जेवर, नगदी, गैस सिलेण्डर और स्कूटी उठा ले गये। यह दृश्य देखकर गृहस्वामी राजीव जायसवाल, पत्नी पत्रकार रागिनी जायसवाल एवं पुत्र पत्रकार शुभम जायसवाल जहां बदहवास हो गये, वहीं शुभम की पत्नी आस्था जायसवाल जो लगभग डेढ़ साल पहले ही शादी होकर यहां आयी है, बेहोश होकर गिर गयी। इनकी तबियत बिगड़ने पर मायके वाले उसे अस्पताल ले गये। अभी भी उसकी तबियत ठीक नहीं है।
30/31 अगस्त या 31 अगस्त/1 सितम्बर की मध्य रात हुई चोरी को लेकर जहां परिजन परेशान होकर केवल रो रहे हैं, वहीं हल्का सिपाही, हल्का चौकी प्रभारी एवं कोतवाली प्रभारी निरीक्षक केवल यही कह रहे हैं कि आप लोग लगे रहिये, हम लोग भी अपने स्तर से लगे हैं। पुलिस का कहना है कि हमारी पूरी टीम लगी हुई है और शीघ्र ही अच्छा परिणाम देंगे।
इस बाबत पीड़िता रागिनी जायसवाल ने कहा कि पुलिस कह रही है कि वह लगी है लेकिन कहीं कुछ दिख नहीं रहा है, क्योंकि चोरी के बाद से न अगल-बगल पुलिस की गश्त दिखी और सार्वजनिक स्थलों पर दिखने वाले संदिग्ध लोगों से न पूछताछ की गयी और न ही क्षेत्र में गम्भीर नशा करने वालों से पूछताछ की गयी। इतना ही नहीं, क्षेत्र में पूर्व में हुई चोरियों में पकड़े गये लोगों से भी पूछताछ नहीं की जा रही है। उनका कहना है कि मेरे घर चोरी करने वाले भले ही अभी तक नहीं पकड़े गये हैं लेकिन यदि पुलिस चाह ले तो पूर्व में हुई चोरियों में पकड़े गये चोरों से पूछताछ तो अवश्य कर सकती है जिससे हो सकता है कि मेरे घर के चोर पकड़े जायं लेकिन पुलिस ऐसा कुछ नहीं कर रही है। फिलहाल लाखों की सम्पत्ति एक झटके में चले जाने से दुखी पीड़ित परिवार अब केवल भगवान भरोसे है जो बस उम्मीद की टकटकी लगाये है।
Deepak Pandey
September 9, 2023 at 11:21 pm
कुछ हो जाए तो ईश्वर को धन्यवाद करें… बाकी घर छोड़कर सभी लोगों का जाना ही चोर को मौका मिल जाता है… मैं आपकी परेशानी समझ सकता हूं आप जबकि खुद मान्यता प्राप्त पत्रकार है आपकी जब पुलिस नहीं सुन रही है सोचिए आम नागरिकों का क्या हाल होता है थाने में… कोविड के दूसरी लहर में पिता जी 4 दिन से आईसीयू में एडमिट थें 27 अप्रैल की सुबह डेथ हो गई इन हरामखोरो ने बताया तक नहीं 4/5 घंटे बाद किसी स्टॉप को भेजा तो ख़बर मिली पिता का साया उठ गया है आगे के कार्यक्रम के लिए गांव चले गए मौका पाकर चोरों ने पूरा घर अच्छे से साफ किया लगभग 10 लाख की चोरी की। बहुत दिनों तक सीसीटीवी खंगाला उनको दिया भी क्लू भी दिया लेकिन कुछ नहीं बस खाना पूर्ति किया… जनसंचार पत्रकारिता का विद्यार्थी रहा हूं जिस कारण मीडिया बंधु से भी मदद मांगी जवाब सुनेगे तो होश उड़ जायेंगे 5 से 8 लोग आते सब लोग 500/500 की डिमांड किए जो खुद लूट गया हो… पिता को पहले खो दिया हो वो कहा से पैसे देगा…बाद में जनसुनवाई पर 5 बार शिकायत किया कोई फायदा नहीं हुआ… हर बार भी रटा रटाया जवाब खोजबीन जारी है।
साहब ये अंधेर नगरी है… यहां नेता और खाकी वाले चाहे जो कर लें। क्या लगता इन्हे चोरों के बारे में sb पता है अपना हिस्सा ले लिए होंगे।