ankit mathur-
बेलारूस ने पैसेंजर फ्लाइट को जबरन लैंड कराया, लिथुआनिया जा रही थी फ्लाइट लेकिन अचानक बेलारूस की तरफ मुड़ गई, पत्रकार गिरफ्तार..
तानाशाहों को सबसे ज्यादा सच बोलने वालों से डर लगता है. एक अधेड़ तानाशाह को एक नौजवान पत्रकार से डर लगता है. डर इतना लगता है कि उसे गिरफ्तार करने के लिए जहाज को अपहृत करा दिया. तानाशाह ने इसके लिए बाकायदा मिग29 फाइटर जेट भेज दिया ताकि जहाज उड़ाने वाले आनाकानी न कर सकें.
एथेंस से विलनियस जा रही रायनएयर पैसेंजर फ्लाइट ने 23 मई को अचानक अपना रूट बदला और बेलारूस की राजधानी मिंस्क की तरफ मुड़ गई. बेलारूस ने इस फ्लाइट को मिंस्क में उतरने के लिए मजबूर किया. इस फ्लाइट में एक पत्रकार सवार था. लैंड होते ही एक्टिविस्ट और पत्रकार रोमन प्रोतसेविच को गिरफ्तार कर लिया गया.
मिंस्क एयरपोर्ट ने अपने बयान में कहा है कि बम होने की खबर के बाद फ्लाइट ने लिथुआनिया की राजधानी विलनियस की बजाय बेलारूस लैंड किया.
उधर, बेलारूस के राष्ट्रपति एलक्जेंडर लुकाशेंको की प्रेस सर्विस ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बताया कि फ्लाइट को डाइवर्ट करने का आदेश दिया गया था और इसके लिए एक मिग-29 फाइटर जेट भी भेजा गया था.
फ्लाइट के लैंड होते ही लुकाशेंको से मतभेद रखने वाले 26 साल के प्रोतसेविच को गिरफ्तार किया गया. प्रोतसेविच कुछ समय से निर्वासन में पोलैंड में रह रहे थे.
लुकाशेंको पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनावों में अपनी जीत के बाद से विरोध-प्रदर्शनों का सामना कर रहे हैं. एलक्जेंडर लुकाशेंको को यूरोप का ‘आखिरी तानाशाह’ कहा जाता है. वो सत्ता में रहने के लिए संवैधानिक संशोधन और कानूनों में बदलाव करते रहे हैं. लुकाशेंको की जीत को देश में बड़े स्तर पर लोग और अंतरराष्ट्रीय समुदाय वैध नहीं मानता है.
रोमन प्रोतसेविच उन पत्रकारों और एक्टिविस्ट में से एक हैं, जो देश से बाहर रहते हुए लुकाशेंको के खिलाफ कैंपेन चला रहे हैं. रोमन ‘नेक्सटा’ नाम के टेलीग्राम चैनल के फाउंडर भी हैं. ये चैनल लुकाशेंको-विरोधी प्रदर्शनों को आयोजित करने में मदद करता है. प्रोतसेविच पर पिछले साल ‘बड़े स्तर पर दंगे और सार्वजानिक व्यवस्था का उल्लंघन’ करने का आरोप लगा था. वो सरकार की आतंकवाद पर वांटेड लिस्ट में भी हैं.
यूरोपियन यूनियन की प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने ट्वीट कर रोमन प्रोतसेविच की रिहाई की मांग की. लेयेन ने कहा, “बेलारूस सरकार के इस अवैध बर्ताव के नतीजे होंगे और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर प्रतिबंध लगने चाहिए.”
यूनियन 24 मई को पहले से आयोजित एक समिट में बेलारूस के खिलाफ मौजूदा प्रतिबंधों को और सख्त करने पर बातचीत करेगा.
पोलैंड के प्रधानमंत्री ने बेलारूस के कदम को सरकारी आतंकवाद बताया. फ्रांस के विदेश मंत्री ने यूरोपियन यूनियन से एक सख्त और संयुक्त कार्रवाई की मांग की.