सुशील महापात्रा-
कई युवा मुझे संदेश भेजते है और पूछते हैं कि पत्रकारिता के लिए कहाँ एडमिशन लेना चाहिए? कौन सी संस्था सबसे अच्छा है ? मेरा मानना है अगर पत्रकारिता करना है तो कहीं एडमिशन लेने की जरूरत नहीं है। पत्रकार बनने के लिए या पत्रकारिता करने के लिए किसी खास पढ़ाई और खास संस्था की जरूरत नहीं है।
पत्रकारिता के लिए कौन सी किताब आप पढ़ते हैं ? कभी गंभीर होकर आप लोगों ने सोचा है कि उस किताब का क्या फायदा है ? आप को अच्छा पत्रकार बनाने में कैसे मदद करेगी वो किताब? क्लास रूम या किताब में पत्रकारिता नहीं है। हज़ारों फ्रॉड संस्था सब खुल गए हैं जो बच्चों को लूटते रहते हैं।
बच्चे लाखों रुपया खर्च करके प्राइवेट संस्था में एडमिशन लेते हैं । भारत की सबसे अच्छे संस्था से passout पत्रकार पत्रकारिता के नाम पर क्या क्या कर रहे हैं , उस पर नज़र डालिए? ज्यादातर पत्रकार तो दलाली कर रहे हैं ? किसी पार्टी,किसी सरकार की दलाली में लगे हैं।अगर नामी संस्था में पढ़ने के बाद यही करना था तो पढ़ने की क्या जरूरत थी ? दलाली तो बिना पढ़के हो सकता है।
जहां तक पैसा कमाने की बात है पैसा सिर्फ नौकरी से नहीं कमाया जाता है। आप ईमानदारी से मेहनत करेंगे, अच्छा काम करेंगे तो कभी न कभी आप के काम की तारीफ होगी। आप अच्छा लिखेंगे, अच्छा रिपोर्टिंग करेंगे तो कहीं न कहीं आप को मौका मिलेगा ,हां यह अलग बात है कि उस के लिए समय लग सकता है। आप को ज्यादा मेहनत करना पड़ सकता है।। लेकिन एक बात तो तय है कि इसे आप को ज्यादा संतुष्टि मिलेगी।
पत्रकारिता की पढ़ाई से कुछ हासिल नहीं होता है। पत्रकारिता की पढ़ाई कोई डॉक्टर या इंजीनियर की पढ़ाई नहीं कि बिना पढ़के आप कुछ कर नहीं सकते हैं। अगर पढ़ना है तो आप खुद किताब ख़रीदके पढ़िए।आप जीतने पैसा पढ़ाई में खर्च करेंगे उसी पैसा से खूब घूमिये। ग्रामीण इलाके में जाइए। दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश के सिवा दूसरे राज्य भी जाईये। ग्रामीण संस्कृति को समझिए। लोगों की समस्या को समझिए फिर इस पर डिटेल्स में लिखिए।
लिखने का मतलब सिर्फ किसी न्यूज़ पेपर में लिखना नहीं होता है। लोगों की समस्या दिखाने के लिए किसी टीवी स्क्रीन की जरूरत नहीं है। आप कहीं भी लिखिए लेकिन खूब लिखिए। दो साल तक अगर आप घूम लिए, लोगों से मिले और उनकी समस्या पर लिखे यह आप की ज़िंदगी की सबसे बड़ी कामयाबी होगी। सारी ज़िंदगी यह आप की काम मे आएगा।
कई संस्था बच्चों को लालच देते हैं ,कहते हैं कि पढ़ाई के बाद बड़े मीडिया संस्था में इंटर्नशिप के लिए मौका दिया जाएगा, कैंपस सिलेक्शन होगा। यह सब बेकार की बात है। मैं खुद देखा हूँ कई बच्चे इंटर्नशिप के लिए आते हैं लेकिन एक महीने में कुछ भी सिख नहीं पाते हैं। इसीलिए आप अपने पैसे की सही इस्तेमाल कीजिए। आप को बता दूँ आजकल बड़े बड़े पत्रकारिता पढ़ाने वाले सरकारी संथाओं में फ्रॉड सब चलने लगा है। किसी को भी उठा के सरकार DG/डायरेक्टर बना देती है। सरकारी आदमी सब वहां पहुंच गए हैं। जहां पर एंट्रेंस के question पेपर भी सरकार के हिसाब से बनाया जाता है।
आप ऐसे संस्था में पढ़कर एक निर्भीक पत्रकार बनाना चाहते हैं। अगर ऐसे संस्था में पढ़ने के बाद किसी पार्टी या फिर किसी सरकार के लिए दलाली करना है तो फिर एडमिशन लीजिए। सुबह उठकर चले जाना। किसी नेता की घर के सामने माइक लेकर खड़े हो जाना फिर बाइट लेकर आ जाना। रात को घर जाकर अपने पेरेंट्स को बताना कि कितना शानदार काम किया है आप ने। सबसे आसान काम दलाली करना है। आप भी उसी रास्ता में चुन लीजिए। अगर आप को सच में पत्रकारिता करना है तो मैंने जो कहा उस पर गौर कीजिए।