प्रेस क्लब में सत्तारूढ़ लोग तानाशाही पर आमादा हैं। उनके पैनल की एक महिला प्रत्याशी कल क्लब के उस मेन हाल में खुलेआम धुंआ उड़ा रहीं थीं जहां स्मोकिंग सख्ती से प्रतिबंधित हैं। मतलब कि इनके लिए नियम-कायदे कानून के कोई मायने नहीं क्योंकि ये सत्ताधारी पैनल की प्रत्याशी हैं। क्या नियम-कायदे-कानून सिर्फ आम सदस्यों के लिए है?
नो स्मोकिंग जोन में सिगरेट पीते और राख जमीन पर गिराते हुए हम लोगों ने वीडियो इसलिए बनाया ताकि आम क्लब मेंबर्स भी असलियत से रूबरू हो सकें और चुनाव में सही-गलत को कायदे से पहचान सकें। देखें संबंधित वीडियो…
ये लोग इतने अहंकारी और नियम-कानून विरोधी हैं कि पिछली साल मैनेजिंग कमेटी के लिए जीतीं विपक्ष की एक मात्र महिला प्रत्याशी को चुनाव बाद इसलिए क्लब से टर्मिनेट कर दिया क्योंकि उन्होंने किसी मसले पर अलग राय जाहिर की थी।
कैसे लोग चला रहे हैं प्रेस क्लब। लिखने पढ़ने बोलने वालों के क्लब में कुछ कहना भी गुनाह हो गया है। बदलाव को गले लगाइए। ताज़ी हवा को फैलाइए। रुका हुआ पानी सड़ चुका है सर् जी!
भड़ास एडिटर यशवंत सिंह की एफबी वॉल से.