दिलीप मंडल-
जब तक प्रशांत किशोर की करोड़ों- अरबों रुपए की इलेक्शन मैनेजमेंट कंपनी I-PAC पर सीबीआई, ED, IT का छापा नहीं पड़ता, तब तक मैं ये नहीं मान सकता कि ये आदमी बीजेपी को कोई नुक़सान पहुँचा रहा है।
नेताओं का पैसा इस तक पहुँच रहा है और बीजेपी इसको दबोच भी नहीं रही है। अगर ये बीजेपी को नुक़सान पहुँचा रहा होता तो बीजेपी अब तक इसकी गर्दन मरोड़ चुकी होती। राजनीतिक पैसा लेने वालों की गर्दन मरोड़ना कौन सा मुश्किल काम है?
बीजेपी ने हर उस मालदार आदमी की नली टाइट कर रखी है, जिससे पार्टी को नुक़सान हो हो सकता है। प्रशान्त किशोर कौन सा अमृत पीकर आए हैं कि पार्टियों से करोड़ों रुपए भी ऐंठ रहे हैं, बीजेपी को नुक़सान भी पहुँचा रहे हैं और बीजेपी मज़े से उन्हें ये सब करने भी दे रही है।
ऐसा होता है क्या?
पश्चिम बंगाल चुनाव में मतदान चल रहा था। तभी प्रशान्त किशोर एक ऑडियो लीक हुआ कि पश्चिम बंगाल में मोदी लहर है, तृणमूल कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण करती है, जनता बेहद नाराज़ है। इस बचाव के बाद तृणमूल ने प्रशांत किशोर की हमेशा के लिए छुट्टी कर दी। वे फिर कोलकाता में राजनीति सिखाने कभी नहीं गए।
पी चिदंबरम, राहुल और सोनिया केस झेल रहे हैं। सपा नेताओं के घर टूट रहे हैं। आज़म खान जेल में है। बीएसपी का बैंक खाता चुनाव के दौरान ज़ब्त हुआ। लालू यादव को चुनाव के दौरान बेल नहीं मिली। ममता बनर्जी के भतीजे के घर में ED घुसी हुई है।
लेकिन प्रशांत किशोर ऐसा सांड है जो देश भर में बीजेपी को हराएगा और उसकी कंपनी पर एक छापा भी नहीं पड़ेगा! जबकि उसकी कंपनी राजनीतिक चंदे के पैसे से चलती है। पकड़ना कितना आसान है।
लोगों ने दिमाग़ किराए पर रख दिया है क्या?
मैं जैसे ही प्रशांत किशोर पर कोई पोस्ट डालता हूँ तो भाजपाई मिश्रा, तिवारी, दूबे, पांडे लोग प्रशांत के बचाव में क्यों आ जा रहे हैं? प्रशांत किशोर तो कायस्थ है।
प्रशांत किशोर के खिलाफ दो लाइन लिखिए और देखिए कि बीजेपी की ट्रोल आर्मी कैसे उसके बचाव में आ जाती है।
Awadhesh Dwivedi
April 29, 2022 at 2:14 pm
प्रशांत किशोर कायस्थ है या पांडेय। plz चेक