मोदी जी पीएम बनने के बाद मीडिया के बधियाकरण उर्फ़ शुद्धीकरण की अघोषित पॉलिसी लेकर आए। चुन चुन कर वो लोग चैनलों अख़बारों से हटाए गए जिनके काम का तरीक़ा सत्ता के प्रति आलोचनात्मक था।
मीडिया का मतलब ही होता है सत्ता की ख़ामियों को सामने लाना, जनता की तरफ़ से सवाल करना। पर मोदी जी को कमी बताने वाला मीडिया नहीं चाहिए। सवाल करने वाला मीडिया तो बिल्कुल नहीं चाहिए।
इसलिए पुण्य प्रसून बाजपेयी समेत दर्जनों पत्रकार पैदल कर दिए गए। आजतक जैसा नम्बर एक चैनल सरकार के आगे झुक गया और पुण्य प्रसून, नवीन कुमार समेत कई लोगों को जाने के लिए मजबूर कर दिया। हालाँकि आजतक अब अपनी करनी का फल भोग रहा है। न नम्बर एक रहा, न सत्ता का प्रिय बन पाया और न पत्रकारिता कर सका।
मोदी राज में शूली पर चढ़ाए गए पुण्य प्रसून बाजपेयी ने प्रसारण के डिजिटल माध्यम को अपनाया। YouTube पर आए और अपना प्रोग्राम शुरू किया। इस समय इनके चैनल के साढ़े उन्नीस लाख से ज़्यादा सब्सक्राइबर हैं। साढ़े सात सौ से ज़्यादा वीडियो हैं।
चुपचाप अपना काम करने वाले पुण्य आज अपने दम पर लाखों रुपए हर माह अर्जित कर रहे हैं। उनके हर वीडियो के लाख से ज़्यादा व्यू हैं। मतलब अब वो आर्थिक मामले में आत्मनिर्भर तो हैं ही, अपने तेवर और सरोकार को भी ज़िंदा रखे हुए हैं।
पुण्य प्रसून अपने चैनल पर मोदी जी और उनकी सरकार की अच्छे से बजा रहे हैं। कह सकते हैं कि मोदी राज की असली तस्वीर पुण्य बखूबी दिखा रहे हैं।
इधर पुण्य ने मोदी राज में बिगड़ती अर्थव्यवस्था पर कई वीडियोज़ बनाए हैं। कुछ के लिंक नीचे हैं, देखें और देश की असली हालत को समझें… ये सच्चाई आपको मोदी भक्त हो चुके न्यूज़ चैनल वाले नहीं बताएँगे…
Modi’s new policy: जनता को फ़क़ीर बनाने का मोदी मंत्र https://youtu.be/D-ETAZsILvA
1991 to 2022 : उजाले से अंधेरे की तरफ़ क्यों जा रही इकनामी! https://youtu.be/UdoEXMu7eCE
Modi economics and public: सरकार की कमाई बढ़ी, जनता की घटी https://youtu.be/wsc2xeVEqyU
Economic crisis and RBI : … और बुरे दिन आने वाले हैं! https://youtu.be/8Oj3zWiicJE
Modi economics : मज़बूत राजनीतिक सत्ता की डगमगाती अर्थव्यवस्था https://youtu.be/DlTmh6_ozio