Priyanka Dubey : हम फ्रीलांसर होकर भी हर छोटी से छोटी पेमेंट का एक चौथाई टैक्स भरते हैं. आम लोगों के टैक्स से सरकार काम करती है. हमारे खून पसीने की कमाई से ट्रेन चलाएंगे. और बैठेंगे उसमें प्रीमियम लोग? पहले ही जनरल डब्बे कम कर दिए गए हैं. अब सरकार यह चाहती है की गरीब अपने घर पैदाइश और मौत में न जा पाए? धीरे धीरे जनरल डब्बे खत्म कर दिए जाएंगे और स्लीपर में तत्काल का टिकट आम इंसान खरीद नहीं पाएगा. पूरा भारत व्यापारियों और उद्योगपतियों से भरा गुजरात नहीं है जो जन सुविधा के हर साधन के निजीकरण पर तुले हुए हैं. उम्मीद है कि मोदी सरकार को अपने इस पोलिटिकल और स्ट्रेटेजिक ब्लंडर की बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
पत्रकार प्रियंका दुबे के फेसबुक वॉल से.
मूल खबरें…
प्रीमियम ट्रेन और प्रीमियम तत्काल टिकट से मुनाफा कमाने में जुटी रेलवे
नई दिल्ली : घाटे में चल रही रेलवे नई नीति के साथ मुनाफा कमाने में जुटी है। मुनाफा प्रीमियम ट्रेन और प्रीमियम तत्काल टिकट के जरिये हो रहा है, लेकिन क़ीमत मुसाफ़िरों को चुकानी पड़ रही है। पर्व−त्योहार के इन दिनों में अगर आप ट्रेन की टिकट लेने पहुंचें तो हो सकता है कि उनका किराया आपको हैरान कर दे। प्रीमियम ट्रेनों में तो 2400 रुपये का टिकट 7200 रुपये तक का बिक रहा है। रेलवे ने अब एयरलाइंस की तरह प्रीमियम ट्रेनों और तत्काल सेवाओं में मांग के हिसाब से किराये तय करने की नीति अख्तियार की है। त्योहारों के इस मौके पर रेलवे 30 प्रीमियम ट्रेनें चला रही है जिससे रोजाना उसकी आमदनी डेढ़ से दो करोड़ रुपये तक ज्यादा बढ़ गई है। वहीं, 62 ट्रेनों में शुरू तत्काल प्रीमियम की नई नीति ने रोजाना रेलवे की आमद 23 लाख ज्यादा बढ़ा दी है। उधर, यात्री इसे मजबूरी का फायदा उठाना ही मानते हैं। वैसे भी रेलवे में कम से कम एसी वन और एसी टू के किराये ऐसे हो गए हैं कि कई बार विमान यात्रा बिल्कुल बराबर या कम ही बैठता है। कहीं ऐसा न हो कि तत्काल मुनाफ़ा कमाने की कोशिश में रेलवे अपने ग्राहक खो बैठे।
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ट्रेन में सफर हुआ और महंगा, तत्काल टिकट के दाम बढ़े
नई दिल्ली : रेल में सफर करना अब और महंगा हो गया है। तत्काल में टिकट लेकर ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब और कीमत चुकानी होगी। अब तत्काल में टिकट की बुकिंग महंगी हो गई है। रेलवे ने एक अक्टूबर से तत्काल कोटे के आधे टिकटों पर प्रीमियम चार्ज लगा दिया है। प्रीमियम तत्काल कोटा टिकट योजना एक अक्तूबर से 80 ट्रेनों में चालू हो गई है और उसके लिए टिकट ऑनलाइन ही उपलब्ध हैं।
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ समय से घाटे में चल रही भारतीय रेवले की आमदनी बढ़ाने के लिए शुक्रवार से तत्काल टिकट महंगी कर दी गई है। दिल्ली-मुंबई राजधानी सहित 80 अन्य ट्रेनों पर तत्काल टिकट बुक करने के लिए अब ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे। 80 ट्रेनों की आधी तत्काल टिकट महंगी की गई हैं। डयानमिक फेयर सिस्टम के तहत किराया अब डिमांड पर निर्भर करेगा। फेस्टिव सीजन से पहले इस बढ़ोतरी से रेलवे को मुनाफा होगा। रेलवे मंत्रालय से एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह तय किया गया है कि तत्काल कोटा टिकट की 50 फीसदी टिकट डायनमिक फेयर सिस्टम के तहत बेची जाएंगीं। इस स्कीम के तहत बची हुई 50 फीसदी तत्काल कोटा की टिकट वर्तमान सिस्टम से पुराने दामों में ही बेची जाएंगी। यानी कि जितनी ज्यादा डिमांड उतनी महंगी टिकट।
तत्काल कोटे के 50 फीसदी टिकट अब प्रीमियम रेट पर बेचे जाएंगे। यानि तत्काल कोटे के 50 फीसदी टिकट की कीमत डिमांड-सप्लाई के आधार पर तय होंगी। योजना के तहत तत्काल कोटे के 50 फीसदी टिकटों पर सामान्य किराया लगेगा। शेष सीटें अलग-अलग स्लैब में बढ़ती हुई दरों पर दी जाएंगी। इनमें 50 फीसदी के बाद आने वाली 10 फीसद सीटों पर 20 प्रतिशत बढ़ा हुआ किराया लगेगा। जो टिकटें बचेंगीं, उनमें से 10-10 फीसदी सीटों का किराया 20-20 प्रतिशत बढ़ता जाएगा। तत्काल टिकट का बढ़ा हुआ चार्ज प्रीमियम तत्काल कोटे के टिकट के नाम से वसूला जाएगा। किसी ट्रेन में 48 सीटें तत्काल कोटे के लिए आरक्षित है, तो 24 सीटों पर सामान्य तत्काल किराया लगेगा। बाकी की बची 24 सीटों में से 10 फीसदी यानी लगभग 3 सीटों पर 20 प्रतिशत ज्यादा किराया लगेगा। फिर बची 21 सीटों में से 10 फीसदी यानी दो सीटों पर 20 प्रतिशत किराया और बढ़ जाएगा। इसी प्रकार सीटें कम होने पर किराया बढ़ती जाएगी।