यदि किसी 20,000 रुपए का वेतन पाने वाले पत्रकार के खाते में लगातार 20 लाख की राशि नियमित रूप से जमा होती रहे, वह भी प्रबंधन की तरफ से, तो आप समझ सकते हैं, उस पत्रकार की क्या हालत होगी। उस पर तुर्रा यह कि वह उस रकम की सूचना अपने मोबाइल पर देखकर खुश तो हो सकता है, लेकिन उसे निकाल नहीं सकता। यह कारनामा किया है साधना न्यूज के प्रबंधन ने, जो कि पहले भी कई तरह के कारनामों के लिए कुख्यात रहा है। न जाने कितने लाइसेंस कबाड़ कर रखे हैं, जाने कितने चैनल उनके लाइसेंस पर चल रहे हैं, या चल रहे थे, इसकी जानकारी केवल प्रबंधन को ही है। चाहे न्यूज, मनोरंजन, धर्म, सभी तरह के अनेकों लाइसेंस इनके पास हैं।
साधना न्यूज में कुछ वरिष्ठ पत्रकारों के न केवल एकाउंट नंबर का विवरण लिया गया बल्कि उनसे ब्लैंक चेक भी रखवा लिए गए। ये एकाउंट मुकेश, प्रकाश (साधना से हटाए जाने के पश्चात एकाउंट में अब धन नहीं आता) आदि के नाम बताए जाते हैं। हालांकि कुछ कर्मचारियों ने विरोध किया, लेकिन नौकरी बचाने के लिए फिर शरणागत हो गए। इनके खातों में डिमेट एकाउंट की सुविधा लेकर नियमित लाखों रुपए जाना करवाए जाते हैं, जो कि कुछ दिन, या घंटों के बाद ही शेयर बाजार में डाल दिए जाते हैं। ये कर्मी, इस धन को निकाल नहीं सकते, केवल एसएमएस पर संदेश देखकर खुश हो सकते हैं क्योंकि धन सेविंग में नहीं डिमेट खाते में जमा होता है।
यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। अब तक कितना पैसा शेयर बाजार में डाला गया है, इसका कोई हिसाब नहीं है। अब इन कर्मचारियों में भय है कि यदि कभी कोई सरकारी एजेंसी इस मुद्दे पर सक्रिय हुई, तो उनकी गर्दन भी नपेगी। साधना न्यूज के नोएडा स्थित दफ्तर पर पहले भी कुछ सरकारी एजेंसियों का छापा पड़ चुका है।
एक पत्रकार की चिट्ठी पर आधारित खबर।