एमपी में लगातार गिरती हुई टीआरपी को पटरी पर लाने के लिए नेटवर्क18 कोशिश कर रहा है। ईटीवी एमपी भोपाल में संजय तिवारी ने बतौर एसोसिएट एडिटर ज्वाइन किया है। यहाँ उनको असाइनमेंट हेड बनाया गया है। ईटीवी एमपी में नए सीनियर एडिटर प्रवीण दुबे आए हैं। फिर भी ईटीवी एमपी से लोगों के जाने का सिलसिला जारी है। ईटीवी भोपाल से शैलेंद्र अजारिया और अखिलेश सोलंकी ने प्रवीण दुबे के आने के बाद ही ईटीवी को बाय-बाय बोल दिया।
इसके पीछे कारण ये बताया जा रहा है कि प्रवीण दुबे से कई लोगों का तालमेल नहीं बैठ रहा है और प्रवीण अपने खासमखास लोगों को ईटीवी ज्वाइन करा रहे हैं। पहले भोपाल में ज़ी न्यूज़ ग्वालियर से शरद श्रीवास्तव और अब हाल ही में जबलपुर में ज़ी न्यूज़ के स्ट्रिंगर प्रतीक अवस्थी को रिपोर्टर के पद पर ज्वाइन कराया गया है। प्रतीक अवस्थी जबलपुर में दैनिक भास्कर में कार्यरत मदन अवस्थी के सुपुत्र बताए जाते हैं। एक स्ट्रिंगर को रातोंरात रिपोर्टर बनाने का प्रकरण जबलपुर के पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।
Comments on “संजय तिवारी ने ईटीवी एमपी ज्वाइन किया”
“एक स्ट्रिंगर को रातोंरात रिपोर्टर बनाने का प्रकरण जबलपुर के पत्रकारों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है।” क्यों भाई स्ट्रिंगर रिपोर्टर नहीं होता है क्या ? स्ट्रिंगर पत्रकार नहीं होता क्या ? मजदूर की तरह सुबह से मेहनत कर खबरों को बटोरता है स्ट्रिंगर . और जनाब देश के ज्यादातर रीजनल और नॅशनल चैनल्स स्ट्रिंगर्स के दम पर ही चल रहें है . यदि किसी काबिल स्ट्रिंगर को रिपोर्टर बनाया गया है तो किसी के पेट में दर्द नहीं होना चाहिए , दूसरी बात काम करने वाले हर एडिटर पर इतना प्रेशर होता है कि वो सिर्फ काम करने वाले बन्दे चाहता है . क्योंकि अल्टीमेटली मैनेजमेंट के सामने जवाब उसे ही देना पड़ता है .
कुछ समय से ऐसा हो रहा था कि पत्रकार बन जाओ इससे अच्छा कोई ब्यापार नहीं पर अब एक चैनल में ऐसा नहीं हो रहा तो उस चैनल में स्ट्रिंगर्स की स्थति ऐसी हो गयी है जैसे घुन लगे गेंहू को छत पर जाकर धूप में सुखाने रख दिया और तुलुला बाहर भागने लगे 🙂