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सुख-दुख

एक बेरोज़गार और परेशान पत्रकार ने माँगी मदद

शेखर कुणाल-

आज बहुत दिनों बाद मैं आप सब के सामने कुछ लिख रहा हूं, बहुत ही निराशा और जिंदगी से तंग आ कर लिख रहा हूं, बहुत से लोग जो मुझे करीब से जानते है वो ये जरूर जानते होंगे की ये सब मैं क्यों लिख रहा हूं, ये लिखते हुए मुझे ये भी समझ नहीं आ रहा है कि बात कहां से शुरू करूं और कहां पर खत्म करूं और इस तरह किसी सार्वजनिक जगह पर अपनी व्यक्तिगत बातें रखते हुए भी शर्म भी आ रही है..पर अब नहीं सहा जा रहा है…

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जिंदगी से हर रोज लड़ाई करते हुए हार की तरफ एक एक कदम बढते हुए ये बात आज मैं सार्वजनिक करने जा रहा हूं…मेरी शादी साल 2017 में हुई थी…शादी के बाद मेरे सास के दखलअंदाजी से मेरे और मेरी पत्नि के बीच के संबंध कुछ ज्यादा अच्छे कभी भी नहीं रहे…समाज और दुनिया के सामने मैने हमेशा अपने इस सच को छुपाए रखा इस आस में की शायद कभी इस रिश्ते में सुधार हो जाए पर ऐसा नहीं हुआ..

चार साल तक लगातार कोशिश करने के बाद भी हमारे रिश्ते कभी नहीं सुधरे, मेरी पत्नि अपने मां के कहने पर अपना सारा जेवर और सामान लेकर अपने मायके चली गई… साथ में दो साल के मेरे बेटे को भी ले गई और उसके मायके जाने का समय और माहौल इतना खराब था कि बता नहीं सकता, कोरोना होने के बाद नौकरी छुट गई, आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब थी, इसी बीच मेरे पिताजी का गुजर गए, लगातार बुलाने के बाद भी वो मेरे पिताजी के तेरहवीं में नहीं आई…

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यहां तक ना ही उसके मायके से कोई आया… ये सब कुछ ऐसे घटित हुआ की अब भी मुझे समझ नहीं आ रहा की आगे जिंदगी में क्या करूं और न करूं… आर्थिक तौर पर इतना टूट चुका हूं की कर्ज का बोझ सा बन गया है… और इस बोझ में मैं लगातार दबते ही जा रहा हूं… कहीं कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है….लगातार परिवारिक परेशानियों को झेलने के बाद, पिताजी के गुजरने के दो महिने बाद, पत्नि के छोड़ कर जाने के दो महिने बाद, अब मैने फिर से नया जीवन शुरू करने की ठानी है…

मेरे कई पूर्व सहकर्मियों के संपर्क में वो लगातार रहती है और मुझे बदनाम करने की कोशिश करते रहती है, उन सब से अनुरोध है कि आप इस मामले को ज्यादा तूल न देते हुए मुझे अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने का मौका दे, यहां इस तरह से ये सब बात रखने का मेरा सिर्फ एक ही मकसद है…

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मुझे मदद की जरूरत है..बहुत लोगों से मदद मांगी पर मिली नहीं, इस आस में ये सब लिख रहा हूं कि शायद कोई मसीहा मिल जाये।…मुझे सिर्फ दो ही तरह से मदद चाहिए…एक तो सबसे पहले मुझे कहीं नौकरी मिल जाए जिससे की मेरी जीविका चल पाए….

और दूसरा थोड़ी सी आर्थिक मदद हो जाए…जिससे की जो छोटे छोटे उधार है उनको चुका सकूं (जैसे मकान मालिक का किराया(इसलिए देना जरूरी है कि मेरे सारे कागजात उसी घर में बंद है जहां मैं रहा करता था), राशन वाले का का उधार, कुछ दोस्तों के उधार) बस इतनी सी मदद की जरूरत है.

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धन्यवाद
आपका
कुणाल शेखर
8470825057

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1 Comment

1 Comment

  1. Shambhu Dayal Vajpayee

    July 15, 2021 at 5:35 pm

    सीवी भेज दें , काम दिलाने वाली मदद कर सकता हूं- हल्द्वानी , मुरादबाद , बरेली , लखनऊ में – [email protected]

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