पचमढ़ी (मध्यप्रदेश) : यूनिसेफ द्वारा सोशल मीडिया एंड एजुकेशन पर पचमढ़ी में वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत यूनिसेफ एमपी के चीफ ट्रेवर क्लार्क ने करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया अब ट्रेडिशनल मीडिया की तरह लिया जा रहा है और इस मीडिया का उपयोग शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए बेहतरीन तरीके से किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अब बात राइट ऑफ एजुकेशन की नहीं, बल्कि राइट ऑफ लर्निंग की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मीडिया हमेशा यूनिसेफ का स्ट्रांग पार्टनर रहा है। एफए जामी ने एमपी में शिक्षा के स्तर और जरूरी आधारभूत संरचना पर एक प्रेजेंटेशन दिया।
मारिया फर्नांडीज (कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट, यूनिसेफ, इंडिया) ने बच्चों को उनके शिक्षा अधिकार दिलाने के लिए सोशल मीडिया की उपयोगिता बताई।
‘वेबदुनिया’ के गिरीश उपाध्याय ने ‘सोशल मीडिया लैंडस्केप इन एमपी एंड हाऊ दे कैन कंट्रीब्यूट इन चिल्ड्रन्स एजुकेशन’ पर अपने क्रांतिकारी विचार रखे। कार्यक्रम के सूत्रधार अनिल गुलाटी (कम्युनिकेशन एक्सपर्ट यूनिसेफ, मध्यप्रदेश) थे।