मुंबई : वरिष्ठ पत्रकार श्रीनारायण तिवारी दबंग दुनिया (मुम्बई) के नए संपादक बनाये गए है।श्री तिवारी पिछले 15 सालों से मुंबई में लोकमत समाचार के ब्यूरो प्रमुख थे। हाल ही में दबंग दुनिया के संपादक रहे अभिलाष अवस्थी को इस्तीफा देना पड़ा था।
श्री तिवारी जनसत्ता (मुंबई) में भी लंबे समय तक कार्य कर चुके हैं। वे मूलरूप से उत्तरप्रदेश के जौनपुर जिले के निवासी हैं। समझा जा रहा है कि श्री तिवारी की नियुक्ति से दबंग दुनिया को अच्छी टीम मिलेगी। डेढ़ साल पहले मुंबई से दबंग दुनिया का प्रकाशन शुरू हुआ था। लेकिन अच्छी टीम के अभाव में यह समाचार पत्र अपनी पहचान नहीं बना सका। अब तक दो संपादक बदले जा चुके है। इस लिए इसकी गंभीर समाचार पत्र की छवि नहीं बन पाई। श्री तिवारी को दबंग दुनिया का संपादक बनाये जाने पर मुंबई हिंदी पत्रकार संघ ने बधाई दी है।
इस बीच एक और सूचना मिली है कि श्री नारायण तिवारी के आते ही सिटी चीफ ओम प्रकाश तिवारी का रास्ते में दुर्घटना के कारण हाथ टूट गया और न्यूज़ एडिटर एसपी यादव छुट्टी पर चले गए।
Comments on “श्रीनारायण तिवारी बने दबंग दुनिया मुम्बई के संपादक”
मुंबई। य़शवंत जी भडास पर श्रीनारायण तिवारी बने दंबग दुनिया के संपादक शीर्षक से प्रसारित खबर में नीचे की दो लाईनों में भ्रामक बाते कही गई हैं। किसी का एक्सीडेंट हो जाना और नौकरी में छुट्टी पर जाना सामान्य बात है। अब इसे किसी संपादक के ज्वाईनिंग से जोड़ना सरासर बेवकुफी है। इन दिनों गर्मी की छुट्टीयां शुरु हो चुकी हैं। खासकर मुंबई के हिंदी अखबारों में तो करीब आधा स्टाफ ही छुट्टी पर जाता है। क्योेकि यहां के हिंदी अखबारों में कार्य करने वाले अधिकांश यूपी-बिहार के लोग हैं। ऐसे में एसपी यादव के छुट्टी पर जाने को श्रीनारायण तिवारी जी के संपादक पद पर ज्वाईन करने से कोई संबंध कैसे हो सकता है। दुर्घटना में स्टाफ के किसी साथी का हाथ टूटना भी संयोग हो सकता है। लेकिन यह किसी भी तरह खबर का हिस्सा तो नहीं हो सकता। यशवंत जी अपनी वेबसाईट को किसी की भडास निकालने का जरिया मत बनने दे।
श्रीनारायण तिवारी दंबग दुनिया के संपादक bane to hai lekin print line maine abhi bhi abhilash avasthi ka hi naam ja raha hai…. aur OM Prakash Tiwari to Sampadak Tiwari ke Khasam Khas adami hai…
बात निकलेगी तो दुर तक जाएगी
एस पी जी की छुट्टी पहले से ही तय हो सकती है।
बची बात ओ पी तिवारी की इनका हात तुटना एक संयोग ही हो। अगर ये भी पहले से तय हो तो सोचने की बात हो सकती है।
लेकीन बात तो अलग ही है। शिवनारायण जी दबंग मे कुद तो गये लेकिन क्या सोच लेकर कुदे है। दबंग का इतिहास देखे तो सुरुवाती दौर में पराटकर जी ने दबंग को प्रिंट मेडिया में नं. २ के स्थान पर पहुचाया था लेकीन योगेशनारायण के घोटाले ने दबंग को हिला कर रख दिया सुखे के साथ गीला भी जलता है बस उसी तरह पराटकरजी का हुआ उनके बाद अभिलाष अवस्थी जी का वेलकम दबंग ने किया आपको बता दु के अवस्थी जी को दबंग में एन्ट्री कराने में ओपी तिवारी को बोहत बडा हाथ है और उनको निकाल ने में भी उतना ही बडा हाथ खैर पॉइंट पर आते है अवस्थीजी ने दबंग में एन्ट्री तो कर ली लेकीन तिवारी और वर्मा के वरदहस्त से तो उनका खयाल तो रखना ही था इस के चलते भरपूर सारा धन कमाया गया जब उनको डर लगा की अब मालिक समज गया है की कुछ तो झोल है तब सारा इलजाम अवस्थीजी के सर डाल कर उनका पत्ता काट दिया गया अब आते है दबंग के नये और नंबर ३ के संपादक शिवनारायन तिवारी जी इनके बारे में अभी कुछ कहना उचित नही होगा कारण अभी तो इनका आगमन ही हुआ है नई नवेली दुलहन के हातो से अभी मेहंदी भी नही उतरी है। अब देखना यह है कि नये संपादक अवस्थीजी के नक्शे कदम पर याने ओ पी के चाल पर चलना चाहते है या अपनी रणनिती आजमाना चाहते है।