छत्तीसगढ़ में एक व्यापारी हैं सूर्यकांत तिवारी जी। प्रदेश में जिसकी सरकार उनके ये हो जाते हैं ख़ास। इसलिए कांग्रेस भाजपा दोनों ही पार्टियों में इनका रसूख है, इनका जलवा है।
इनके यहाँ इनकम टैक्स छापा पड़ा तो कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे पर तिवारी का ख़ास होने का आरोप लगा रही हैं।
तिवारी जी की फ़ोटो दोनों पार्टियों के नेताओं के साथ हैं। पर इस बार आईटी छापों से पता चलता है कि तिवारी जी राज्य में कांग्रेस व सरकार दोनों के लिए बहुत बड़े उगाही एजेंट के रूप में कार्य कर रहे थे. पहले पढ़िए आईटी रेड की प्रेस रिलीज़-
छत्तीसगढ़ में आईटी के छापों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गयी है. कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने प्रदेश भर में आंदोलन का ऐलान किया है. बीजेपी मुख्यमंत्री बघेल की इस्तीफे की मांग कर रही है. उधर राज्य में सत्ता के क़रीबियों पर आईटी की गाज से सरकार भी हैरत में है.
जांच एजेंसियाँ अब कोल माइंस और परिवहन विभाग से जुटाए जाने वाली वाली ब्लैकमनी के प्रामाणिक स्रोतों की पड़ताल में जुटी हैं. बताया जाता है कि इन दोनों ही महकमो से अवैध उगाही की जवाबदारी सूर्यकान्त तिवारी के कंधो पर थी. इनसे जुड़े विभागों में अफसरों की तैनाती तक सूर्यकान्त के इशारो पर होती थी.
खबर है कि जांच एजेंसियाँ सूर्यकान्त तिवारी और उसके करीबी अफसरों द्वारा देश- प्रदेश में खरीदी गयी संपत्तियों की भी पड़ताल कर रही हैं. सूत्र बताते हैं कि ब्लैकमनी खपाये जाने के ठिकाने छत्तीसगढ़ के अलावा देश के दूसरे राज्यों तक फैले हुए हैं. लिहाजा आने वाले दिनों में इस मामले को सीबीआई को भी सौंपे जाने के आसार हैं. आयकर के छापो से नेताओ और अफसरों द्वारा ब्लैकमनी जुटाने और उसे विभिन्न प्रदेशो में होने वाले चुनाव में खर्च किए जाने के दस्तावेज भी सामने आये हैं.
ज्ञात हो कि हाल ही में आयकर विभाग ने मुख्यमंत्री बघेल के करीबियों के दर्जनों ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों की नगदी, जमीन जायदाद के दस्तावेज और जेवर समेत ब्लैकमनी के स्रोतों का खुलासा किया था। आयकर विभाग ने काफी गोपनीय तरीके से इस कार्रवाई को अंजाम दिया था। राज्य के बाहर से छत्तीसगढ़ पहुंची आईटी टीम ने बड़ी चालाकी और सतर्कता से सत्ता के करीबियों के ठिकानों पर दबिश दी थी। बताया जाता है कि आईटी अधिकारियों की शिनाख्ती और छापे की पूर्व सूचना हासिल करने के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। सूत्रों की माने तो रेलवे स्टेशन, बस टैक्सी स्टैंड , एयरपोर्ट समेत आवाजाही के तमाम मह्रत्वपूर्ण रास्तों पर सादी वर्दी में पुलिस और प्रदेश का खुफिया तंत्र पूरे समय सक्रिय रहा.
इसके बावजूद आयकर टीम ने अपनी रणनीति से मुख्यमंत्री बघेल के बेहद करीबियों के ठिकानों पर दस्तक दे दी. इस छापेमारी में बरामद “ब्लैकमनी” के अलावा डिजिटल सबूतों और अन्य दस्तावेजों की पड़ताल शुरू गयी है. खबरों के मुताबिक लगभग आधा दर्जन नेताओ , अफसरों और कारोबारियों को आईटी -ईडी की ओर से नोटिस जारी होने की जानकारी मिल रही है. यह भी बताया जा रहा है कि कुछ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की चल अचल संपत्ति, निवेश और उनके ” सीए ” की खोजबीन शुरू हो गई है. जानकारी के मुताबिक जल्द ही ऐसे अधिकारियों और नेताओ के नामों का भी खुलासा हो सकता है.