दीपांकर डीपी-
Daya Sagar जी बता रहे हैं कि 281 वाले गैस का दाम 197% बढ़ने के बाद दाम 928 होगा ही नहीं.
सुशांत सिन्हा नाम का एंकर टाइम्स नाऊ नवभारत पर “न्यूज की पाठशाला” नाम का शो करता है. जबकि ये खुद अनपढ़ों वाली हरकत करके पाठशाला में पढ़ा रहा है.
2014 में किसने 928 रूपए की एक सिलेंडर रसोई गैस खरीदी थी बताइए?
(बिना सब्सिडी के सिलेंडर को सब्सिडी के सिलेंडर में गोलमोल किया जा रहा, सब्सिडी घटने की बहस गायब है)
सिंपल सी गणित अर्थात कैलकुलेशन भी गलत कर बैठा है बकलोल.
न्यूज़ रूम्स में अब छड़ी लेकर गणित सिखाने के लिए सख़्त गुरु को जाना पड़ेगा, इन चमन बहार एंकरों की कैलकुलेशन भी सुधरेगी ख़बर भी सुधर सकती है.
क्या न्यूज की “पाठशाला” और “मास्टर” स्ट्रोक चलाने वाले भारतीय न्यूज एंकरों में प्राइमरी मास्टर की परीक्षा पास करने लायक काबिलियत भी है?
क्या ये यूपी का सुपर TET एक्जाम पास कर लेंगे? सुपर टेट छोड़िए , ये TET कर लेंगे पास?
लेकिन मास्टर बनने का कीड़ा इनको ऐसा काटा है कि शो के नाम पर परसेंट कैलकुलेट ना कर पाने अनपढ़ों ने भी “पाठशाला” खोल रखी है. सब मास्टर ही बनना चाहते हैं.
पुष्य मित्र-
हमारे मित्र सुशांत जी का कैल्कुलेशन भले गलत हो मगर तथ्य ठीक है। आईओसीएल की वेबसाइट पर भी यही तथ्य है कि 2014 में बगैर सब्सिडी वाला सिलेंडर 928 रुपये का था, आज 859 रुपये का ही है।
हां, पब्लिक यह नहीं समझ पा रही कि मनमोहन सिंह के जमाने में 928 रुपये का सिलिंडर उन्हें 410 रुपये में क्यों मिल जाता था। आज क्यों 859 रुपये का सिलिंडर 800 रुपये से अधिक का पड़ रहा है?
सात साल में उसका गैस का खर्चा डबल कैसे हो गया? गैस की कीमत तो घट रही है फिर उनका खर्चा क्यों बढ़ रहा है?