द सूत्र नामक मीडिया संस्थान को खबर रोकने के लिए रिश्वत की पेशकश की गई और उस मीडिया संस्थान ने बकायदा इस का स्टिंग कर खबर तक चला दी।
मध्य प्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन रायसेन के जिला प्रबंधक विवेक रंगारी ने द सूत्र के सीनियर रिपोर्टर राहुल शर्मा को उनसे संबंधित खबर नहीं चलाने के लिए ₹50000 रिश्वत की पेशकश की।
सीनियर रिपोर्टर राहुल शर्मा ने ना केवल इस रिश्वत को ठुकराया बल्कि इस पूरे मामले का स्टिंग कर खबर तक चला दी। मीडिया आज जिस दौर से गुजर रहा है उसमें इसके प्रतिनिधियों पर कई तरह के आरोप प्रत्यारोप लगते रहते हैं। ऐसे में इस तरह की खबर ने सभी के सामने एक नजीर तो पेश कर ही दी है।
पत्नी के नाम था वेयर हाउस और गाड़ी भी विभाग में कर दी थी अटैच…
दरअसल रायसेन के जिला प्रबंधक विवेक रंगारी ने अपने ही कार्य क्षेत्र रायसेन के सिलवानी के पास किरतपुर गांव में पत्नी सपना रंगारी के नाम से एक वेयरहाउस बना दिया। पत्नी के नाम से बुलेरो जीप खरीद कर उसे अपने ही विभाग में अटैच कर दिया। सरकारी डिपार्टमेंट में जो गाड़ियां लगाई जाती हैं वह टैक्सी परमिट की होती है लेकिन विवेक रंगारी की पत्नी के नाम जो बोलेरो जीप थी वह प्राइवेट परमिट पर थी। बावजूद इसके 5 साल तक बोलेरो जीप के बिल पास होते रहे।
द सूत्र संवाददाता राहुल शर्मा इसी खबर को कवर कर रहे थे। जब रंगारी को इसकी भनक लगी तो उन्होंने 31 मई को राहुल को ऑफिस बुलाकर 50,000 रिश्वत देने की पेशकश की। बंद कमरे में हुए इस पूरे घटनाक्रम में द सूत्र संवाददाता चाहते तो पैसा ले सकते थे पर उन्होंने पैसे न लेकर अपनी पत्रकारिता को महत्व दिया और सच सबके सामने उजागर किया।
Comments on “रिपोर्टर का रिश्वत लेने से इनकार, स्टिंग कर चला भी दिया!”
बहुत सुंदर। राहुल जी को बधाई।
वैसे ऐसे भी अनेक उदाहरण मौजूद हैं, जहां रिपोर्टर नहीं बिका वहां उसके बोस को खरीद लिया जाता है और बदनामी रिपोर्टर की होती है, और इसे ही आधार बना कर अपने ही रिपोर्टर को संस्थान सजा भी दे देता।
रिपोर्टर तो बस सोचता ही रहता है कि आखिर किस कुत्ते की पूंछ पर पैर रख दिया।
राहुल जी सौ सौ सलाम आप को ,आप पत्रकारिता के इंकलाब हैं
Salute to Rahul for his honesty n guts… all d best for his bright future ahead