Amitaabh Srivastava-
टाइम्स ऑफ इंडिया समूह के हिंदी समाचार चैनल टाइम्स नाऊ नवभारत ने भी टीवी पत्रकारिता के अखाड़े में ताल ठोक दी है। शुरुआती मिज़ाज रिपब्लिक परिवार से मिलताजुलता लग रहा है।
कुछ प्रतिक्रियाएं-
Paramendra Mohan
शुरुआत बता रही है कि बोतल ही नई है अंदर शराब पुरानी ही है।
A N Shibli
लॉन्च पर ही इसने बता दिया कि यह भी घटिया चैनल की श्रेणी में रहेगा। घटिया लोग घटिया चैनल, maswood azhar भी कहता होगा यह लोग पागल हैं।
Ajit Patel
पाकिसातन से उपर उठ नहीं सकता है
आशुतोष शुक्ल
ये चैनल रिपब्लिक को ही मुख्य प्रतिद्वंदी मानता है, अर्नब की वज़ह से
Harsh Kumar-
लंबे समय के बाद मीडिया जगत में थोड़ी सी हलचल हुई है! नए अखबार तो अब नहीं लांच हो रहे हैं! दिल्ली से प्रकाशित नवोदय टाइम्स अंतिम अख़बार है जो लांच हुआ और मार्केट में स्थान बनाने में सफल रहा। बाक़ी जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान जैसे अख़बारों के तो यूनिट बंद ही हुए हैं और पत्रकारों के लिए नौकरी का टोटा होता जा रहा है।
पहले नए नए संस्करण लाँच होते थे और लोगों को नौकरियां मिलती थी। इसी बहाने सैलरी बढ़ जाती थी पत्रकारों की।
अलबत्ता टाइम्स ग्रुप ने अपना हिंदी न्यूज़ चैनल #TimesNowNavbharat लॉन्च किया है। देखते हैं यह चैनल कुछ विशिष्टता दिखाता है या फिर चैनलों की भीड़ में गुम हो कर रह जाता है?