टाइम्स ऑफ इंडिया में एक खबर है कि शाहजहांपुर के पत्रकार जगेंद्र सिंह के बेटे ने कहा है कि उसे सीबीआई जांच नहीं करानी क्योंकि उसके पिता कन्फयूज्ड थे और इसी मतिभ्रम के कारण उन्होंने आत्मदाह किया था। उन्हें किसी ने जलाया नहीं और मंत्री एकदम निर्दोष है।
अच्छा है कि उनके बेटे को समय पर सद्बुद्घि आ गई। और यह भी बेहतर हुआ कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मतिभ्रम के शिकार पत्रकार जगेंद्र सिंह के मजिस्ट्रेट के समक्ष मृत्युपूर्व बयान को सही नहीं माना और इसी वजह से मंत्री को बर्खास्त नहीं किया। अब मेरी मुख्यमंत्री से अपील है कि कृपा करके मृत पत्रकार के परिवार को जो तीस लाख रुपये दिए गए हैं, वे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएं और उनके परिवार के दो युवकों को किसी दया के आधार पर नौकरी नहीं दी जाए। इससे तो फिर यह साबित होगा कि सरकार स्वयं लोगों को आत्महत्या के लिए उकसाती है। उलटे उनकी आत्महत्या की जांच होनी चाहिए और परिवार से कड़ाई से पूछताछ की जानी चाहिए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके।
यह भी तो संभव है कि परिवार की कलह की वजह से शाहजहां पुर के इस पत्रकार ने आत्महत्या की हो। मुख्यमंत्री जी आत्महत्या के आरोपी के परिवार के साथ दया दिखाना संविधान का अपमान है और कोई आम नागरिक अगर इस आधार पर सीबीआई जांच की मांग करे और सुप्रीम कोर्ट जाए कि यूपी सरकार ने आत्महत्या करने वाले पत्रकार के परिवार को तीस लाख रुपये कैसे दिए, तो कोई बड़ी बात नहीं। अगर मुख्यमंत्री महोदय को धन देना ही था तो सरकारी खजाने की बजाय पार्टी फंड से देते।
शम्भूनाथ शुक्ल के एफबी वाल से
Comments on “यूपी सरकार ने जगेंद्र सिंह के परिवार को 30 लाख क्यों दिए!”
पत्रकार जगत के लिए एक ज़ोरदार झटका।
पत्रकार जोगेन्दर सिंह का यही होनहार बेटा पहले क्यों खामोश रहा और तब क्यों सीबीआई की मांग में शामिल था।
इस अचानक ह्रदय परिवर्तन से पत्रकार जगत का आहत होना स्वाभाविक है।
मै कहता हूँ कि तत्काल प्रभाव से इस परिवार को दी गई कोई भी सरकारी मदद वापस लेते हुए तुरन्त गिरफ्तार किया जाना चाहिये या फिर पर्दे के पीछे के सच का अनावरण होना चाहिए।
आल इण्डिया रिपोर्टर्स एसोसिएसन इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है ,आत्म हत्या करने वालों को सरकारी मदद के बारे मे कानूनी पहलुओं का अवलोकन करने के बाद सरकार सो घेरने का प्रदेश व्यापी अभियान शुरू किया जाएगा और मामले को कोर्ट मे भी ले जया जाएगा । पत्रकार जगेंद्र सिंह के परिवार ने पत्रकार समाज के मुह पर तमाचा मरा है , म्रतक जगेंद्र की आत्मा भी रो रही होगी । —————— के. एम. त्रिपाठी -महामंत्री