मुंबई। महानगर की जानीमानी सामाजिक व सांस्कृतिक संस्था अभियान द्वारा आयोजित 27 वे उत्तरप्रदेश स्थापना दिवस समारोह में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने दैनिक भास्कर (मुंबई) के प्रमुख संवाददाता विजय सिंह कौशिक को राजेश मिश्र युवा पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान किया। इस मौके पर संस्था के अध्यक्ष अमरजीत मिश्र, वरिष्ठ पत्रकार प्रेम शुक्ल, सुप्रसिद्ध गायक व भाजपा सांसद मनोज तिवारी, भाजपा के राष्ट्रिय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी व महाराष्ट्र भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश ठाकुर आदि मौजूद थे। इस मौके पर सुप्रसिद्ध टीवी अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ल को उत्तर कला श्री पुरस्कार प्रदान किया गया। पिछले 27 सालो से मुंबई में यह कार्यक्रम आयोजित करने वाली संस्था अभियान हर साल उत्तरप्रदेश स्थापना दिवस पर विभिन्न क्षेत्रो में उल्लेखनीय उपलब्धी हासिल करने वाले उत्तरप्रदेश मूल की हस्तियों को सम्मानित करती है।
बहुत कम समय में देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई की पत्रकारिता में एक अहम स्थान बनाने वाले विजय सिंह कौशिक आशावादी, चिंतनशील, ज़िम्मेदार, मिलनसार, सृजनशील, समंजनीय व्यक्तित्व के धनी रहे हैं। मुंबई में उनकी पहचान लीक से हटकर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार की है इसीलिए बहुत अल्प समय में ही उनकी क़लम का लोहा पूरा शहर मानने लगा है। आमतौर पर पत्रकारिता, ख़ासकर हिंदी मीडिया में उन क़लमकारों का वर्चस्व है जिनका जन्म या तो शहर में हुआ या जो पूरी तरह शहरी बैकग्राउंड के रहे हैं। देहाती पृष्ठिभूमि से आकर शहर में अपना स्थान बनाने वालों की गिनती आज भी नाम मात्र की ही है। संयोग से उन चंद लोगों में मुंबई पत्रकारिता के उदीयमान सितारे विजय का नाम शामिल है।
मायानगरी में लंबे समय तक प्रतिष्ठित हिंदी अख़बार “नवभारत” से जुड़े रहने के बाद 2013 में विजय सिंह ने बतौर प्रमुख संवाददाता देश के सबसे बड़े हिंदी अख़बार दैनिक भास्कर में नई पारी का आग़ाज़ किया। मुंबई के तेजतर्रार पत्रकारों में शुमार विजय सिंह ने तक़रीबन आठ साल तक अपनी अमूल्य सेवाएं नवभारत को दीं। विजय सिंह का अपराध पर आधारित कॉलम “तहकीकात” लगातार 52 सप्ताह तक प्रकाशित हुआ। मंत्रालय समेत अनेक क्षेत्रों की रिपोर्टिंग के साथ साथ विजय पॉलिटिकल गॉसिप “राजरंग” समेत कई कॉलम भी लिखते थे। उनके हिस्से “मुंबई लोकल ट्रेन ब्लास्ट 7/11” और “परिवहनः कल आज और कल” जैसी न्यूज़ स्टोरीज़ भी हैं।
जौनपुर में हिंदुस्तान में कई साल तक काम करने के बाद वह अमर उजाला के सुल्तानपुर ब्यूरो से जुड़ गए और 2 साल तक सुल्तानपुर में ही रहे। नई सहस्त्राब्दी में विजय देश की आर्थिक राजधानी मुंबई आ गए। यहां पहुंचते ही वह पंजाब केसरी से बतौर स्टॉफ रिपोर्टर जुड़ गए लेकिन जल्दी ही उनका पदार्पण नवभारत में हो गया। जहां फिल्मों के अलावा रेलवे, इनफ्रास्ट्रक्टर्स, कोर्ट, पॉलिटिक्स आदि विषयों की रिपोर्टिंग करनी शुरू की।
इसके पहले पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए विजय सिंह को नेहरू युवा केंद्र की ओर से सम्मानित किया गया। फिल्मों में गहरी अभिरुचि रखने वाले विजय को फरवरी 2012 में सेंसर बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया। वह सितम्बर 2014 तक सेंसर बोर्ड के सदस्य रहे। विजय सिंह कौशिक का बचपन जौनपुर के मड़ियाहूं तहसील में बसुही नहीं के किनारे ठाकुर बाहुल्य अढ़नपुर गांव बीता। इनका पत्रकारिता की तरफ रुझान किशोरावस्था से ही थी। तभी तो 1996 में हिंदुस्तान के जौनपुर ब्यूरो से जुड़ गए थे।
SHANKAR JALAN
January 28, 2015 at 2:21 pm
SUBH KAMNA