कभी बीबीसी के पत्रकार रहे और आजकल छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार के रूप में कार्यरत विनोद वर्मा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईडी और मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जमकर भड़ास निकाली। ज्ञात हो कि विनोद वर्मा के घर पर ईडी ने छापेमारी की थी जिसके ठीक अगले दिन यानि आज विनोद वर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर विस्तार से अपनी प्रतिक्रिया दी। विनोद वर्मा की बातों, सुबूतों और तथ्यों से स्पष्ट हो रहा था कि उन्हें ईडी ने अपने सियासी आकाओं के निर्देश के कारण बेवजह परेशान किया।
विनोद वर्मा ने ईडी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इन्होंने मेरे घर में डकैती डाली है, लूट की है। ईडी ने जो बयान लिया है उसमें भी मैंने यह दर्ज करवाया है कि आप मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं और जो कुछ भी आप कर रहे हैं और डकैती है, लूट है।
वर्मा के मुताबिक़- मैंने अपने घर से बरामद सोने के सभी बिल पेश कर दिए हैं। हम घर में दो बार गहने खरीदते हैं। एक बार मेरी पत्नी के जन्मदिन पर और हमारी शादी के सालगिरह पर। वो भी हमने एक कंपनी से किश्तों में खरीदे हैं। फिर भी ईडी ने सारा सोना जब्त कर लिया। ईडी वाले आईपीसी और सीआरपीसी को फिर से परिभाषित कर रहे हैं। मेरे घर में जो धूल है, वह भी मेरे पैर की ही है।
मैंने साल 2005 से 2023 तक जितना भी सोना खरीदा, उसका एक-एक का बिल मैंने दिए हैं। सिर्फ एक गहने को छोड़कर जो मेरी पत्नी को उसकी शादी में मिला था। उसका बिल मेरे पास नहीं था। इसके अतिरिक्त पूरा बिल दिया हूं। इसके अलावा 6 बिल भी दिए हैं, भांजे की शादी हुई तो उसकी बहू को देने के लिए और भतीजे की शादी हुई तो उसके यहां देने के लिए जो सोना ख़रीदा था। इसके बावजूद ईडी सारा गहना जब्त करके ले गई। उसने कहा कि आप इसका पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं कि गहना कहां से खरीदे हैं। मैंने जब उन्हें बिल दिया तो उन्होंने जाते समय जो मुझे कागज दिए हैं, उसे कागज में पूरा विवरण है। कितना सोना हमने खरीदा और कितने का बिल मैं प्रोड्यूस किया। उसमें ये साफ-साफ लिखा हुआ है।
“ईडी ने मुझसे कहा कि आपने इस बिल को कैसे पेमेंट किया है, इसका सबूत आपके पास नहीं है, तो भारतीय कानून में पहली बार यह प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है कि अगर कोई चीज बिल से खरीदते हैं, कच्चे में नहीं खरीदते हैं तो उस बिल के पेमेंट का मोड भी आपको रखना पड़ेगा। यह आईपीसी और सीआरपीसी को नए सिरे से परिभाषित कर रहे हैं। वे लोग 2 लाख 55 हजार 300 मेरे घर से नगद ले गए। उन्होंने मेरे घर में कोना-कोना छान मारा। मेरे बेटे की शादी हुई थी, उसके लिफाफे पड़े हुए थे उन सब लिफाफों के सारे पैसे निकाल लिए गए। जो नगद मिला था, उसे मेरे बेटे ने ईमेल पर पूरा सबूत बना रखा था। लिफाफे में कितना पैसा मिला, इसका पूरा हिसाब लिखा हुआ है। उसने भी पेश कर दिया कि इसमें इतने पैसे आए थे। मैंने सारे सबूत दिए हैं। मेरे बैंक अकाउंट का डिटेल उनके पास है। मैंने सारे लेन-देन उन्हें दिखाए। यह मेरा मकान है, इस पर इतना लोन चल रहा है।”
विनोद वर्मा ने कहा कि ईडी की बुद्धि केंद्र सरकार के इशारे पर चल रही है। बीजेपी और केंद्र सरकार का मकसद है कि जो लोग कांग्रेस सरकार में है, चुनाव की दृष्टि से काम कर रहे हैं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर काम कर रहे हैं, उनके प्रशिक्षण से लेकर चुनावी रणनीति तक सबको प्रभावित किया जाए। किसी भी तरह से हाशिए पर डाला जाए, जेल में डाला दिया जाए।
विनोद वर्मा ने पीएम पर आरोप लगाते हुए कहा कि पीएम मोदी तानाशाह हैं। अपने सारे प्रतिद्वंदियों को रोक दो, कुचल दो, मार दो, जेल में भर दो। यह उनका काम है। विपक्ष नाम का कोई संस्था बचे ही नहीं। बीजेपी चुनाव से डरकर परिणाम को बदलने की कोशिश करना चाह रही है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करना चाहते हैं, यह स्वागत योग्य कदम है। छत्तीसगढ़ पुलिस भी जांच कर रही है। महादेव एप में बहुत लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। केंद्र सरकार ने लूडो और क्रिकेट जैसे खेल को जुए में बदल दिया है।
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