यशवंत सिंह-
Yes. जी हाँ. जो लक्षण दिख रहे हैं वो बताता है कि येस बैंक का शेयर जल्द ही राकेट बनने वाला है। साढ़े तेरह रुपए का ये शेयर जल्द ही सौ पार जा सकता है। ये निजी बैंक जिस तरह चौतरफ़ा आक्रामक तरीक़े से कार्य कर रहा है वो संकेत देता है कि इसके अच्छे दिन आने वाले हैं।
यस बैंक ने पैसा वसूलने के लिए जी ग्रुप को दौड़ा लिया है। जी ग्रुप की कम्पनी जी लर्न को कंपनी लॉ बोर्ड में घसीट लिया है। इस कार्रवाई से जी लर्न का शेयर धड़ाम हो चुका है।
वहीं कई क़िस्म की अटकलें भी हैं कि यस बैंक का मर्जर कोटक महिंद्रा बैंक के साथ होने वाला है।
येस बैंक की चौथी तिमाही के नतीजे तीस अप्रैल को संभावित हैं। बैंक लगातार बढ़िया प्रदर्शन करते हुए घाटा कम करता जा रहा है और ग्राहकों की संख्या में इज़ाफ़ा कर रहा है।
जो जो कम्पनियाँ कर्ज़ा लेकर भाग गई हैं उनको एस बैंक प्रबंधन कोर्ट में घसीट रहा है। जी लर्न का उदाहरण बिल्कुल ताज़ा है।
मोदी सरकार बैंकों की मजबूती के लिए लगातार नीतियाँ अपग्रेड कर रही है। इससे ग्राहकों की जेब भले कटती हो लेकिन बैंक मालामाल हो रहे हैं। अर्थव्यवस्था को बेपटरी होने से बचाने के लिए बैंक को मजबूत रखना मजबूरी हो जाती है।
बताया जा रहा है कि मोदी सरकार yes बैंक का उद्धार करने के लिए प्रयासरत है। ये सब माहौल और सूचनाएँ ऐसा इंगित कर रही हैं कि एस बैंक के शेयर में बहुत तेज़ी संभावित है।
पाठकों को सलाह है कि किसी भी शेयर में निवेश बहुत सोच समझ कर ही करें। दुनिया में युद्ध का माहौल है और अर्थव्यवस्था ख़राब दौर से गुज़र रही है। महंगाई बेरोज़गारी चरम पर है जिसकी मार बाज़ार भी झेलेगा। इसलिए शेयर बाज़ार में जाने से पहले इसके जोखिम का अध्ययन कर लें।