Aruna Rai : I have worked honestly and very hard in uttar pradesh police deptt. i deserve respect and I’m not asking for too much. मेरे साथ एक सीनियर आईपीएस डीपी श्रीवास्तव द्वारा किये गए misbehave मामले में पुलिस ऐसे रियेक्ट कर रही है जैसे हाँ दुर्व्यवहार तो हुआ तो है लेकिन इसमें ऐसी कोई ख़ास बात नहीं ,….ख़ास बात तब होती जब रेप होता ,या आप बदनामी से डर के जान दे देती, शर्म से मुंह छुपाती चलती, किसी पेड़ से लटकी पाई जाती, कहीं किसी कोने में पड़ी रहती, ऐसे में अगर आईपीएस को बेल मिल भी गई तो क्या?
आप दस साल इस बात के लिए कोर्ट में रोज़ सर मारिये कि आपके साथ सच में दुर्व्यवहार हुआ है, साबित तो कीजिये, मैं तो उन सबको इसमें सह अभियुक्त मान रही हूँ जिन्होंने बेल दिलाने का लूडो खेला| सारे ठोस सबूतों के बाद भी पुलिस मानती है कि हुआ तो है कुछ…….. पर कुछ ख़ास नहीं, ये वही कुछ है जिस पर यू,पी.पुलिस की कम्प्लेन कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर आईपीएस निलंबित किया जा चुका है, जैसा कि “द हिन्दू” का कहना है. पुलिस मुझे बताती रही हम अभियुक्त को लखनऊ गिरफ्तार करने जा रहे हैं.. वो ये कहने से मुझ अदना सी लड़की से डर गए कि हम गिरफ्तार नहीं, उसे भगाने जा रहे हैं ताकि वो अपनी जमानत मैनेज कर ले.
सभी अपनी दाढ़ियो के तिनको को बचाने में लग गए| आज सस्पेंड करेंगे, कल पुरानी तारीख से बहाल करेंगे, अच्छे से अच्छी पोस्टिंग देंगे ….. और मान लेंगे कि हिंदुस्तान में कैंडल लाइट मार्च का तो फैशन है, अगर एक और लड़की के लिए लोग पिल भी पड़े तो कैंडल बुझते ही वो अपने अपने घरो में वापस होंगे| i am not embarrassed — feeling determined.
यूपी पुलिस में एसआई अरुणा राय के फेसबुक वॉल से.
Surendra Grover : पुलिस विभाग में अपने से बड़े अफसर के सामने छोटे अफसर की पैन्ट तुरंत खुल जाती है.. यह बात हर पुलिस अफसर पर लागू होती है.. ऐसे में बड़े पुलिस अफसरों के सामने एक थानेदार की क्या बिसात.. और थानेदार भी खूबसूरत महिला..! पुलिस ट्रेनिंग के दौरान पुलिस अधिकारीयों द्वारा अपनी पोस्ट के रौब के बूते ट्रेनी युवतियों के साथ रंगरेलियां मनाने के कई किस्से आम हो चुके हैं.. अरुणा राय भी यूपी पुलिस में थानेदार हैं.. एक IPS अधिकारी ने अपने कार्यालय में अरुणा राय के साथ कुछ ऐसा ही करने का प्रयास किया.. किसी तरह बच निकली अरुणा राय ने हिम्मत दिखाते हुए विरोध किया और मामले को ऊपर तक उठाया और FIR दर्ज़ करने का दवाब बनाया.. किसी तरह FIR लिखी गई तो रपट में से यौन हिंसा से सम्बन्धित धाराएं हटा कर इस मामले को ज़मानत योग्य बना दिया गया.. जिससे कि आरोपी IPS को ज़मानत दी जा सके और दे दी गयी.. अरुणा राय ठगी सी खड़ी है.. उस पर यौन आक्रमण हुआ और हिम्मत दिखाई तो भी नतीज़ा सिफ़र..
वेब जर्नलिस्ट सुरेंद्र ग्रोवर के फेसबुक वॉल से.
मूल खबर….
Manisha Chauhan
June 22, 2014 at 11:17 am
He should be punished for such a sick act . We all are there with Aruna Rai. Such a Criminal in Police Deptmnt.