दीपक कोचर, चंदा कोचर और वेणुगोपाल धूत चल दिए नीरव मोदी की राह पर
उन्मेष गुजराथी, दबंग दुनिया
मुंबई। आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर के घोटाले से तीन ‘नीरव मोदी’ तैयार हो रहे हैं। चंदा कोचर पर आरोप है कि उन्होंने बैंकों के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने पति के दोस्त वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत को लोन दिया था। लोन के एवज में धूत ने दीपक कोचर की कंपनी में करोड़ों का निवेश किया। आरोप है कि इससे चंदा कोचर और उनके परिवार को बड़ा मुनाफा हुआ। सरकार इस मुद्दे पर यदि गंभीरता से ध्यान नहीं देती है, तो चंदा कोचर, उनके पति दीपक मोदी और धूत फरार हो सकते हैं। कई बड़े मामलों का खुलासा होने की आशंका को देखते हुए तो यह कहा जा सकता है कि अभी कई ‘नीरव मोदी’ भागने की कतार में हैं।
चंदा कोचर के पति के खिलाफ प्राथमिकी
आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन केस में सीबीआई ने बैंक की सीईओ चंदा कोचर के पति दीपक कोचर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। खबर है कि सीबीआई ने इस मामले में प्रिलिमिनरी इंक्वायरी यानी पीई दर्ज की है। अब सीबीआई इस बात की जांच करेगी कि क्या बैंक से लोन मिलने के बाद वीडियोकॉन ग्रुप के अध्यक्ष धूत ने चंदा कोचर के पति की कंपनी को करोड़ों रुपए दिए थे? वर्ष 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से धूत को 3250 करोड़ रुपए का लोन मिला था।
पद्मभूषण क्यों?
राष्ट्रीय स्तर का तीसरा नागरी सम्मान पद्मभूषण पाने वाली चंदा कोचर ने घोटालेबाजी कर के सम्मान का अपमान किया है। उनसे यह सम्मान छीन लेना चाहिए। गौरतलब है कि उन्होंने कानूनी दायरे में खुद को रखते हुए बड़ी धांधली की है। मेहनत की कमाई से बचाकर बैंकों में रकम जमा करने वालों के खिलाफ यह सबसे बड़ी धोखाधड़ी है।
कौन है वेणुगोपल धूत?
वेणुगोपाल धूत शिवसेना के पूर्व सांसद राजकुमार धूत के भाई हैं। शिवसेना ने अपने निष्ठावान शिवसैनिकों को हाशिए पर कर के धूत को राज्य सभा में भेजा था। आरोप है कि करोड़ों रुपए लेकर धूत को शिवसेना ने आगे बढ़ाया था। वेणुगोपाल धूत 20 बैंकों के 65 हजार करोड़ रुपए के कर्ज डुबाकर दूसरों को सलाह देनेवाले उद्योगपति हैं।
यह है पूरा मामला? कैसे हैं मुनाफाखोरों के रिश्ते?
इस घोटाले के पूरे मामले को समझने के लिए चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर के साथ वेणुगोपल धूत के मुनाफाखोरी वाले रिश्ते को जानना जरूरी है। गौरतलब है कि चंदा के पति दीपक कोचर ने वीडियोकॉन के वेणुगोपल धूत के साथ कंपनी बनाई थी। कंपनी में दीपक कोचर के साथ 2 संबधी और शामिल थे। इस कंपनी को वीडियोकॉन ने 64 करोड़ रुपए का लोन दिया। बाद में कंपनी को 9 लाख में दीपक कोचर के ट्रस्ट को दे दिया गया। इस बीच आईसीआईसीआई बैंक ने धूत के वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपए का लोन दे दिया।
मिलीभगत कर हुई लूट, एक साथ न भाग जाएं सब घोटालेबाज
चंदा कोचर के पति दीपक कोचर, दीपक कोचर के पिता और चंदा कोचर की भाभी ने मिलकर वीडियोकॉन ग्रुप के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत के साथ मिलकर आधे-आधे हिस्सेदारी की एक कंपनी खोली, जिसका नाम एनयू पावर था। इस कंपनी में वेणुगोपाल धूत ने 64 करोड़ रुपए का निवेश किया। इसके कुछ महीनों बाद वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपए का लोन लिया। लोन मिलने के कुछ महीने बाद धूत ने अपनी एक कंपनी सुप्रीम एनर्जी का मालिकाना हक अपने एक साथी के माध्यम से दीपक कोचर द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को मात्र 9 लाख रुपए में दे दिया। आईसीआईसीआई बैंक से जो लोन धूत को मिला था उसमें से उन्होंने कुछ चुका दिए, लेकिन बाकी के पैसे वो नहीं दिए। बाकी के पैसे लगभग 2810 करोड़ रुपए थे। जिसे आईसीआईसीआई बैंक ने एनपीए घोषित कर दिया।
प्रायोजित इनाम का गंदा खेल
प्रायोजित इनाम का खेल खेलकर झूठे आयकन बनाने की गलत परंपरा बंद होनी चाहिए। चंदा कोचर जैसे लोग बड़े -बड़े अवार्ड लेकर झूठी प्रतिष्ठा कमाते हैं और लोगों के मन में विश्वास जगाने का काम करते हैं। चंदा कोचर को वर्ष 2017 में वॉशिंगटन में वूड्रो विल्सन पुरस्कार, 2017 में ही फोर्ब्ज की ओर से अंतरराष्ट्रीय प्रभावशाली महिला का सम्मान, 2015 में टाइम मैगजीन ने 100 विश्व की प्रभावशाली व्यक्तित्व में शामिल किया गया। इसके अलावा 2011 में भारत सरकार ने चंदा कोचर को पद्मभूषण सम्मान सौंपा। वहीं वर्ष 2011 में कनाडा येथील कार्लटन विद्यापीठ ने कोचर को मानद विद्या वाचस्पती पदवी सौंपा। यह सब पुरस्कार और सम्मान उन्हें पैसे के बल पर या साठगांठ के बल पर दिए गए।
आरबीआई रुपए खाकर चुप बैठा
आईसीआईसीआई बैंक के लेन-देन और अन्य आर्थिक व्यवहार पर नियंत्रण रखने में आरबीआई असफल रहा है। सवाल यह उठते हैं कि आखिर कैसे इतना बड़ा घोटाला हो गया और आरबीआई चुप बैठा रहा। आरोप है कि आरबीआई ने पैसा खाकर घोटाला होने दिया। ज्ञात हो कि वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) से कर्ज वसूली के जो वायदे हैं, वह आरबीआई ने किए हैं। इसका सहारा लेकर बड़े-बड़े अरबपति कर्जदार बैंक डुबाते हैं और सामन्य लोगों का पैसा ही डूब जाता है।
क्या है आरोप ?
- आईसीआईसीआई बैंक से वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ का लोन मिला
- वेणुगोपाल धूत से चंदा कोचर के पति की पार्टनरशिप
- 2008 में धूत और कोचर ने एनयू पावर कंपनी बनाई
- कंपनी में चंदा कोचर के पति ससुर, भाभी की हिस्सेदारी
- 2012 ने आईसीआईसीआई समेत 20 बैंकों ने वीडियोकॉन को लोन दिया
- वीडियोकॉन का लोन अकाउंट एनपीए घोषित ही चुका है
- आईसीआईसीआई से लोन मिलने के बाद एनयू पावर कोचर को ट्रासंफर हुई
कब-कब क्या हुआ?
- दिसंबर 2008 दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत ने एनयू पावर रिन्यूएबल्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई
- जनवरी 2009 धूत ने एनयू पॉवर के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। अपने हिस्से के 24999 शेयर सिर्फ 2. 5 लाख में सौंप दिए
- मार्च 2010 धूत की कंपनी सुप्रीम एनर्जी से एनयू पावर को 64 करोड़ का लोन मिला
- नवंबर 2010 धूत ने सुप्रीम एनर्जी की अपनी पूरी हिस्सेदारी महेश चंद्र पुंगलिया को सौंप दी
- सितंबर 2012 -29 अप्रैल 2013 पुंगलिया ने सुप्रीम एनर्जी में अपनी हिस्सेदारी दीपक कोचर के ट्रस्ट पिनेकल एनर्जी को सौंप दी
- वर्ष 2012 आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 3250 करोड़ का लोन दिया, वीडियोकॉन समूह पर कुल 2849 करोड़ रुपए का बकाया
- वर्ष 2017 आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन के बकाया लोन को एनपीए कर दिया..