तरुण तेजपाल को टीओआई (टाइम्स ऑफ़ इंडिया) द्वारा आयोजित एक साहित्यिक समारोह में निमंत्रण देने पर विवाद खड़ा हो गया है. कई वरिष्ठ पत्रकारों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि यौन शोषण के एक हाई प्रोफाइल अभियुक्त को इस तरह का प्लेटफार्म देना महिलाओं को ग़लत पैग़ाम देने जैसा होगा. लगभग एक साल पहले तेजपाल यौन शोषण के आरोप में गिरफ़्तार हुए थे और उन्हें इस साल जुलाई में ज़मानत मिली थी. हालाँकि उन्होंने लगातार ख़ुद पर लगों आरोपों को बेबुनियाद कहते हुए ख़ारिज किया है.
आयोजकों की तरफ से अब संपादक बच्ची करकरिया ने तरुण तेजपाल से कहा है कि वो समारोह में शामिल न हों. तरुण ‘सत्ता के अत्याचार’ विषय पर बोलने वाले थे. कुछ प्रसिद्ध हस्तियां तेजपाल को दिए गए न्योता के कारण इस समारोह में भाग नहीं ले रही हैं. प्रधानमंत्री के क़रीबी समझे जाने वाले पत्रकार स्वपन दास गुप्ता इनमें शामिल हैं. ब्लॉगर स्मिता बरूआ ने कहा तरुण तेजपाल को न्योता देने से महिलाओं को ग़लत पैग़ाम जाएगा. पैनल में तरुण तेजपाल के अलावा कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर, लेखक बशारत पीर और पत्रकार मनु जोसेफ थे.
क़ानूनी तौर पर तरुण तेजपाल का समारोह में भाग लेना अवैध नहीं था. उन्हें फ़िलहाल दोषी क़रार नहीं दिया गया है लेकिन आरोपो के कारण वे विवावदास्पद व्यक्ति ज़रूर हैं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया की ओर से उन्हें न्योता देना भी ग़लत नहीं था. लेकिन मार्केटिंग और पब्लिसिटी क्षेत्र के कुछ लोगों को लगता है इस कदम से समारोह को पब्लिसिटी ज़रूर मिलती. अब तक टाइम्स लिट्रेरी फेस्टिवल के बारे में ज़्यादा लोगों को जानकारी नहीं थी लेकिन अब तरुण तेजपाल के सुर्ख़ियों में लौटने के बाद साहित्यिक समारोह भी सुर्ख़ियों में है.
santosh singh
November 25, 2014 at 12:51 pm
soch smajh kar nyota dena chahia tha.