इस बार पी7 के आंदोलनकारी पत्रकार लंबी लड़ाई के मूड में आए हैं. इसीलिए उनके आंदोलन में कोई अफरातफरी और कोई उतावलापन नहीं है. सब कुछ शांति के साथ और प्लानिंग के साथ हो रहा है. एक आह्वान पर सभी पत्रकारों का आफिस पहुंच जाना और आफिस के मुख्य द्वारा से लेकर अंदर रिसेप्शन तक पर कब्जा कर लेना. फिर वहीं अनशन धरना शुरू कर देना. फिर आफिस के हर कोने पर हाथ से बनाए गए बैनर पोस्टर चस्पा कर देना. फिर श्रम विभाग से लेकर पुलिस, प्रशासन, भड़ास आदि को सूचित कर तस्वीरें सूचनाएं आदि शेयर करने लगना. खाने से लेकर सोने तक की व्यवस्था कर देना.
आंदोलन के लिए आफिस में रुकने वालों को तीन शिफ्ट में डिवाइड कर देना. सूचनाओं से अपडेट रहने के लिए ह्वाट्सएप ग्रुप का लगातार सक्रिय रहना. ताजी सूचना है कि ह्वाट्सएप पर ही आंदोलनकारी पत्रकारों ने आपस में चंदा जुटाना शुरू कर दिया है. अधिकतम सौ रुपये देना है, इससे ज्यादा का चंदा कुबूल नहीं है. दर्जनों आंदोलनकारी पत्रकारों ने अपने अपने नाम से इस ग्रुप में पोस्ट किया है कि वे सौ रुपये दे रहे हैं. नीचे कुछ तस्वीरें बैनर पोस्टर की. साथ ही उस समझौते के प्रति की भी तस्वीर जिसे पिछले आंदोलन के दौरान प्रबंधन, पत्रकारों और प्रशासन के दस्तखत से ओके किया गया लेकिन पी7 प्रबंधन ने जब इसका पालन नहीं किया तो पत्रकारों को फिर से आंदोलन मे उतरना पड़ा.
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Umesh Sharma
December 28, 2014 at 12:35 am
आप लोग 17(2) की अर्जी लेबर बिभाग मैं लागा कर RC इश्यू करवा कर कंपनी के खिला वाइंडिंग उप पेटिशन लगाई. ESI & EPF बिभाग को मालिके के खिलाफ action और recovery करने को लिखे.