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पी7 चैनल के आफिस में रात गुजारी आंदोलनकारी पत्रकारों ने (देखें वीडियो और तस्वीरें) : पार्ट 1

पत्रकारों का ऐसा एकजुट आंदोलन बहुत दिन बाद देखने को मिला. पिछली बार जब आंदोलन किया तो प्रबंधन झुका और लिखित समझौता कर सब कुछ देने का वादा किया. लेकिन तारीखें बीतने के बाद जब पता चला कि प्रबंधन झूठा निकला तो पत्रकारों ने दुबारा आंदोलन करने में तनिक भी देर न लगाई. ह्वाट्सएप पर इन आंदोलनकारी पत्रकारों का ग्रुप बना हुआ है. इस ग्रुप पर आंदोलन फिर से शुरू करने और आफिस नियत समय पर पहुंचने का आह्वान होते ही सब पत्रकार कल पी7 चैनल के नोएडा स्थित आफिस पहुंच गए. अंदर घुसकर रिसेप्शन समेत पूरे आफिस पर कब्जा जमा लिया और अनशन पर बैठ गए. लेबर डिपार्टमेंट की तरफ से तेजतर्रार और जनसरोकारी अधिकारी शमीम अख्तर मौके पर पहुंचे तो भड़ास की तरफ से यशवंत सिंह ने पी7 के आफिस जाकर आंदोलनकारियों को समर्थन दिया.

अपने हक के लिए चैनल के आफिस में अनशन करते पत्रकारों ने आफिस के भीतर ही रात गुजारी.

पत्रकारों का ऐसा एकजुट आंदोलन बहुत दिन बाद देखने को मिला. पिछली बार जब आंदोलन किया तो प्रबंधन झुका और लिखित समझौता कर सब कुछ देने का वादा किया. लेकिन तारीखें बीतने के बाद जब पता चला कि प्रबंधन झूठा निकला तो पत्रकारों ने दुबारा आंदोलन करने में तनिक भी देर न लगाई. ह्वाट्सएप पर इन आंदोलनकारी पत्रकारों का ग्रुप बना हुआ है. इस ग्रुप पर आंदोलन फिर से शुरू करने और आफिस नियत समय पर पहुंचने का आह्वान होते ही सब पत्रकार कल पी7 चैनल के नोएडा स्थित आफिस पहुंच गए. अंदर घुसकर रिसेप्शन समेत पूरे आफिस पर कब्जा जमा लिया और अनशन पर बैठ गए. लेबर डिपार्टमेंट की तरफ से तेजतर्रार और जनसरोकारी अधिकारी शमीम अख्तर मौके पर पहुंचे तो भड़ास की तरफ से यशवंत सिंह ने पी7 के आफिस जाकर आंदोलनकारियों को समर्थन दिया.

अपने हक के लिए चैनल के आफिस में अनशन करते पत्रकारों ने आफिस के भीतर ही रात गुजारी.

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शाम ढलने लगी तो खाने और सोने की व्यवस्था होने लगी. बाटी-चोखा बनाने वाले एक ठेले वाले को लाया गया और चैनल के आफिस के बाहर खड़ा कराकर उसे सैकड़ों आंदोलनकारियों के बाटी चोखा बनाने का आदेश दिया गया. बाटी चोखा वाले की तो जैसे लाटरी लग गई. उसे पैसे एडवांस में दे दिए गए ताकि वह निर्भय होकर बनाए खिलाए. उधर, टेंट वाले को आर्डर भेज दिया गया कि रजाई गद्दा दरी आदि भेजो. शेर-ओ-शायरी का दौर भी चला ताकि माहौल में बोरियत न आए. बैठकें भी हुईं ताकि आगे की रणनीति तय हो सके. आंदोलनकारियों ने आंदोलन को भी तीन शिफ्ट में बांट दिया है, जैसे कभी चैनल का काम तीन शिफ्ट में हुआ करता था. नाइट शिफ्ट में जिन्हें रुकना था वे रुके और बाकी लोग घर चले गए ताकि मार्निंग शिफ्ट में आकर नाइट शिफ्ट वालों को फ्री कर सकें. पूरे आंदोलन को तस्वीरों और वीडियो की जुबानी जानिए, देखिए.

सबसे पहले एक वीडियो. शेर-ओ-शायरी और वाह वाह … क्लिक करें: https://www.youtube.com/watch?v=19_OSS7xd5A

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आंदोलन की रात्रिकालीन पारी की कुछ तस्वीरें…

इसके आगे की सचित्र कथा पढ़ने देखने के लिए इस शीर्षक पर क्लिक करें…

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पी7 चैनल के आफिस में रात गुजारी आंदोलनकारी पत्रकारों ने (देखें तस्वीरें) : पार्ट 2

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