Kumar Sauvir : पालतू कूकुर और सड़कछाप कूकुर की फितरतों में बड़ा फर्क होता है। ताजा-ताजा पालतु हुआ कूकुर बहुत भौकता है और ताजा-ताजा सड़कछाप हुआ कूकुर बहुत झींकता हैं, मिमियाता है और बगलेंं भी खूब झांकता है। यह हकीकत दिखाया एबीपी-न्यूज के एक कार्यक्रम में। मौका है दिल्ली के चुनावों को लेकर। एक दौर हुआ करता था जब वरिष्ठ पत्रकार रहे आशुतोष ने एक कार्यक्रम में कांग्रेस के एक सांसद की इस तरह क्लास ली थी कि वह खुद ही कार्यक्र से भाग गया। ऐसे कई मौके आ गये हैं आशुतोष के कार्यक्रमों में जब उन्होंने बड़े-बड़े नेताओं की जमकर क्लास ली।
सवाल यह नहीं कि वह क्लास जायज हुई थी या फिर गलत। आज अभिसार-हनीमून के दिनों में ताजा-नवेली वधू की तरह दूसरों को लतिया रहे थे, जबकि आशुतोष किसी बूढ़े सांड़ की तरह खुद के होने की हरचंद मगर बेकार कोशिशों में जुटे थे। आज अभिसार जिस तरह आशुतोष की क्लास ले रहे थे तो आशुतोष उस तरह बिलबिला रहे थे जैसे आशुतोष अपने कार्यक्रमों में दीगर वक्त में दूसरे वक्ताओं पर बिलबिलाते रहते थे। पुरानी कहावतों में बिलकुल सही कहा गया है कि:- समय बहुत बलवान।
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार कुमार सौवीर के फेसबुक वॉल से.