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सुख-दुख

वरिष्ठ पत्रकार यशवंत सिंह के साथ दुर्व्यवहार करने वाले अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड करें गृहमंत्री!

भारतीय प्रेस पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जोशी ने भड़ास के संपादक वरिष्ठ पत्रकार यशवंत सिंह के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार एवं उनका मोबाइल छीनने की घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है।

जोशी ने इस घटना के विरोध एवं इस घटना में दोषी समस्त पुलिस अधिकारियों को तत्काल सस्पेंड करने की मांग की है। उन्होंने देश के गृहमंत्री अमित शाह, दिल्ली के उपराज्यपाल एवं पुलिस आयुक्त को इस बाबत मेल एवं पत्र भेजकर कहा है की यशवंत सिंह देश के जाने माने प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार है । दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर सूरजपाल द्वारा पूछताछ के नाम पर एसीपी संजीवकुमार की मौजूदगी में यशवंत सिंह जी के साथ दुर्व्यवहार किया जाना बेहद अफसोसजनक है।

साथ ही बिना किसी रसीद दिए उनका आईफोन छीन लेना दुर्भाग्यपूर्ण है । यशवंत सिंह जी देश भर के मीडिया जगत में एक बेहद सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार है एवं भड़ास फॉर मीडिया के जरिए अपनी बेबाकी एवं ईमानदार पत्रकारिता के लिए जाने जाते है। ऐसे वरिष्ठ पत्रकार के साथ पुलिस अधिकारियों द्वारा अपराधियों की तरह व्यवहार करना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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वरिष्ठ पत्रकार यशवंत सिंह जी के साथ दुर्वायहार करने वाले अधिकारियों को तुरंत सस्पेंड कर घर का रास्ता दिखा दिया जाए। इसके साथ ही पुलिस श्री यशवंत सिंह जी के साथ किए अपने गलत व्यवहार के लिए खेद प्रकट कर उनका मोबाइल सम्मान के साथ उनके घर जाफर लौटा कर आए। वरिष्ठ पत्रकार यशवंत सिंह जी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले इंस्पेक्टर सूरजपाल के खिलाफ जांच बैठाई जाए की आखिर एक वरिष्ठ पत्रकार के साथ इस तरह का गलत व्यवहार किस कारण से किया गया।

https://youtu.be/U_Q_KW42VhE?si=op6cOLNZRygjEics

मूल खबर-

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भड़ास एडिटर यशवंत के साथ दिल्ली पुलिस के एसीपी संजीव कुमार और इंस्पेक्टर सूरज पाल ने की बदतमीजी!

https://x.com/bhadasmedia/status/1709075911046287509?s=20


इस प्रकरण पर सोशल मीडिया में आईं ढेरों प्रतिक्रियाओं में से कुछ चुनिंदा को पढ़ें-

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Kumar Arvind Petwal
एसीपी की मौजूदगी के बावजूद ऐसा हुआ, यह हैरान करने वाली घटना है। Delhi Police

Amit Maurya
ये तो सरकारी गुंडई है. फोन जब्त करने का क्या अधिकार है ये तो नीजता का उल्लंघन है

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मुकुन्द हरि
थाने में बुलाकर जबरन फोन फॉर्मेट करते थे ये लोग, सिम रख लेना निश्चित रूप से बदनीयती है। चाहते तो सीडीआर निकाल सकते थे। आप पुलिस कमिश्नर को ईमेल भी भेज दें।

Ramakant Singh
आखिरकार यह तो सीधे सीधे रक्षक के रूप में भक्षक

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Nisheeth Joshi
क्या बात हो गई है। यह तो सरासर अन्याय है और कानून का मखौल उड़ाया है।

Gourav Sharma
शर्मनाक.. साहसिक जर्नलिज्म के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कोशिश बेहद शर्मनाक है। आप लगे रहिए..देर सबेर ये अधिकारी ही औंधे मुंह गिर पड़ेंगे..

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Kinjal Singh
वो शायद कामरेड यशवंत को नही जानते है, डर उसे लगता है जिसके पास खोने को कुछ हो या जिसे भौतिक वस्तुओं का मोह हो। भड़ास और यशवंत की यात्रा उन्हें नही मालूम है वरना वो जान जाते आगे चलकर निराशा ही हाथ लगेगी। कोई नही गीता का श्लोक है जो हुआ अच्छा हुआ, जो हो रहा है अच्छा है, जो होगा अच्छा होगा। एक बात और शायद ये सब मिलके सालो से वेटिंग में चल रही किताब को लिखवा डालेंगे। एक पत्रकार, मित्र, न्यायप्रिय इंसान के नाते हम तब भी आपके साथ खड़े थे, अब भी है और आगे भी रहेंगे।

Sushil Dubey
क्या घटिया पन है,,,दिल्ली प्रेस क्लब दिल्ली के आप के नेता,,खुद नेता केजरीवाल जी समझिये,,,ये भदास है,,,

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Santosh R. Samdariya ·
आपने फोन जपति के पेपर में साइन किया है क्या???
यदि नही किया है तो वो मुकर जायेंगे की उन्होंने आपका फोन जप्त किया है।
मेरी समझ में तो आपको हाईकोर्ट में कंप्लेन फाइल करनी चाहिए,, कोर्ट संज्ञान लेगी की आपका फोन किस नियम के तहत जप्त किया गया है और FIR की कॉपी क्यू नही दी गई।

Yashwant Singh
उन्होंने फोन जब्ती के दो पेपरों पर साइऩ कराया है लेकिन दिया नहीं है कोई कागज.

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Urmilesh
इस घटना की मैं तीव्र निंदा करता हूँ. पुलिस आयुक्त की इस पर फ़ौरन कार्रवाई करनी चाहिए. वैसे यह मामला क्या है, इसे तनिक विस्तार से ज़रूर लिखें.

बेबाक़ बोल एस.पी.सिंह
खाकी की दादागिरी है कि एक पुलिस अधिकारी कानून को ठेंगा दिखाकर देहश्त पैदा कर रहा है। Delhi Police

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Santosh R. Samdariya ·
NHRC वाले किसी भी काम के नही है,, वो एक सर्कुलर लेटर पुलिस को भेज देंगे।

Pradumn Kaushik
शर्मनाक.. साहसिक जर्नलिज्म के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कोशिश बेहद शर्मनाक है। आप लगे रहिए..देर सबेर ये अधिकारी ही औंधे मुंह गिर पड़ेंगे..

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Madan Tiwary
बात कैसे होगी ? अभी वह नम्बर स्विच ऑफ बता रहा है. उस सूरज पाल का कोई फोन नम्बर तो होगा

Shiva Aggarwal
ये लोग ऐसे ही करतें हैं। पत्रकार सुनते ही कुछ लोग खार खाये बैठे रहते हैं। यदि मोबाइल साक्ष्य का हिस्सा है तो बाकायदा नियमानुसार रिसीव होना चाहिए था। यही तो पुलिसिया चेहरा है आम आदमी के साथ क्या होता होगा

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Amol Bajaj
दिल्ली पुलिस की इस कृत्य के खिलाफ पत्रकारों का धरना प्रदर्शन होना चाहिए।कार्यक्रम तय कीजिए।हम सब लोग आएंगे।

Hokam Dev
आप जैसे अनुभवी के साथ ऐसा तो फिर आम जन की क्या हालत होती होगी !!

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Shiva Sanker Pandey
यशवंत भाई पूरी पत्रकार बिरादरी आपके साथ खड़ी है। समाज का एक बड़ा तबका भी आपके साथ खड़ा है।
शिवा शंकर पाण्डेय
प्रयागराज

Vimal Dixit
सीधे हाई कोर्ट में कंप्लेंट करें।

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Mahendra Mishra
ये तो दिल्ली पुलिस की गज़ब गुंडागर्दी है.

Shiva Sanker Pandey
एक सम्मानित और वरिष्ठ पत्रकार के साथ दिल्ली पुलिस का ये रवैया बेहद शर्मनाक, घोर आपत्तिजनक और अलोकतांत्रिक है। पत्रकार समूह इसकी घोर भर्त्सना करते हुए मनमानी करने वाले अफसर पर कड़ी कार्रवाई की मांग करता है। आखिर ये कौन सा तरीका है पुलिस का ? अपमानित करने और अपराधियों जैसा व्यवहार करने का अधिकार किसने दे दिया? इस पुलिस अफसर पर कड़ी कार्रवाई की जाए। पत्रकार समाज का सम्मानित व्यक्ति है, उसके साथ व्यवहार ठीक होना चाहिए। दिल्ली कमिश्नर और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी मामले में सीधे हस्तक्षेप करिए।

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Ashish Sharma
मोबाइल फोन जब्त करना सरासर गलत है

धर्मेन्द्र प्रताप सिंह सोमवंशी
यह क्या घटियापन है ? अपराधियों को चुम्मी देने वाली पुलिस को रौब झाड़ने के लिए क्या पत्रकार ही मिलते हैं ?

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Vijay Shanker Singh
बिना किसी रसीद के फोन कैसे ले लिया गया।

DrDigvijay Singh Rathore
पुलिस द्वारा इस तरह का कृत्य निहायत घटिया है। Delhi Police संज्ञान में ले इस घटना को। पुलिस के इस तरह के कृत्य आम जन मानस उसकी छवि को खराब करते है।

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Lal Bahadur Singh
यह तो सरासर गुंडागर्दी है। सभी लोकतान्त्रिक व्यक्तियों/संस्थाओं को इसका विरोध करना होगा।

Deepak Pandey
यह पोलिस का नहीं, बल्कि अपराधियों की हरकत जान पड़ती है। यह अस्वीकार है। यह क्या हो रहा है Delhi Policee ?

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Ram Dayal Rajpurohit
सब एक होकर इनके साथ खड़े रहो ,,जो वहां है वो साथ रहे जो दूर है वो पोस्ट और पेपर बाजी करे

Manoj Kumar
आप जैसे वरिष्ठ पत्रकार के साथ अमानवीय व्यवहार इसका में विरोध करता हूं और पुलिस को अपना रवैया सुधारना चाइए,

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Pramod Kumar Pandey
न्याय हो!
न्यायप्रियता इतनी कठिन बात है?
माननीय गृह मंत्री जी संज्ञान लें।
यह ठीक नहीं।
जब Yashwant Singh जी पुलिस-कानून की प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं , सहयोग कर रहे हैं तो फिर ज्यादती क्यों?

Virender Yadav
सीनियर पुलिस अधिकारी मामले को गम्भीरता से ले
यशवंत जी के साथ इस तरह की घटना और व्यवहार शर्मनाक और घोर निंदा के कृत्य है

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Manoj Singh
न्याय मिलेगा और अवश्य ही मिलेगा, भईया

Manish Rai
आप जैसे पत्रकार पर इस तरह की कार्यवाही दिल्ली पुलिस का फेल्योर है

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Amrendra Rai
हम इस मांग में साथ हैं।

Bhanu Prakash Singh Bablu
शर्मनाक कृत्य दिल्ली पुलिस का ,इसकी जांच कराकर दोषी को दंडित किया जाये

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Shrikant Yadav
इसीलिए ही तो हम लोकतंत्र में सब देशों की तुलना में पीछे से टॉप पर हैं

Michael Rajat
पुलिस ऐसे ही करती है सब के साथ

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Rajeev Kumar Journalist
तत्काल दोषी पर कारवाई होनी चाहिये और प्रेस काउंसलिंग ऑफ़ इंडिया को संज्ञान लेना चाहिए और दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों को भी संज्ञान लेना चाहिए

Sushil Shukla
पत्रकारिता को खत्म कर रहे हैं ये आज कल के नेता

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Satyendra PS
आपके साथ ऐसा होना दुखद है. क्या कहा जाए.

Ranjeet Yadav
पुलिस का रवैया पत्रकारों के प्रति बेहद चिंता जनक है
कब सुधार आएगा ईश्वर ही जाने

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धर्मेन्द्र प्रताप सिंह सोमवंशी
आप कृपया इंस्पेक्टर सूरज पाल का नंबर साझा कीजिए…

Shiva Sanker Pandey
हमने भी दिल्ली पुलिस कमिश्नर को कड़ी आपत्ति के साथ ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की है। यशवंत भाई एक सम्मानित और प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार हैं। पत्रकार समूह साथ खड़ा है।
शिवा शंकर पाण्डेय
प्रयागराज

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Dhyanendra Tripathi
दिल्ली पुलिस के इस इंसपेक्टर की जितनी भर्त्सना की जाये कम है. हम सब यशवंत भाई के साथ हैं और इस तरह की टुच्ची हरकतें करने वाले अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं होंगे..

Pramod Kumar Pandey
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग संज्ञान ले।
समुचित न्याय हो।

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Balwant Yadav
दिल्ली मे लोकतंत्र व मीडिया का यह स्वरूप है तो कल्पना करें देश के सुदूरवर्ती इलाकों मे हालात क्या होंगे?
बस इतना ही लोकतंत्र देश भर मे बचा है ।बस अब आप इसका उपयोग कितना कर सकते है ।देख लीजिए।
यदि यही विश्व मे लोकतंत्र का पहला स्थान है तो अब हमे कुछ नही कहना है ।
May be an image of text that says “समाज लिए लड़ो… लड़ नहीं सकते तो बोलो… बोल नही सकते तो लिखो… लिख नही सकते तो साथ दो… साथ भी नहीं दे सकते तो जो लिख, बोल और लड़ रहें हैं, उनका मनोबल बढ़ाओ… ये भी नहीं कर सको तो कम से कम उनका मनोबल मत गिराओ, क्योंकि वो आपके हिस्से की लड़ाई लड़ रहे हैं…!”

Virendra Sengar
दिल्ली पुलिस का यह चेहरा निंदनीय है।

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Amit Maurya
मार्कण्डेय काटजू का वो पत्र निकालिए जिसमे उन्होंने लिखा है कि बिना acp स्तर के जांच के पत्रकारों पर केस दर्ज न किया जाय

Arvind Kumar Singh
आप घबराइए नहीं हम सब आप के साथ हैं।‌

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Bhoopesh Azad
बहुत शर्मनाक और निंदनीय

Hemant Malviya
बेहद शर्मनाक घटना है

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Manish Kumar Bhardwaj
दिल्ली पुलिस , फर्जी केस दर्ज करने के मामलों में बहुत आगे है।
जबकि दिल्ली में ड्रग माफिया को कभी कंट्रोल नहीं कर पाई।
पत्रकारों पर फर्जी केस हो या अन्य इनका रवैया आज भी ब्रिटिश शासन वाली ही है ये उसी मानसकिता में काम करते है

अनिल जैन
शर्मनाक और चिंतनीय.
यशवंत जी अभी कहाँ है?

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Harsh Deo
पुलिस का यह तानाशाह रवैया निंदनीय है

Madhu Sudan
हम सब साथ है अभी लोग अपने अपने गृह जनपद में विरोध दाखिल करे

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Adv Abdul Qaadir Gaur
सरकार जो चाहती है वो पुलिस के माध्यम से करवाती है |

Anil Saxena
पत्रकारों पर पुलिसिया कहर आम बात है। पुलिस के बड़े अफसरों को तत्काल इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। पत्रकारों की सुरक्षा शासन का दायित्व है।

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Deepak Maurya
मानवाधिकार आयोग को तुरंत इस पर संज्ञान लेना चाहिए।साथ ही पत्रकार यूनियनों को भी इस मामले में हस्तक्षेप कर सरकार पर दवाब बनाना चाहिए।

Vinay Kumar Pandey
बेहद गलत, जब सीनियर जर्नलिस्ट के साथ ACP और इंस्पेक्टर ऐसा कर रहे हैं जो लोगों के साथ क्या करते होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. इस शर्मनाक घटना ने सिर्फ ACP और इंस्पेक्टर को ही नहीं दिल्ली पुलिस से काम करने के तौर-तरीके को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

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Mahendra Mishra
दिल्ली पुलिस का यह चेहरा बेहद शर्मनाक है.

Rajesh Khare
बेहद शर्मनाक और घटिया काम है दिल्ली पुलिस का।

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राघवेंद्र सिंह
निदनीय शर्मनाक चेहरा दिल्ली पुलिस का देखने को मिल रहा है।

Mukesh Tiwari
देश भर में पुलिस से बड़ा कोई गैंग नही है।

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Bhaskar Sonu
शर्मनाक घटना। बेहद जरूरी है हम जहां भी है वहीं से प्रतिरोध की आवाज बुलंद करे।

Subodh Mishra
The matter must be taken seriously by the authorities with prompt action to avoid such negligence against the concerned Police Officer

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Singhasan Chauhan
इससे भयंकर जंगलराज और क्या होगा, हिदुस्तान के इतिहास की सबसे डरपोक सरकार.

Pc Rath
दिल्ली पुलिस पर इसी तरह गैरकानूनी कृत्यों के लिये आरोप भी लगे हैं और दर्जनों बार विगत 3 -4 वर्षों में विभिन्न न्यायालयों द्वारा निंदा की जा चुकी है। सत्ता पोषित इन कार्यवाहियों की भरपूर निंदा होनी चाहिए

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Anup Baderiya
पूरे भारत में पुलिस पत्रकारों को परेशान करने के लिए कुख्यात है

Amit Maurya
देश आजाद हुआ लेकिन पुलिस का चाल चरित्र चेहरा आज भी अंग्रेजों वाला ही है

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3 Comments

3 Comments

  1. फैसल खान

    October 3, 2023 at 1:09 pm

    किया बड़े कथित पत्रकार इस मामले पर कोई कदम उठाएंगे??हालांकि यशवंत जी हमेशा सबके साथ खड़े रहते हैं,

  2. सतीश पांडेय,रायपुर,छतीसगढ

    October 3, 2023 at 2:14 pm

    यह तो सरासर अन्याय है।सभी को मिलकर इसका प्रतिकार करना चाहिए। दोषियो को सजा मिलना चाहिए।

  3. अब्दुल हमीद जयपुर

    October 3, 2023 at 6:00 pm

    यशवंत सिंह जी जैसे निडर और बेबाक पत्रकार ना कभी किसी से डरे हैं ना ही गलत बात पर झुके हैं. यशवंत भाई इस प्रकरण में जीत आपकी ही होगी. सत्यमेव जयते.

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