गिरीश मालवीय-
अडानी के लिए आज ब्लैक फ्राइडे है… उसके शेयर आज बाज़ार में बुरी तरह से गिर रहे हैं लेकिन असलियत में कौन डूब रहा है?

देख लीजिए ध्यान से….किसके दम पर अदानी दुनिया के तीसरे सबसे धनी पूंजीपति बनकर इतरा रहे थे और ये ज्यादा पुरानी नहीं सिर्फ डेढ़ महीने पुरानी खबर है….

LIC के अलावा एसबीआई से भी अडानी के शेयर में निवेश करवाया गया है।
आपकी मेहनत से कमाई गई जमा पूंजी को अडानी को सौंपने का फैसला किसने लिया होगा आप अच्छी तरह से जानते है ….. लेकिन कुछ बोलेंगे नहीं… आख़िर क्यों?
खबर है कि अभी तक 65 हजार करोड़ से ज्यादा डूबे हैं…
अडानी विल्मर 5% नीचे
अडानी गैस 15% नीचे
अडानी पोर्ट 4% फीचे
अडानी ग्रीन 10% नीचे
अडानी पावर 5% नीचे
ये आज का हाल है…
सौमित्र रॉय-
हिन्डेनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट आने के बाद अदानी सेठ रातों–रात अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में मशहूर हो गए हैं।
न सिर्फ अमेरिका, बल्कि दुनियाभर की कंपनियों, इन्वेस्टमेंट बैंक, रेटिंग एजेंसियों के बोर्डरूम में अदानी सेठ की ही चर्चा रही।
आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में इस शोहरत का असर दिख सकता है। इससे पहले हिन्डेनबर्ग की रिपोर्ट के बाद निकोला कॉर्प की मार्केट वैल्यू 34 बिलियन से 1.34 बिलियन तक आने में एक साल लगे थे।
फिलहाल, दबाव सेबी पर है। अगर सेबी को अपनी वैश्विक साख बचानी है तो उसे अदानी सेठ को निर्दोष या कसूरवार ठहराने में से कोई एक काम करना होगा। बयान का इंतज़ार है।
इसी के साथ दुनिया के तमाम बैंकों, बॉन्ड धारक और बिचौलिए भी अदानी समूह के बारे में फैसला लेने से पहले सोचेंगे। मुमकिन है वे अपना पैसा निकालें।
उधर, विदेशी निवेशक भी आज भारतीय शेयर बाजार में अपना जोखिम कम करने के लिए बिकवाली कर सकते हैं। एफपीआई तो लगातार बेच ही रहे हैं।
कुल मिलाकर दबाव भारतीय और अंतरराष्ट्रीय बैंकों पर रहेगा, जहां से अदानी सेठ ने लोन उठाए हैं। उनके शेयर्स गिर सकते हैं।
ताश के महल को ढहाने के लिए एक फूंक ही काफ़ी है।
देश की जनता को भी चुप्पी की जानलेवा कीमत चुकानी होगी।




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