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चैनल वन से बकाया सेलरी के लिए लड़ रहे एक मीडियाकर्मी का खुला पत्र

संपादक, भड़ास4मीडिया, सादर प्रणाम, मैं भड़ास4 मीडिया का एक नियमित पाठक हूं. आप लोगों ने ना जाने कितनी बार हम पत्रकार लोगों के साथ जो अन्याय कभी हुआ है उसके खिलाफ कदम से कदम मिला कर साथ दिया है, उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. मैं आपको अपने साथ जो अन्याय हुआ है उसके बारे में अवगत कराना चाहूंगा. आशा करता हूं कि आप इसे प्रमुखता से छापकर मेरे जैसे ना जाने कितने लोगों को फर्जी स्टिंग, ब्लैकमेलिंग और कर्मचारियों का शोषण करने वाले इस बदनाम प्रवृति के न्यूज चैनल ‘चैनल वन’ से सावधान कर उनका सही दिशा में मार्ग दर्शन कर सकते हैं. 

<p>संपादक, भड़ास4मीडिया, सादर प्रणाम, मैं भड़ास4 मीडिया का एक नियमित पाठक हूं. आप लोगों ने ना जाने कितनी बार हम पत्रकार लोगों के साथ जो अन्याय कभी हुआ है उसके खिलाफ कदम से कदम मिला कर साथ दिया है, उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. मैं आपको अपने साथ जो अन्याय हुआ है उसके बारे में अवगत कराना चाहूंगा. आशा करता हूं कि आप इसे प्रमुखता से छापकर मेरे जैसे ना जाने कितने लोगों को फर्जी स्टिंग, ब्लैकमेलिंग और कर्मचारियों का शोषण करने वाले इस बदनाम प्रवृति के न्यूज चैनल ‘चैनल वन’ से सावधान कर उनका सही दिशा में मार्ग दर्शन कर सकते हैं. </p>

संपादक, भड़ास4मीडिया, सादर प्रणाम, मैं भड़ास4 मीडिया का एक नियमित पाठक हूं. आप लोगों ने ना जाने कितनी बार हम पत्रकार लोगों के साथ जो अन्याय कभी हुआ है उसके खिलाफ कदम से कदम मिला कर साथ दिया है, उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. मैं आपको अपने साथ जो अन्याय हुआ है उसके बारे में अवगत कराना चाहूंगा. आशा करता हूं कि आप इसे प्रमुखता से छापकर मेरे जैसे ना जाने कितने लोगों को फर्जी स्टिंग, ब्लैकमेलिंग और कर्मचारियों का शोषण करने वाले इस बदनाम प्रवृति के न्यूज चैनल ‘चैनल वन’ से सावधान कर उनका सही दिशा में मार्ग दर्शन कर सकते हैं. 

महोदय

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जिस चैनल की तुच्छ मानसिकता और घटियापन के बारे में जिक्र करने वाला हूं वो आपके लिए नया नहीं है उसकी बदनाम कार्यशैली और बलैकमेलिंग के किस्सों की सच्ची दास्तान अक्सर सुनने को मिल जाया करते हैं. मामला जून 2013 का है, जब मैने लोगों से नौकरी के नाम पर बंधुआ मजदूर की तरह काम कराकर, खून चूसने वाले नौएडा के एफ 42 सेक्टर 6 स्थित न्यूज चैनल वन के पीसीआर में कार्यरत अपने एक मित्र के कहने पर पैनल प्रोड्यूसर के पद पर ज्वाईन किया था।

ये चैनल अक्सर कर्मचारियों को जिस सैलरी पर नियुक्त करता है बाद में उससे कम सैलरी देने और आयाराम गयाराम के लिए मशहूर था, लेकिन मित्र ने बताया कि कुछ प्रोफेशन लोगों की टीम सहारा समय से आई है सब कुछ लिखित में होगा, लेकिन बदकिस्मती के ज्वाईनिगं के चार दिन बाद ही उस प्रोफेशनल टीम ने भी काम करने की आजादी ना होने और जहीर अहमद एंड कम्पनी के चापलूसों की वजह से इस घटिया चैनल को अलविदा कह दिया इसके बाद तो अस्थिरता का माहौल लगातार बना रहा और नए-नए तुगलगी फरमान जहीर अहमद एंड चमचा कंपनी की तरफ से कर्मचारियों पर थौपे जाने लगे, कभी 10 घंटे की शिफ्ट बना दी तो कभी पंचिंग मशीन की आड़ में कर्मचारियों का शोषण किया जाने लगा फिर अचानक कुछ नौसिखए पत्रकारों की चैनल में आई नई नवेली टीम को चैनल के मालिक ने कुछ नया करके दिखाने को कहा तो बेचारों ने प्रेशर के चलते उत्तराखंड के गृह सचिव जेपी जोशी का फर्जी स्टिंग ही प्रसारित कर दिया और जिसके बाद बड़ी कमाई के चक्कर में ब्लेकमेल करने लगा मामला ऐसा उल्टा पड़ की उत्तराखंड का रिपोर्टर तो जेल गया है साथ में काफी दिनों तक जहीर अहमद अपने दोनो बेटों एंड चमचा कंपनी के साथ चैनल से ही फरार हो गऐ और आज तक कोर्ट कचहरियों के चक्कर काट रहे है.

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दूसरा मामला, देश के एक दूसरे प्रतिष्ठित प्रोफेशनल न्यूज चैनल न्यूज एक्सप्रेस का है जिसने चैनल वन की आड़ में स्ट्रिंगरों से जो अवैध उगाही करने के लिए कैसे जाल बिछाया जाता है, जहीर अहमद के अंगूठा टेक मानसिकता का स्टिंग करके दुनिया को इनका असली चेहरा दिखाया. साथ ही चैनल वन जो कि पत्रकारिता के पेशे को बदनाम कर रहा था, उसको बेनकाब किया. इसके लिए मैं न्यूज एक्सप्रेस को बधाई देना चाहूंगा.

खैर बात मेरे साथ हुए अन्याय की हो रही थी. चैनल वन ने दिसंबर 2013 तक तो मेरा ही नहीं लगभग सभी कर्मचारी, चमचे एंड कंपनी को छोडकर, तरह-तरह से शोषण किया. शायद ही कभी ऐसा हुआ कि पूरी सैलरी मिली हो. कभी पंचिंग मशीन की खराबी का शिकार होना पड़ा तो कभी चैनल के ऐसे चापलूसों का जिनका काम केवल मुफ्त की सैलरी लेकर कर्मचारियों की गलत चुगली करना था, लेकिन जब जनवरी 2014 में लोगों की सैलरी आई तो चैनल में अफरा तफरी मच गई. वजह, अपनी आदत के मुताबिक जहीर अहमद ने चापलूसों की सलाह पर हर किसी कर्मचारी की मनमाने ढंग से सैलरी कम कर दी गई. नतीजन बहुत ही कम लोगों ने समर्पण किया और ज्यादातर कर्मचारियों ने अपनी खुद्दारी को प्राथमिकता देते हुए नौकरी छोड़ दी. इनमें से मैं भी एक था लेकिन पीसीआर से सभी कर्मचारियों के एक साथ नौकरी छौड़ने से मालिक को बैकफुट पर आना पड़ा और केवल पीसीआर कर्मचारियों को पूरी सैलरी देने का आश्वासन देकर अगले दिन वापस बुला लिया गया, जिसमें से कुछ लोगों को 10-15 दिन तंग करने के बाद पूरी सैलरी मिलने लगी.

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कुछ कर्मचारियों को चैनल की आर्थिक स्थिति की दुहाई देकर वित्तीय वर्ष समाप्त होने पर कटौती की गई सैलरी को देने का वादा किया गया. बेचारे कर्मचारी करते भी तो क्या. अचानक नौकरी का संकट जो खड़ा हो गया था जिनमें से मै भी एक था। खैर वित्तीय वर्ष भी समाप्त हो गए लेकिन आश्वासन के सिवा मुझे कुछ नहीं मिला. एक दिन चैनल के चापलूसों में से एक ज्योति खुराना जो कि चैनल का प्रशासनिक कार्य संभालती थी, से सैलरी को लेकर मेरा बहस करना उसके ईर्द गिर्द घूमने वाले दूसरे चमचों को बुरा लगा. 5 जून को दुबारा वेतन मांगने पर पूरी प्लानिंग के साथ ज्वानिंग के समय दिये गए फोटो लगाकर मेरे खिलाफ कुछ फर्जी कागजात तैयार करा रखे गए थे. ये ज्योति खुराना ने तैयार किये थे. ऐसे तरीके से कितने ही लोगों को फर्जी फंसाने की धमकी देकर सैलरी हड़प कर जाते हैं ये भेड़िये. साथ ही चैनल की फर्जी आईडी इस्तेमाल करने का आरोप लगाकर मुझे आफिस के गेस्ट रुम में चैनल को लूट कर खाने वाले असली चोर पंकज, शम्मी ने पूरी प्लानिंग के साथ मेरे कुछ रिशतेदार जिनसे प्रापर्टी बंटवारे का झगड़ा था, जोकि लगातार जहीर अहमद के पीएसओ शब्बीर अहमद के संपर्क में थे, चैनल में बुलाकर पहले ही लिखी गई पटकथा के आधार पर मेरे साथ मारपीट की गई, जिसकी वीडियों फुटेज सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी. इसे बाद में पुलिस में शिकायत होने पर डिलीट कर दिया गया.

अनहोनी की आशंका के चलते मुझे अपनी जान बचाकर भागना पड़ा. बाद में पुलिस में शिकायत की लेकिन मामला चैनल के मालिकों से जुड़ा होने की वजह से कुछ हासिल नहीं हुआ. फिर अपनी मेहनत की कमाई जब मांगी तो फंसाने की फोन पर धमकी मिलने लगी. हारकर 7 जुलाई 2014 को कोर्ट का नोटिस भेजा जिसके जवाब की समय सीमा 15 दिन थी लेकिन मुझे मानसिक तौर पर परेशान करने के लिए एसपी सिटी नौएडा जोकि चैनल वन न्यूज के बराबर अथार्टी में बैठते हैं, वहा मेरे खिलाफ शिकायत की लेकिन जब मैंने डीआईजी मेरठ मंडल को सारे सबूते के साथ अवगत कराया तो सीओ प्रथम नौएडा ने जांच की और मेरे बयान दर्ज किए. साथ ही मेरे द्वारा की गई शिकायतों को सही तो पाया लेकिन चैनल के चमचों के खिलाफ नोटिस जारी होने के बाबजूद क्या कार्रवाई हुई, आज तक नहीं पता चला.

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सब जगह से निराशा हाथ लगने के बाद 11 नवम्बर 2014 को सेक्टर 2 स्थित लेबर कोर्ट में शिकायत करने के बाद भी अपनी मेहनत की कमाई के लिए चक्कर काट रहा हूं. लेकिन बेशर्मी की हद तो देखो कि लेबर इंस्पेक्टर से भी आज साफ कह दिया की हम सैलरी नहीं देंगे. लेकिन मैं आपके माध्यम से समाचार चैनल के नाम पर कलंक इस न्यूज चैनल वन के मालिकों को सबक सिखा कर रहूंगा चाहे कुछ भी करना पड़े. सारे शिकायती पत्र आपको भेज रहा हूं. कृपा करके मेरी इस खबर को प्राथमिकता के आधार पर प्रकाशित करें ताकि मुझे मीडिया की आड़ में चैनल वन मालिक जैसे राक्षसों से लड़ने में कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े. आशा करता हूं कि जिन सक्षम लोगों से मैने न्याय की उम्मीद लगाई थी उनसे आप सवाल पूछें कि क्या वो भी जहीर अहमद एंड चमचा कंपनी के पाप के उतने ही भागीदार हैं. साथ ही मेरा मार्गदर्शन भी करें कि इनके मुंह से अपनी मेहनत की कमाई कैसे निकाल सकूं. सदा आपका आभारी रहूंगा।

धन्यावाद

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अकरम खान

Akram khan Khan

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पुत्र
इस्लाम अहमद खांन
निवासी 24/225 देवी पुरा प्रथम
बुलंदशहर
09871954581, 09634766114

[email protected]

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0 Comments

  1. shrikant

    January 30, 2015 at 1:26 pm

    ये ज्योति खुराना एयरलाईन से निकाली गई थी मीडिया में चैनल वन में इसकी पहली नौकरी है लेकिन अपने आपको किसी मालकिन से कम नहीं समझती। पत्रकारिता का प भी नहीं पता हिंदी भी ठीक से पढ़नी नहीं आती लेकिन अपने को एंकर बताती फिरती है।यहां तक की वरिष्ठ पत्रकारों को भी बेइज्जत करने की कोई कसर नहीं छोड़ती। पता नहीं मालिक की क्या कृपा है इस पर।अल्लाह मेहरबान तो गधा पहलवान

  2. satender

    January 30, 2015 at 3:00 pm

    Is chanal me mane bhi kam kiya hai jab Anna ka and san chal RHA tha using samay on duty 36 hars ke bad muche dangu ho gaya office next muche Kelash hospital to phucha diya magar hospital ka bill + sallery dono hi kat liye or aaj take kuch nahi mila

  3. Bhaskar

    January 30, 2015 at 5:04 pm

    अकरम जी, चैनल वन को लेकर आप जो संघर्ष कर रहे हैं, उसके लिए आपको सलाम. लेकिन दूसरे साथी कर्मचारियों, खासकर जिनको आप नये नवेले के विशेषण से नवाज रहे हैं, उससे साफ है कि आपके मन में निजी द्वेष है। अगर आप पीसीआर स्टाफ है तो आपको पता होगा, चैनल वन में स्टिंग ऑपरेशन मालिक जहीर अहमद की वसूली टीम करती है, उसमें किसी पत्रकार की कोई भूमिका नहीं होती। उनकी वसुली टीम मुंबई में बैठती है, जेपी जोशी मामला भी वही टीम हैंडिल कर रही थी। किसी को सर्टिफिकेट देने से पहले उतना अनुभव, दायरा और जानकारी का होना जरूरी है। बाकी इस लड़ाई में खुदा आपको जीत बख्शे।

  4. Vyom Mojoomdar

    February 4, 2015 at 7:11 am

    Its seen that the Pal News Media Pvt Ltd /Channel one is not even paying

    provident fund of its employees. ये सिर्फ सात रुपये हर महीने जमा कर रहा है ,जिसका मतलब यहां कोई भी कर्मचारी कार्यरत नहीं है या फिर ये चैनल बिना किस्से एम्प्लोयी के ही चल रहा है?
    जी, क्या बता सकते हैं की यहां कुल कितने लोग काम हैं और कब से ?

    Employees’ Provident Fund Organization, India (EPFO) ,Regiona Office,Delhi North ,Wazirpur New Delhi

    Payment Detail For PAL NEWS MEDIA PRIVATE LIMITED
    315, 3RD FLOOR, ARUNACHAL BUILDINGBARAKHAMBA ROAD, CANNAUGHT PLACENEW DELHI181DL
    Establishment Id :DLCPM0045313000

    Sl. No.

    TRRN

    Date of Credit

    Amount

    Wages Month

    No. of Employee

    ECR

    Member Passbook

    1 1011411024679 19-11-2014 7.00 082014 NA NO No
    2 1011408017783 28-08-2014 7.00 062014 NA NO No
    3 1011408017794 28-08-2014 7.00 072014 NA NO No
    4 1011406011401 24-06-2014 7.00 042014 NA NO No
    5 1011406007277 23-06-2014 7.00 052014 NA NO No

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