11 सितंबर को दिन में एक बजे दिल्ली में रफी मार्ग पर स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब के स्पीकर हाल में भड़ास4मीडिया की तरफ से कई मीडियाकर्मियों / संस्थाओं को सम्मानित किया जाएगा. इस कड़ी में सबसे पहले पुरस्कार के लिए मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ने वाले मीडियाकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा. इन सैकड़ों मीडियाकर्मियों की तरफ से प्रतीकात्मक रूप से यह सम्मान ग्रहण करेंगे मुंबई के पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह. इस लड़ाई के लिए अलग-अलग जगहों पर अलख जगाने वाले और मीडियाकर्मियों को गोलबंद करने वाले साथियों राजस्थान से आलोक शहर और संजय सैनी, उत्तराखंड से अरुण श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश से अशोक चौधरी, दिल्ली से प्रदीप सिंह और श्रीकांत सिंह, चंडीगढ़ से भूपेंद्र प्रतिबद्ध, हिमाचल प्रदेश से रविंद्र अग्रवाल, हरियाणा से मुन्ना प्रसाद आदि साथियों को भी सम्मानित किया जाएगा.
(मुंबई के पत्रकार शशिकांत सिंह. इन्होंने अपने सैकड़ों आर्टकिल्स, रिसर्च, आरटीआई के जरिए देश भर के मीडियाकर्मियों को अपना हक पाने के लिए जागरूक किया, ट्रेंड किया और उन्हें निराश न होने की प्रेरणा दी. 11 सितंबर को भड़ास के आठवें स्थापना दिवस पर शशिकांत और ऐसे ही कई जुझारू मीडियाकर्मियों का सम्मान किया जाएगा.)
भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह का कहना है कि आज के बाजारू दौर में जब सारी नीतियां मैनेजमेंड फ्रेंडली होती जा रही हैं, मीडिया में सम्मान और हक के साथ काम करना मुश्किल होता जा रहा है. जिस मजीठिया वेज बोर्ड को सरकार ने गठित किया, उसकी रिपोर्ट को लागू किया, कानून बनाने के बाद मीडिया मालिकों को इसे इंप्लीमेंट करने को कहा, सुप्रीम कोर्ट ने मालिकों की याचिका को खारिज कर जल्द से जल्द इसका लाभ मीडिया वालों को देने का निर्दश दिया, उसे ही अखबार मालिकों ने कूड़ेदान में डाल दिया. अब सुप्रीम कोर्ट में मानहानि का मुकदमा चल रहा है. देश के कोने से कोने से सैकड़ों ऐसे मीडियाकर्मी उठ खड़े हुए जिन्हें उनका प्रबंधन उनका वाजिब कानूनी हक नहीं दे रहा था.
तरह तरह की प्रताड़ना और लंबे संघर्ष, जो कि अब भी जारी है, के बाद अब जाकर स्थिति थोड़ी ऐसी बनी है कि जो लड़ रहे हैं, उन्हें उनका सारा बकाया मिलने की प्रक्रिया शुरू हो रही है. मजीठिया वेज बोर्ड का केस भारतीय लोकतंत्र का ऐसा लिटमस टेस्ट है जिसमें न्यायपालिका से लेकर नेता, अफसर, उद्यमी सब कानून-संविधान के खिलाफ खड़े होते दिख रहे हैं और इन्हें इसके लिए कोई दंड भी नहीं मिल रहा है. यही कारण है कि भड़ास4मीडिया ने मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ने वाले सभी मीडियाकर्मियों को सम्मान और सैल्यूट के लायक पाया है और इन्हें 11 सितंबर को सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है.
यशवंत ने मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ने वाले सभी साथियों से अनुरोध किया कि वे 11 सितंबर को दिन में एक बजे दिल्ली के रफी मार्ग पर स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब पहुंचें और अपनी एकजुटता का इजहार करें. साथ ही देश भर के मीडियाकर्मियों को यह दिखाएं कि अगर मीडिया में रहना है तो मुंह बंद कर, अन्याय सहन कर के काम करने का कोई मतलब नहीं है. रोजी रोटी के लिए बीस नए तरीके अपनाए जा सकते हैं लेकिन मीडिया में अगर हम हैं तो हमें जनता की न्याय की लड़ाई लड़ने के साथ साथ अपने हक की लड़ाई को भी जोरशोर से लड़ना होगा.
नोट- मजीठिया की लड़ाई लड़ने वाले सभी साथियों का नाम यहां प्रकाशित करना मुमकिन नहीं था इसलिए प्रतीकात्मक रूप से कुछ नामों को दिया गया है. जो भी साथी लड़ाई लड़ रहे हैं वह अपने आने की सूचना और अपना डिटेल शशिकांत सिंह जी को उनके मोबाइल नंबर 9322411335 पर मैसेज कर दें ताकि फाइनल लिस्ट तैयार की जा सके.
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