भड़ास के 8वें बर्थडे समारोह में दूर प्रदेश से आए एक पत्रकार साथी की चिट्ठी

प्रिय भाई,

यह एक बेहतरीन कार्यक्रम था। इसे आपने जो स्वरूप दिया उसके लिए जितना कुछ कहा जाना चाहिए कम है। आप जानते हैं कि हम पत्रकारों की आदतें किनने और क्यों बिगाड़ी हैं। या तो हम पीआर कंपनियों के जरिए फाइव स्टार होटलों में जाते हैं, थोड़े बड़े पत्रकार हुए तो सरकारी सुविधाओं में अपना स्वाभिमान खूंटी पर टांग देते हैं, या एनजीओ मार्का कार्यक्रमों में अपने सरोकारी होने का लबादा ओढ़े सुविधाओं की एक अलग दुुनिया में होते हैं।

आखिर चाहते क्या हैं एनके सिंह?

“सात साल से झेल रहे हैं भड़ास को, निगेटिव, निगेटिव और निगेटिव। कुछ पाँजटिव भी सोचिए।” यह कहना था वरिष्ठ पत्रकार एनके सिंह जी का। एनके ने यह बात कही भड़ास4मीडिया के आठवें स्थापना दिवस पर। इतना ही नहीं उन्होंने फसल बीमा योजना को बहुत लाभकारी बताते हुए कहा कि इसकी जानकारी बहुत कम लोगों को है, कितने लोग हैं जिन्होंने इसके बारे में कुछ लिखा हो। एनके ने कहा कि आप लोग कुछ सकारात्मक भी करिये। ठीक यही बात हमारे पीएम साहब भी कहते हैं। मीडिया नकारात्मक ही दिखाता है। कम से कम एक खबर रोज सकारात्मक दिखाये। अब मोदीजी से उस तरह की उम्मीद नहीं कर सकते लेकिन एनके भाई से ऐसी उम्मीद थी नहीं।

कार्यक्रम में कल्बे कबीर जी काव्य पाठ एक स्प्रिचुअल प्लीजर दे गया

कृष्ण कल्पित उर्फ कल्बे कबीर का काव्य पाठ…

डॉ. अजित : कल भाई Yashwant Singh जी के कार्यक्रम में दिल्ली गया था। भड़ास4मीडिया डॉट कॉम का आठवां स्थापना दिवस था। एक बहुत बढ़िया कार्यक्रम उन्होंने आयोजित किया। गीत संगीत विचार विमर्श कविता सत्संग इन सब के अलग अलग सेशन थे। कल भाई डॉ. नवीन रमण से दूसरी मुलाकात भी हुई हमने अच्छा वक्त साथ बिताया और एक शाम सत्संग करने के वादे पर हम विदा हुए।

यकीन मानिए, इतना अदभुत कार्यक्रम मैंने अपने जीवन में पहले नहीं देखा…

Ashwini : मैं भी दिल्ली के काँस्टिट्यूशन क्लब में आयोजित भडास4मीडिया के आठवें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शरीक हुआ…यकीन मानिए इतना अदभुत कार्यक्रम मैंने अपने जीवन में पहले नहीं देखा..जिन कर्मयोगियों को हम जानते तक नहीं उन्हें भडास के यशवंत भाई ने देश के कोने-कोने से खोजकर सम्मानित किया..ये सच है कि जिसका नाम होता है उससे हर कोई नाता जोड़ता है लेकिन यशवंत भाई ने तमाम तकलीफों को झेलकर समाज के हित में काम करने वाले पत्रकारों को दिग्गजों के हाथों सम्मानित कराया..वाकई कमाल की बात है..

भड़ास के कार्यक्रम में मुझे सबसे ज्यादा प्रभावित किया वरिष्ठ पत्रकार आनंद स्वरूप वर्मा की बात ने

भड़ास मतलब, दिल की भड़ास, फिर उसके बाद कुछ नहीं

दीपक खोखर

नई दिल्ली । हर किसी के मन में कभी न कभी ऐसी भड़ास पैदा होती है, जो निकलनी जरूरी होती है। कम से एक पत्रकार के मन में तो यह भड़ास उठती ही रहती है। मेरे मन में भी उठी और बार-बार उठी और इस भड़ास को निकालने का जरिया बना भड़ास 4 मीडिया डॉट कॉम या फिर कहूं यशवंत भाई। यशवंत जिससे कभी कोई खास जान-पहचान या मुलाकात नहीं थी और आज भी उतनी नहीं है, लेकिन जो सम्मान वो मेरी भड़ास को देते हैं, उसको सलाम करता हूं। जो प्लेटफार्म यशवंत ने खड़ा किया, उससे दिल और दिमाग को काफी शांति मिली। अब ये तो याद नहीं कब शुरूआत हुई, लेकिन पिछले कुछ साल से यशवंत भाई का शुक्रगुजार हूं, जो उनकी बदौलत भड़ास निकालने का मौका मिला।

भड़ास के कार्यक्रम में जब ‘शेम शेम’ की आवाजें उठने लगीं….

(भड़ास की आठ साल की यात्रा पर 52 पृष्ठ की एक स्मारिका का विमोचन करते मंचासीन विशिष्ट जन. इस स्मारिका में भड़ास और यशवंत के सुख-दुख की चर्चा विस्तार से की गई. साथ ही यात्रा में आए उतार चढ़ावों के बारे में बताया गया है. इसमें यशवंत के लिखे कुछ पुराने आलेखों, इंटरव्यू आदि का संग्रह भी है)

कांस्टीट्यूटशन क्लब में भड़ास4मीडिया की स्थापना के आठ साल पूरे होने पर आयोजित समारोह में मीडिया की मौजूदा भूमिका और उससे अपेक्षाओं पर अच्छी चर्चा हुई। शुरुआत ध्यानेंद्र मणि त्रिपाठी के म्यूजिक बैंड से हुई। श्री त्रिपाठी ने हिन्दी, भोजपुरी, फिल्मी गानों के साथ सूफी और लोक गीतों का शानदार समां बांधा। जलपान के बाद व्याख्यान और सम्मान खंड की शुरुआत हुई। भड़ास के संपादक यशवंत सिंह ने भिन्न क्षेत्रों में अलग तरह के काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया।

आज है भड़ास का 8वां स्थापना दिवस समारोह, समय- 12 बजे, स्थान- कांस्टीट्यूशन क्लब

दबंग पत्रकारिता के आठ साल पूरे करने वाले भड़ास4मीडिया का स्थापना दिवस समारोह आज रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब के स्पीकर हाल में दिन में 12 बजे से शुरू होगा और छह बजे तक चलेगा. कार्यक्रम की शुरुआत संगीत और जलपान से होगा. सूफी, फोक और पुराने फिल्मी गाने पेश करेगा ध्यानेंद्र मणि त्रिपाठी के नेतृत्व वाला म्यूजिक बैंड. इस दौरान सबके लिए जलपान की व्यवस्था भी उपलब्ध रहेगी. संगीत और जलपान दोनों का समापन ठीक डेढ़ बजे हो जाएगा.

भड़ास मीडिया सरोकार अवार्ड (7) : कुमार सौवीर, बृज भूषण दूबे और आशीष गुप्ता होंगे सम्मानित

11 सितंबर 2016 यानि इसी रविवार के दिन दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में कुमार सौवीर, बृज भूषण दूबे और आशीष गुप्ता का भी सम्मान किया जाएगा. ये तीन लोग अपनी तीन अलग-अलग किस्म की अदभुत प्रतिभाओं के लिए विख्यात हैं. ये तीनों अपने अपने धुन और लय के धनी हैं. ये तीनों भले ही यूपी के हैं लेकिन अलग-अलग कोनों के निवासी हैं और अलग-अलग फील्ड में सक्रिय हैं. पहले बात कुमार सौवीर की.

भड़ास मीडिया सरोकार अवार्ड (6) : इस ग्रह की जैव विविधता सुरक्षित रखने में लगे प्रगतिशील किसान डा. राजाराम त्रिपाठी को सलाम

डॉ. राजाराम त्रिपाठी का नाम देश के प्रगतिशील किसानों की प्रथम श्रेणी में है. उनके बारे में सही परिचय ये है कि यह पढ़ा लिखा किसान इस ग्रह की जैव विविधता सुरक्षित रखने के लिए न सिर्फ सक्रिय है बल्कि एक व्यक्ति कितना कुछ कर सकता है, इस पैमाने पर वे सफल भी हैं. बैंक की स्थायी नौकरी छोड़ कर खेती किसानी के रास्ते देश को गौरव देने वाले राजाराम त्रिपाठी एक कवि भी हैं, साहित्यकार भी हैं, संपादक भी हैं. उनका कई कविता संग्रह छप चुके हैं. वे एक मैग्जीन प्रकाशित करते हैं. वे कई किताबों के लेखक हैं. उनका लिखा कई जगहों पर छपता है. उनके अदभुत काम के कारण उन्हें दर्जनों अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. उन्होंने भारत की जैव विविधता और मिट्टी की ताकत को कोई अंतराराष्ट्रीय मंचों पर गर्व के साथ प्रदर्शित किया और पूरे देश को गौरवान्वित किया.

भड़ास 8वां स्थापना दिवस : एक वरिष्ठ पत्रकार ने प्रिंट कराईं डेढ़ सौ भड़ासी टी-शर्ट, इसी रविवार को बंटेगा

Yashwant Singh : दिल्ली के एक वरिष्ठ पत्रकार साथी का मुझ पर अथाह स्नेह / प्रेम है. उनने एक रोज फोन कर कहा कि यशवंत भड़ास4मीडिया का जो कार्यक्रम कर रहे हो, उसमें मैं क्या योगदान कर सकता हूं. मैंने कहा भाई साहब आप का कार्यक्रम में शिरकत करना ही योगदान रहेगा, मुझे कोई कमी या परेशानी नहीं. वे नहीं माने. लगे पूछने क्या क्या कर रहे हो प्रोग्राम में. मैंने सब कुछ बताते हुए यह भी कह दिया कि भड़ास के लोगो लगे टी शर्ट भी तैयार करा रहा हूं. उनने पूछे कितने टी शर्ट. मैंने कह दिया सौ – डेढ़ सौ के करीब.

भड़ास मीडिया सरोकार अवार्ड (4) : नौकरी छोड़ पहाड़ बचाने के लिए लड़ रहे नौजवान समीर रतूड़ी को एक सम्मान

हम सफलता का मतलब क्या मानते हैं? किसी के लिए नौकरी, परिवार और मकान-दुकान में लगातार रमे रहना और बढ़ते जाना तरक्की है तो किसी के लिए नौकरियों को लात मार कर पहाड़, पर्यावरण, अपने जन के लिए लड़ना सफलता है. सफलता अंबानी के लिए ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना हो सकता है तो एक फकीर के लिए सब कुछ त्याग कर मस्त रहना ही सफलता है. आज के बाजारू दौर में जब माना जाने लगा है कि हर किसी का लक्ष्य पैसा है, सुख है, भौतिक लाभ है, वैसे में कुछ लोग ऐसे भी दिखते हैं जो इन सबसे अलग जीवन का मकसद वंचितों के पक्ष में खड़ा होना बना लेते हैं.

भड़ास मीडिया सरोकार अवार्ड (3) : उद्यमिता के लिए संजय शर्मा, अशोक दास और विवेक सत्य मित्रम को सम्मान

हम भारत के लोग बचपन से ही नौकरी करने के लिए ट्रेंड किए जाते हैं. कभी यह नहीं पढ़ाया सिखाया जाता है कि आप खुद कैसे एक सफल उद्यमी बनकर दूसरों को रोजगार दे सकते हैं. खासकर मीडिया की बात करें तो यहां मीडियाकर्मी नौकरी पाने, नौकरी बचाए रखने और नौकरी चले जाने पर नौकरी खोजने में अपना जीवन गुजार देता है. वह अपनी आत्मा, अपने सम्मान, अपने आत्मविश्वास, अपनी ईमानदारी सबसे समझौता करता चला जाता है एक अदद नौकरी के लिए. लेकिन मीडिया के कुछ साथी हमारे आपके बीच में ऐसे भी हैं जिन्होंने करियर की शुरुआत तो मीडिया में नौकरी करने से की लेकिन जल्द ही उन्होंने समझ लिया कि उनका रास्ता ये नहीं है. इन साथियों ने अपने अपने प्रयासों, संघर्षों और प्रयोगों से नया रचा और बड़ा मुकाम हासिल करने की ओर अग्रसर हैं. ऐसे ही तीन साथियों को भड़ास4मीडिया ने इस बार उद्यमिता के लिए सम्मानित करने का फैसला लिया है. इनके नाम हैं- संजय शर्मा, अशोक दास और विवेक सत्य मित्रम्.

भड़ास मीडिया सरोकार अवार्ड (2) : ‘विकास संवाद’ के साथियों के नाम एक सम्मान

मध्य प्रदेश का एक एनजीओ है ‘विकास संवाद‘. इससे कई एक्टिविस्ट, पत्रकार, समाजसेवी, एकेडमिशियन और शोधकर्ता जुड़े हैं. यह एनजीओ हर साल तीन दिवसीय आयोजन कर देश भर के सजग और समझ वाले पत्रकारों, एक्टिविस्टों, समाजसेवियों को एक किसी दूरस्थ जगह बिठाकर सामाजिक और जन सरोकार के मुद्दों पर प्रशिक्षित करता है. कभी जल, कभी जंगल, कभी स्वास्थ्य तो कभी पर्यावरण. साथ ही मध्य प्रदेश के मीडियाकर्मियों को विभिन्न कैटगरीज में शोध के लिए फेलोशिप प्रदान करने का काम भी यह संगठन करता है.

भड़ास मीडिया सरोकार अवार्ड (1) : मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ने वाले मीडियाकर्मियों के नाम एक सम्मान

11 सितंबर को दिन में एक बजे दिल्ली में रफी मार्ग पर स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब के स्पीकर हाल में भड़ास4मीडिया की तरफ से कई मीडियाकर्मियों / संस्थाओं को सम्मानित किया जाएगा. इस कड़ी में सबसे पहले पुरस्कार के लिए मजीठिया वेज बोर्ड की लड़ाई लड़ने वाले मीडियाकर्मियों को सम्मानित किया जाएगा. इन सैकड़ों मीडियाकर्मियों की तरफ से प्रतीकात्मक रूप से यह सम्मान ग्रहण करेंगे मुंबई के पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट शशिकांत सिंह. इस लड़ाई के लिए अलग-अलग जगहों पर अलख जगाने वाले और मीडियाकर्मियों को गोलबंद करने वाले साथियों राजस्थान से आलोक शहर और संजय सैनी, उत्तराखंड से अरुण श्रीवास्तव, उत्तर प्रदेश से अशोक चौधरी, दिल्ली से प्रदीप सिंह और श्रीकांत सिंह, चंडीगढ़ से भूपेंद्र प्रतिबद्ध, हिमाचल प्रदेश से रविंद्र अग्रवाल, हरियाणा से मुन्ना प्रसाद आदि साथियों को भी सम्मानित किया जाएगा.

(मुंबई के पत्रकार शशिकांत सिंह. इन्होंने अपने सैकड़ों आर्टकिल्स, रिसर्च, आरटीआई के जरिए देश भर के मीडियाकर्मियों को अपना हक पाने के लिए जागरूक किया, ट्रेंड किया और उन्हें निराश न होने की प्रेरणा दी. 11 सितंबर को भड़ास के आठवें स्थापना दिवस पर शशिकांत और ऐसे ही कई जुझारू मीडियाकर्मियों का सम्मान किया जाएगा.)