मजीठिया की लड़ाई लड़ने वाले दैनिक भास्कर हिसार के उप सम्पादक व फतेहाबाद डेस्क प्रभारी जनक राज अटवाल को प्रताड़ित करने वाला तानाशाह और खुद को प्रबंधन का चमचा नम्बर वन बनाने के लिए जद्दोजहद करने वाला सम्पादक हिमांशु घिल्डियाल और एचआर प्रभारी अभिषेक की मुश्किलें काफी बढ़ गयी हैं। वीरवार को उत्पीड़न के एक मामले में हिसार के सिविल लाइन थाना पुलिस ने प्रबंधन का हिस्सा माने जाने वाले इन दोनों को थाने में बुलाया था। एचआर प्रभारी अभिषेक गर्ग तो थाने में अपने एक वकील के साथ पहुंचे जबकि सम्पादक हिमांशु डर के मारे थाने में जाने से बचते रहे और थाने में हाजिर नहीं हुए।
इस पर अपनी कार्रवाई के लिए पुलिस ने एक अधिकारी को दैनिक भास्कर के हिसार कार्यालय में ही भेज दिया। पुलिस को कार्रवाई के लिए अखबार के कार्यालय में पहुंचे देख कर दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण व अमर उजाला अखबार के कई कर्मचारी भास्कर के दफ्तर के बाहर एक चाय के खोखे के पास इकट्ठा हो गए। इनकी चर्चा का विषय था कि हिमांशु तानाशाह आज फंस गया। पुलिस कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे एक कर्मचारी के अनुसार हिमांशु के चेहरे पर जेल जाने का डर भी साफ दिखाई दे रहा था। हालांकि वह ढीठता के चलते अभिषेक गर्ग की तरह पुलिस के सामने कांपता नजर तो नहीं आया पर सबके सामने ये कहते जरूर देखा गया कि दो तीन साल की जेल ही होगी, इससे फालतू क्या होगा। इस दौरान दोनों ही की हालत काफी पतली हो रही थी।
थाना प्रभारी ने उन्हें साफ शब्दों में कहा कि कर्मचारी जनक राज अटवाल को इस कदर उत्पीडन करना एक गैर कानूनी कार्य है और अखबार के ऑफिस का माहौल इतना खराब होना देश का नम्बर वन अखबार होने के दावे पर तो प्रश्न चिन्ह लगाता ही है, दैनिक भास्कर संस्थान की झूठी शान को भी प्रमाणित करता है। आप सब पढ़े लिखे लोग दिखते हो, शर्म की बात है जो आप भी एक कर्मचारी के साथ इस तरह से असंवैधानिक कार्य करते हो। इसके लिए आपको जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
दैनिक भास्कर कार्यालय में वीरवार को पुलिस पहली बार किसी तानाशाह सम्पादक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पहुंची तो प्रताड़ना सहन करने वाले सभी कर्मचारियों ने राहत की सांस ली। गौरतलब है कि जनक राज अटवाल व अन्यों ने सुप्रीम कोर्ट में दैनिक भास्कर प्रबंधन के खिलाफ जबसे अवमानना का केस किया है, सम्पादक और एच आर प्रभारी साजबाज हो कर उन सभी कर्मचारियों को तरह तरह से प्रताड़ित कर रहे हैं, जिन्होंने हिडन में भी केस कर रखा है। इस केस में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्म अवकाश चल रहै है और कोर्ट खुलने के बाद कभी भी फैसला सुनाया जा सकता है। इसी के चलते प्रबंधकों को जेल जाने का डर सताने लगा है और बदहवासी में वो कर्मचारियों का जम कर शोषण कर रहा है। खैर पुलिस के हिसार दैनिक भास्कर कार्यालय में आने व कर्मचारियों के उत्पीड़न के खिलाफ कार्रवाई करने के चलते हिसार भास्कर के सम्पादक और एचआर प्रभारी की फटी पड़ी है।
सूत्रों की माने तो सम्पादक हिमांशु के उन काले कारनामों के चिट्ठे की भी जांच शुरू होने वाली है जिसके तहत बीते चुनावों में इसने भिवानी चरखी दादरी व अन्य कुछ जिलों के राजनीतिक लोगों से पेड न्यूज विज्ञापन के नाम पर पैसे डकार लिए। फिर चमचमाती ना केवल नई कार ली। मोटी कमाई को प्रबंधकों की जानकारी में नहीं आने दिया। अपना घर भी नया बनाया। इस सम्बंध में दो नम्बर की कमाई की रिकॉर्डिंग भी बीते दिनों वायरल हुई थी। जिसे एक नेता ने cm विंडो पर भी शिकायत के साथ भेजा है और इस सम्पादक के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। लगता है अब सम्पादक के बुरे दिन आ गए हैं।