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चपरासियों से इस्तीफे साइन कराए भास्कर ने

अपने आपको देश का सबसे बड़ा अखबार बताने वाला दैनिक भास्कर भी मजीठिया आयोग से घबराने लगा है। पहले उसने सभी कर्मचारियों से सामूहिक इस्तीफे लिए। कोर्ट ने इसे नामंजूर कर दिया और कहा कि कुछ भी कर लो लेकिन मजीठिया देना पड़ेगा।

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अपने आपको देश का सबसे बड़ा अखबार बताने वाला दैनिक भास्कर भी मजीठिया आयोग से घबराने लगा है। पहले उसने सभी कर्मचारियों से सामूहिक इस्तीफे लिए। कोर्ट ने इसे नामंजूर कर दिया और कहा कि कुछ भी कर लो लेकिन मजीठिया देना पड़ेगा।

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अब भास्कर ने वही गलती दोहराते हुए ग्रुप के सभी चपरासियों से इस्तीफे पर साइन करवा लिया है। कुछ चपरासी तो ऐसे हैं जो पिछले 25-30 साल से नौकरी कर रहे हैं। सावधान हो जाइए, अब अगली बारी एडिटोरियल की हो सकती है या प्रोडक्शन पर भी गाज गिर सकती है।

एक मीडियाकर्मी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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