मुंबई : जरा सी बारिश में भी घंटों लोकल ट्रेन रोककर मुंबईकरों की नाक में दम कर देने वाले पश्चिम रेलवे का जनसंपर्क विभाग इन दिनों हॉलीवुड की महानतम धुन का प्रचार कर रहा है। गत दिनों पश्चिम रेलवे के जनसंपर्क विभाग के ईमेल आईडी से एक न्यूज़ सभी मीडियाकर्मियों को भेजी गई.. इसमें कहीं भी रेलवे का नामोनिशान तक नहीं था… लेकिन ओफिशियल तौर पर ये मेल आई थी इसलिए भाई लोग लग लग गए इस न्यूज़ को लगाने में…
ये न्यूज़ नवभारत टाइम्स के दामोदर व्यास जी को भी रेलवे की तरफ से भेजी गई थी। दामोदर व्यास ने तुरंत उस ईमेल आईडी पर रिप्लाई भेज कर पश्चिम रेलवे को जमकर लताड़ लगाई और पूछा कि इस न्यूज़ से पश्चिम रेलवे का क्या लेना-देना है। कुछ पत्रकारों ने तो रेल मंत्री को भी ट्वीट कर ये जानकारी दे दी कि आपका पश्चिम रेलवे कर क्या रहा है.. कुछ अखबार वालों ने पश्चिम रेलवे की इस बेसिर पैर की प्रेस रिलीज को हूबहू छाप दिया कि कहीं पश्चिम रेलवे का पीआरओ नाराज न हो जाये और उनका विज्ञापन न रोक दे या उनका टिकट कन्फर्म न करे। आप भी पढिये पश्चिम रेलवे की वो प्रेस रिलीज।
यूट्यूब पर सनसनी से हॉलीवुड का भारत में अवतरण
डिजिटल वर्ल्ड आजकल यूट्यूब पर नये शानदार वीडियो से चहक उठा है। हॉलीवुड की महानतम धुनों में से कुछ धुनों को भारतीय शास्त्रीय संगीत की लय में पिरोकर बनाये गये ये वीडियो दर्शकों के दिलों पर छा रहे हैं। ये वीडियो अविस्मरणीय फिल्म ‘टाइटेनिक’ की थीम पर आधारित है, जिसमें भारतीय वाद्य यंत्रों का प्रयोग किया गया है।
इंडियन जैम प्रोजेक्ट के संस्थापक और प्रणेता तुषार लाल ने एक बार फिर बहुत ही खूबसूरत धुन पेश की है, जो आरएमएस टाइटन पर रहे उस महान संगीतकार को समर्पित है, जो बहुत ही ज़िंदादिल थे। जब टाइटन जहाज डूब रहा था, उन क्षणों में भी उस महान संगीतकार ने अपने संगीत को रुकने नहीं दिया। यह उत्तम रचना ऐसे ही जिंदादिल इंसानों के प्रति एक संगीतमय उपहार है।
22 वर्ष की युवावस्था में ही प्रतिभावान तुषार ने भारतीय शास्त्रीय वाद्य यंत्रों के ज़रिये पश्चिमी धुन पर सजी संगीतमय प्रस्तुतियों का रागबद्ध कर लिया था, जिसको यूट्यूब पर 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा लोगों ने पसंद किया है। उनका हॉलीवुड धुन का प्रसिद्ध रूपांतर ‘पायरेट ऑफ दी कैरिबियन’ उनके अन्य रूपांतर ‘हैरी पॉटर’, ‘गेम ऑफ थ्रोन’ इत्यादि की तरह 40 लाख से अधिक लोगों द्वारा देखा गया। डिजिटल दुनिया के अलावा तुषार ने सम्पूर्ण देशभर के साथ-साथ दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण पूर्वी एशिया और विश्व के अन्य देशों में अपने लाइव परफॉमेंस दिये हैं। 4 वर्ष की कम उम्र में ही तुषार ने वाद्य यंत्रों के ज़रिये अपनी साधना का सफ़र शुरू कर दिया था और यूट्यूब पर अपने चैनल पर 12 वीडियो के ज़रिये वह अपने सफ़र में बहुत आगे निकल चुके हैं।
वर्तमान में यूट्यूब पर टाइटेनिक का भारतीय संगीत संस्करण दर्शकों में सुर्खियाँ बटोर रहा है और हफ्ते के भीतर ही साढ़े 3 लाख से ज्यादा लोग इसका लुत्फ उठा चुके हैं। वर्तमान संगीत पृष्ठभूमि में तुषार ने अपनी एक पहचान बना ली है और विश्वस्तर पर ‘कम्पोजिंग लीजेंड’ के रूप में दस्तक देने के लिए वह पूरी तरह तैयार हैं।
मुंबई से पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट शशिकांत सिंह की रिपोर्ट. संपर्क : 9322411335