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आयोजन

बुक फेयर दिल्ली : लेखिका स्टॉल पर पहुँचीं और सम्पादक का खाना खा गईं!

शालिनी श्रीनेत-

गर आप दिन भर के लिए बुक फेयर जा रहे हैं और भूख बर्दाश्त नहीं होती तो बैग मे कुछ खाने वाली चीज डालकर लेते जाएं।

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कल बुकफेयर की एक घटना है। मेले में घूम रही लेखिका एक प्रकाशन के स्टॉल पर पहुँचीं, सम्पादक के लिए लाया खाना बिना कुछ पूछे-कहे खा गईं। सब कुछ फिनिश कर दिया। बेचारे संपादक भूखे रह गए। क्या करते… बाहर भी नही जा सकते अपना स्टॉल छोड़कर। वैसे किसी के भी खाने पर बेशर्मी से डाका डालने के लिए ये लेखिका मशहूर रही हैं। इससे जुड़े तमाम किस्से भी हैं।

तो जो बेचारे घर से लंच लेकर आते हैं उस पर डाका डालकर उसे भूखा रहने पर मजबूर ना करें। हम और आप तो बाहर भी जाकर खा सकते हैं। अगर कोई ऑफर भी करता है तो एक बार श्योर कर लें कि उन्होंने और उनकी टीम ने खा लिया है या नहीं…

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सूचना जनहित में जारी।

लेखिका के बारे में हिंट है कि ये आलोचक टाइप की लेखिका बिल्कुल नहीं हैं। ये कविताएं लिखती हैं, तमाम तरह के कार्यक्रम आयोजित कराती रहती हैं।

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कुछ लोगों को दूसरे का खाने में ज्यादा स्वाद मिलता है। ये तो हमेशा भूखी ही रहती हैं। जहां खाना देखा व्यवहार में ललचाई आ जाती है।

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